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नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले साइबर ठग गैंग का खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार

कोटा शहर पुलिस ने अंतरराज्यीय फाइबर ठगी की गैंग का खुलासा (kota police arrested cyber fraud) किया है. यह लोग बड़ी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लोगों को अपने चंगुल में फंसा लेते थे. कोटा की एक महिला के अपराधियों ने 26 लाख की ठगी की थी. पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

kota police arrested cyber fraud
kota police arrested cyber fraud
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Published : Mar 21, 2022, 9:35 PM IST

कोटा शहर पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए हड़पने वाली अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों की गैंग का खुलासा किया है. इस गैंग ने कोटा निवासी एक महिला के साथ में 26 लाख रुपए की साइबर ठगी की थी. इसके अलावा कई राज्यों के लोगों के साथ में लाखों रुपए की ठगी को अंजाम दिया था. पुलिस इन आरोपियों के पीछे 1 महीने से लगी हुई थी. पुलिस ने उत्तर प्रदेश और नागालैंड में कई जगह पर दबिश दी थी जिसके बाद तीन आरोपी (kota police arrested cyber fraud) पुलिस के हत्थे चढ़े हैं.

आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया जहां से सभी को 10 दिन के रिमांड पर भेजा है. आरोपियों से पूछताछ जारी है. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वह इस तरह की ठगी पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हिमाचल और राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों में कर चुके हैं. यह आरोपी अहमदाबाद निवासी ध्रुव प्रजापति, दिल्ली निवासी सैयद अखलाक, हरियाणा निवासी राहुल श्रीवास्तव, कोलकाता निवासी पप्पू जोरदार और कर्नाटक निवासी रघु के साथ में ठगी कर चुके हैं.

पढ़ें. फलौदी में हुई लूट का खुलासा, पुलिस की गिरफ्त में डकैतों की गैंग..

मामले के अनुसार कोटा शहर की आकाशवाणी कॉलोनी में रहने वाली 49 वर्षीय परमप्रीत कौर को सोशल मीडिया और मैसेज के जरिए नौकरी का झांसा दिया गया था. इसमें बड़ा बंगला, कार और अच्छी तनख्वाह की बात कही गई थी. इसमें अलग-अलग खातों में करीब 26 लाख रुपए उनसे ठग लिए गए थे. इस मामले में 13 जून 2020 को पीड़िता ने मुकदमा नयापुरा थाने में दर्ज कराया था. इसका अनुसंधान कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत के निर्देश पर रेलवे कॉलोनी थाना अधिकारी मुनीन्द्र सिंह को सौंपा था. सीआई मुनीन्द्र सिंह की टीम एक माह आरोपियों के पीछे लगी रही. इनमें नागालैंड के कोहिमा व यूपी के महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर और लखनऊ में आरोपियों को तलाश कर गिरफ्तार किया है.

पढ़ें. डकैती व चोरी करने वाला अन्तरराज्यीय गिरोह पकड़ा, पांच गिरफ्तार...70 से अधिक वारदातें कबूली

फर्जी आईडी से सिम और दूसरे लोगों के बैंक खाते का किया इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने सिम भी अलग-अलग आईडी से ली हुई थी. जिन लोगों के नाम यह आईडी में लगी हुई थी उनको इसकी जानकारी भी नहीं थी. जबकि इनका उपयोग साइबर अपराधी कर रहे थे. इसके अलावा जिन खातों में पैसा गया था वह दूसरे लोगों की फर्जी आईडी से ही थे. आरोपियों ने ठगी को अंजाम देने के लिए कॅरियर हब नाम से कंपनी बना रखी थी. ये व्यक्तियों को फोन और मैसेज कर नौकरी दिलाने का झांसा देते थे. उन्हें मोटी तनख्वाह और अमीर आदमी बनने के सपने दिखा कर ठगी को अंजाम देते थे. इस गिरोह के सदस्य ग्रामीण क्षेत्र के गरीब और अनपढ़ लोगों से खातों में केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं का पैसा आने का झांसा देकर खुलवा देते थे और फिर इनसे बैंक पासबुक और एटीएम लेते हुए इन खातों से ठगी करते थे.

कई आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी
गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के बिलग्राम तहसील के नवादा गंभीर और हाल गोमती नगर लखनऊ निवासी पंकज वर्मा, उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के कोठीभार थाना इलाके के सोहट निवासी हेमंत कुमार उर्फ मुन्ना और कोठीभार थाना इलाके के रमपुरवा गांव निवासी संजय प्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में अन्य आरोपी भी हैं जिनके संबंध में पड़ताल जारी है. पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था जहां से उन्हें 10 दिन के रिमांड पर भेजा गया है. अब ठगी की गई राशि की रिकवरी के प्रयास किए जाएंगे.

कोटा शहर पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए हड़पने वाली अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों की गैंग का खुलासा किया है. इस गैंग ने कोटा निवासी एक महिला के साथ में 26 लाख रुपए की साइबर ठगी की थी. इसके अलावा कई राज्यों के लोगों के साथ में लाखों रुपए की ठगी को अंजाम दिया था. पुलिस इन आरोपियों के पीछे 1 महीने से लगी हुई थी. पुलिस ने उत्तर प्रदेश और नागालैंड में कई जगह पर दबिश दी थी जिसके बाद तीन आरोपी (kota police arrested cyber fraud) पुलिस के हत्थे चढ़े हैं.

आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया जहां से सभी को 10 दिन के रिमांड पर भेजा है. आरोपियों से पूछताछ जारी है. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वह इस तरह की ठगी पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हिमाचल और राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों में कर चुके हैं. यह आरोपी अहमदाबाद निवासी ध्रुव प्रजापति, दिल्ली निवासी सैयद अखलाक, हरियाणा निवासी राहुल श्रीवास्तव, कोलकाता निवासी पप्पू जोरदार और कर्नाटक निवासी रघु के साथ में ठगी कर चुके हैं.

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मामले के अनुसार कोटा शहर की आकाशवाणी कॉलोनी में रहने वाली 49 वर्षीय परमप्रीत कौर को सोशल मीडिया और मैसेज के जरिए नौकरी का झांसा दिया गया था. इसमें बड़ा बंगला, कार और अच्छी तनख्वाह की बात कही गई थी. इसमें अलग-अलग खातों में करीब 26 लाख रुपए उनसे ठग लिए गए थे. इस मामले में 13 जून 2020 को पीड़िता ने मुकदमा नयापुरा थाने में दर्ज कराया था. इसका अनुसंधान कोटा शहर एसपी केसर सिंह शेखावत के निर्देश पर रेलवे कॉलोनी थाना अधिकारी मुनीन्द्र सिंह को सौंपा था. सीआई मुनीन्द्र सिंह की टीम एक माह आरोपियों के पीछे लगी रही. इनमें नागालैंड के कोहिमा व यूपी के महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर और लखनऊ में आरोपियों को तलाश कर गिरफ्तार किया है.

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फर्जी आईडी से सिम और दूसरे लोगों के बैंक खाते का किया इस्तेमाल
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने सिम भी अलग-अलग आईडी से ली हुई थी. जिन लोगों के नाम यह आईडी में लगी हुई थी उनको इसकी जानकारी भी नहीं थी. जबकि इनका उपयोग साइबर अपराधी कर रहे थे. इसके अलावा जिन खातों में पैसा गया था वह दूसरे लोगों की फर्जी आईडी से ही थे. आरोपियों ने ठगी को अंजाम देने के लिए कॅरियर हब नाम से कंपनी बना रखी थी. ये व्यक्तियों को फोन और मैसेज कर नौकरी दिलाने का झांसा देते थे. उन्हें मोटी तनख्वाह और अमीर आदमी बनने के सपने दिखा कर ठगी को अंजाम देते थे. इस गिरोह के सदस्य ग्रामीण क्षेत्र के गरीब और अनपढ़ लोगों से खातों में केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं का पैसा आने का झांसा देकर खुलवा देते थे और फिर इनसे बैंक पासबुक और एटीएम लेते हुए इन खातों से ठगी करते थे.

कई आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी
गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के बिलग्राम तहसील के नवादा गंभीर और हाल गोमती नगर लखनऊ निवासी पंकज वर्मा, उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के कोठीभार थाना इलाके के सोहट निवासी हेमंत कुमार उर्फ मुन्ना और कोठीभार थाना इलाके के रमपुरवा गांव निवासी संजय प्रताप को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में अन्य आरोपी भी हैं जिनके संबंध में पड़ताल जारी है. पुलिस के अनुसार सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था जहां से उन्हें 10 दिन के रिमांड पर भेजा गया है. अब ठगी की गई राशि की रिकवरी के प्रयास किए जाएंगे.

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