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कोटा हाई अलर्ट पर : खतरे के निशान से ऊपर बह रही चंबल नदी, सभी गेट खोले....

चंबल नदी पर बंधे हुए 4 बांधों गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. चंबल नदी में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोटा में प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था, अब उसे हाई अलर्ट पर कर दिया गया है.

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Published : Sep 14, 2019, 10:47 PM IST

Chambal river kota, चंबल नदी

कोटा. हाड़ोती और मध्य प्रदेश में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है और चंबल नदी पर बंधे हुए 4 बांधों गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है.

चंबल नदी के चारों बांधों के सभी गेट खोल की जा रही पानी की निकासी

चंबल नदी में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोटा में प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था, अब उसे हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. वहीं चंबल नदी के बहने वाले एरिया सवाई माधोपुर करौली धौलपुर को भी कोटा जिला प्रशासन ने अलर्ट पर रहने को कहा है.

पढ़ेंः पूनिया को प्रदेशाध्यक्ष बना भाजपा ने खेला 'जाट कार्ड', बिगाड़े कांग्रेस के जातीय समीकरण

वर्तमान स्थिति में कोटा बैराज से चंबल नदी में छह लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. कोटा बैराज के सभी 19 गेटों को खोल दिया गया है और उन्हें 640 फीट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. कोटा बैराज के सभी 19 गेट 10 साल बाद खोले गए हैं. इसके अलावा चंबल नदी के सबसे बड़े बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले स्थित गांधी सागर के 13 साल के बाद सभी गेट खोल दिए गए है. यहां से करीब सवा पांच लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है.

चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर के सभी 14 व बूंदी जिले में स्थित जवाहरसागर के सभी 12 गेट खोल करीब 6 लाख पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके चलते ही कोटा बैराज में लगातार छह लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

पढ़ेंः मुख्यमंत्री ने PM को लिखा पत्र, खाद्य सुरक्षा योजना के सभी पात्रों को 'आयुष्मान भारत योजना' में शामिल करने की मांग

चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर के सभी 14 व बूंदी जिले में स्थित जवाहरसागर के सभी 12 गेट खोल करीब 6 लाख पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके चलते ही कोटा बैराज में लगातार छह लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

कोटा. हाड़ोती और मध्य प्रदेश में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है और चंबल नदी पर बंधे हुए 4 बांधों गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है.

चंबल नदी के चारों बांधों के सभी गेट खोल की जा रही पानी की निकासी

चंबल नदी में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोटा में प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था, अब उसे हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. वहीं चंबल नदी के बहने वाले एरिया सवाई माधोपुर करौली धौलपुर को भी कोटा जिला प्रशासन ने अलर्ट पर रहने को कहा है.

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वर्तमान स्थिति में कोटा बैराज से चंबल नदी में छह लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. कोटा बैराज के सभी 19 गेटों को खोल दिया गया है और उन्हें 640 फीट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. कोटा बैराज के सभी 19 गेट 10 साल बाद खोले गए हैं. इसके अलावा चंबल नदी के सबसे बड़े बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले स्थित गांधी सागर के 13 साल के बाद सभी गेट खोल दिए गए है. यहां से करीब सवा पांच लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है.

चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर के सभी 14 व बूंदी जिले में स्थित जवाहरसागर के सभी 12 गेट खोल करीब 6 लाख पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके चलते ही कोटा बैराज में लगातार छह लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

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चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर के सभी 14 व बूंदी जिले में स्थित जवाहरसागर के सभी 12 गेट खोल करीब 6 लाख पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके चलते ही कोटा बैराज में लगातार छह लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.

Intro:चंबल नदी पर बंधे हुए 4 बांधों गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. चंबल नदी में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोटा में प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था, अब उसे हाई अलर्ट पर कर दिया गया है.
Body:कोटा.
हाडोती और मध्य प्रदेश में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते चंबल नदी उफान पर है और चंबल नदी पर बंधे हुए 4 बांधों गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज के सभी गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है.
चंबल नदी में लगातार पानी छोड़े जाने के चलते खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कोटा में प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था, अब उसे हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. वहीं चंबल नदी के बहने वाले एरिया सवाई माधोपुर करौली धौलपुर को भी कोटा जिला प्रशासन ने अलर्ट पर रहने को कहा है.
वर्तमान स्थिति में कोटा बैराज से चंबल नदी में छह लाख 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. कोटा बैराज के सभी 19 गेटों को खोल दिया गया है और उन्हें 640 फीट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. कोटा बैराज के सभी 19 गेट 10 साल बाद खोले गए हैं.
इसके अलावा चंबल नदी के सबसे बड़े बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले स्थित गांधी सागर के 13 साल के बाद सभी गेट खोल दिए गए है. यहां से करीब सवा पांच लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है.
चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर के सभी 14 व बूंदी जिले में स्थित जवाहरसागर के सभी 12 गेट खोल करीब 6 लाख पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके चलते ही कोटा बैराज में लगातार छह लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.



बाइट-- हरीश तिवाड़ी, बैराज अभियंता, कोटाConclusion:चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर के सभी 14 व बूंदी जिले में स्थित जवाहरसागर के सभी 12 गेट खोल करीब 6 लाख पानी की निकासी चंबल नदी में की जा रही है. इसके चलते ही कोटा बैराज में लगातार छह लाख क्यूसेक पानी की आवक हो रही है.



बाइट-- हरीश तिवाड़ी, बैराज अभियंता, कोटा
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