कोटा. नगर निगम उत्तर के 70 वार्डों के लिए गुरुवार को मतदान 555 बूथों पर आयोजित हुआ, लेकिन अधिकांश बूथों पर दोपहर 12 बजे के पहले ही भीड़-भाड़ नजर आई. वहां पर कतारें नजर सुबह के समय लगी. हालांकि ऐसा नजारा सभी बूथों पर नहीं था. कुछ ही बूथ ऐसे थे, जहां पर कतारें लगी थी. अधिकांश बूथों पर इक्के दुक्के मतदाता ही मतदान करने पहुंच रहे थे. जिला प्रशासन ने इस बार बूथों की संख्या कोविड-19 के चलते दुगनी कर दी थी. इससे भीड़ भाड़ बूथों पर नजर नहीं आई. हालांकि दोपहर 12 बजे बाद तो हालात बिलकुल उलट ही हो गए, अधिकांश बूथों पर इक्के दुक्के मतदाता ही पहुंचते रहे और पोलिंग पार्टी सुस्त बैठी नजर आती रही.
प्रत्याशियों के टेबल पर भी नजर नहीं आया उत्साह...
मतदान केंद्र से 200 मीटर दूर प्रत्याशियों को एक-एक टेबल लगाकर अपने एजेंट बैठाने की छूट दी जाती है. वहां पर हर चुनावों में ही काफी भीड़भाड़ हो जाती है. दोनों ही पक्षों के नेता वहां पर मौजूद रहते हैं, लेकिन इस बार ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ. प्रत्याशियों की जो टेबल थी, वहां भी ज्यादा लोग खड़े नहीं थे. कोविड-19 का असर साफ नजर आ रहा था. केवल एक दो एजेंट ही वहां पर मौजूद रहे. साथ ही जो लोग वोटरों को लाने ले जाने के काम में जुटे हुए थे, वहीं इन टेबल पर आते जाते रहे.
भाजपा विधायक कल्पना देवी ने नहीं किया मतदान...
भारतीय जनता पार्टी के कोटा चुनाव में बागडोर संभालने आए संभाग के संगठन प्रभारी और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी पहले कोविड-19 पॉजिटिव आ गए. इसके बाद राजसमंद की विधायक और कोटा उत्तर चुनाव के प्रभारी किरण माहेश्वरी भी कोविड-19 संक्रमित हो गई. इसके चलते अधिकांश भाजपा के नेता कोविड-19 के चलते क्वारंटाइन हो गए हैं.
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इसी के चलते लाडपुरा की विधायक जिनको सिविल लाइंस के बूथ पर मतदान करना था, वे भी वोटिंग करने नहीं पहुंचे. वह बीते दिनों इनके साथ ही मीटिंग में व्यस्त थी, साथ में टिकट वितरण से लेकर प्रचार में भी लगातार जुटी हुई थी. जब बड़े नेताओं के पॉजिटिव आने के समाचार मिले. इसके बाद उन्होंने अपने आप को भी क्वारंटाइन कर लिया है.