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VMOU में हुए 12 करोड़ के प्रिंटिंग घोटाला मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट ने जेल भेजा - VMOU में 12 करोड़ का प्रिंटिंग घोटाला मामला

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने वीएमओयू में हुए प्रिंटिंग घोटाला मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक आरोपी पब्लिकेशन कंपनी का है. वहीं, दूसरा आरोपी वीएमओयू के एमपीडी विभाग का निदेशक है. आरोपियों को न्यायायल में पेश कर जेल भेज दिया गया है.

VMOU Printing scam case, Rajasthan News, Kota News
VMOU में हुए 12 करोड़ के प्रिंटिंग घोटाला मामले में दो आरोपी गिरफ्तार
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Published : Oct 19, 2021, 10:02 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 10:29 PM IST

कोटा. वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय (Vardhman Mahaveer Open University) में हुए 12 करोड़ रुपए के प्रिंटिंग घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक आरोपी पब्लिकेशन कंपनी का है. वहीं, दूसरा वीएमओयू के एमपीडी विभाग का निदेशक है. आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है.

प्रिंटिंग घोटाला मामले की जांच बारां एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह कानावत कर रहे थे. उन्होंने तत्कालीन वित्त नियंत्रक सुरेश चंद्र को भी इस मामले में आरोपी माना है. हालांकि अभी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. मामले की जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी एसीबी बारां गोपाल सिंह कानावत ने बताया कि वर्ष 2016-17 में विश्वविद्यालय ने पाठ्य पुस्तकों के प्रिंटिंग कि निविदा निकाली थी. जिसमें शर्त थी कि वार्षिक टर्नओवर 12 करोड़ रुपए से ज्यादा वाली फर्म ही इसमें शामिल हो पाएगी, लेकिन न्यूनतम दर के आधार पर 18 पैसे प्रति पेज प्रिंटिंग दर देने वाली मथुरा की फर्म सरस्वती प्रेस को कार्यादेश दे दिया गया.

पढ़ें. जयपुर में प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत युवती से गैंगरेप मामले में 4 आरोपी पकड़े, सहकर्मी ने दोस्तों संग मिलकर किया था अगवा

इस संबंध में मथुरा की ही प्रज्ञा पब्लिकेशन के प्रफुल्ल गोयल ने जयपुर एसीबी को शिकायत की थी. बताया था कि वार्षिक टर्नओवर 12 करोड़ की जगह महज 5 करोड़ वाली फर्म को टेंडर दे दिया है. इसके साथ ही टेंडर की शर्त के अनुसार जिस पेपर पर प्रिंटिंग होनी थी, उससे घटिया स्तर के पेपर पर पाठ्य पुस्तकों को प्रिंट किया जा रहा है. इससे कोटा ओपन विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.

इस मामले में 2017 में मुकदमा एसीबी मुख्यालय ने दर्ज कर लिया था, जिसकी जांच बारां एसीबी को सौंपी थी. बारां एसीबी ने इस मामले में एमपीडी विभाग के निदेशक करण सिंह, तत्कालीन वित्त नियंत्रक सुरेश चंद्र और सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस मथुरा के अमित अग्रवाल के खिलाफ आरोप प्रमाणित माना है. जिसके बाद अमित अग्रवाल और करण सिंह को गिरफ्तार कर लिया और एसीबी कोर्ट कोटा में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.

कोटा. वर्धमान महावीर ओपन विश्वविद्यालय (Vardhman Mahaveer Open University) में हुए 12 करोड़ रुपए के प्रिंटिंग घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक आरोपी पब्लिकेशन कंपनी का है. वहीं, दूसरा वीएमओयू के एमपीडी विभाग का निदेशक है. आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है.

प्रिंटिंग घोटाला मामले की जांच बारां एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल सिंह कानावत कर रहे थे. उन्होंने तत्कालीन वित्त नियंत्रक सुरेश चंद्र को भी इस मामले में आरोपी माना है. हालांकि अभी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है. मामले की जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी एसीबी बारां गोपाल सिंह कानावत ने बताया कि वर्ष 2016-17 में विश्वविद्यालय ने पाठ्य पुस्तकों के प्रिंटिंग कि निविदा निकाली थी. जिसमें शर्त थी कि वार्षिक टर्नओवर 12 करोड़ रुपए से ज्यादा वाली फर्म ही इसमें शामिल हो पाएगी, लेकिन न्यूनतम दर के आधार पर 18 पैसे प्रति पेज प्रिंटिंग दर देने वाली मथुरा की फर्म सरस्वती प्रेस को कार्यादेश दे दिया गया.

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इस संबंध में मथुरा की ही प्रज्ञा पब्लिकेशन के प्रफुल्ल गोयल ने जयपुर एसीबी को शिकायत की थी. बताया था कि वार्षिक टर्नओवर 12 करोड़ की जगह महज 5 करोड़ वाली फर्म को टेंडर दे दिया है. इसके साथ ही टेंडर की शर्त के अनुसार जिस पेपर पर प्रिंटिंग होनी थी, उससे घटिया स्तर के पेपर पर पाठ्य पुस्तकों को प्रिंट किया जा रहा है. इससे कोटा ओपन विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है.

इस मामले में 2017 में मुकदमा एसीबी मुख्यालय ने दर्ज कर लिया था, जिसकी जांच बारां एसीबी को सौंपी थी. बारां एसीबी ने इस मामले में एमपीडी विभाग के निदेशक करण सिंह, तत्कालीन वित्त नियंत्रक सुरेश चंद्र और सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस मथुरा के अमित अग्रवाल के खिलाफ आरोप प्रमाणित माना है. जिसके बाद अमित अग्रवाल और करण सिंह को गिरफ्तार कर लिया और एसीबी कोर्ट कोटा में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 10:29 PM IST
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