कोटा. रैगिंग के मामले में कार्रवाई करते हुए तीन मेडिकोज को 1 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है. रैगिंग रोकने में नाकामयाब रहे क्लास रिप्रेजेंटेटिव को भी उनके पद से हटा दिया गया है. आज एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के बाद ये कार्रवाई की गई है. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि अभी तीन स्टूडेंट ही इस प्रकरण में दोषी पाए गए हैं. मामले में अभी जांच जारी है और अन्य स्टूडेंट के खिलाफ भी सबूत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि दोषी पाए गए माता-पिता को भी इस संबंध में नोटिस भेजा जाएगा. साथ ही जब इनका निलंबन काल खत्म होगा, तब उनके माता-पिता से लिखित में लिया जाएगा कि वह दोबारा इस तरह का कृत्य नहीं करें.
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मामले के अनुसार रैगिंग का वीडियो वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने स्वतंत्र जांच के लिए डॉ. राजेंद्र ताखर और डॉ. सुधा पंकज मीणा को जांच के लिए भेजा था. उनकी रिपोर्ट एंटी रैगिंग कमेटी में एक्शन इनीशिएटिव को भेजी गई जिसकी मीटिंग आज हुई. इस मीटिंग में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय, एकेडमिक इंचार्ज डॉ. दीपिका मित्तल, डॉ. बीएस शेखावत, डॉ. गुलाब कंवर व डॉ. राजीव सक्सेना की टीम ने निर्णय लिया है.
निलंबित हुए स्टूडेंट्स में जतिन चौधरी, आदित्य सामोटा और पवन खांडे शामिल हैं. स्टूडेंट्स का निलंबन काल 22 जुलाई से अगले 1 माह के लिए रहेगा. इसके अलावा बैच नंबर 2019 के क्लास रिप्रेजेंटेटिव हिमानी शर्मा, प्रज्ञा टांक व यशवर्धन मारवाल को इस पद से हटा दिया है.
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एलॉट नहीं होगा हॉस्टल, स्कॉलरशिप भी नहीं मिलेगी
स्टूडेंट्स को आगामी एमबीबीएस की पढ़ाई में किसी भी तरह की कोई स्कॉलरशिप नहीं दी जाएगी. साथ ही इन्हें मेडिकल कॉलेज की तरफ से किसी भी संगोष्ठी या कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए नहीं भेजा जाएगा. यह किसी भी यूथ फेस्टिवल और टूर्नामेंट में भी भाग नहीं ले पाएंगे. रैगिंग लेने के तीनों दोषी मेडिकोज को 6 महीने तक हॉस्टल का आवंटन भी नहीं किया जाएगा. साथ ही 1 महीने तक उन्हें कॉलेज के परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
गॉर्ड ने पहचाना, जूनियर कुछ भी कहने से बच रहे
रैगिंग का वीडियो वायरल होने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी थी, लेकिन इस मामले में 2020 के मेडिकोज की रैगिंग ली जा रही थी और मुर्गा बनाया गया था. वह कुछ भी कहने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि वह कॉलेज कैंपस में नहीं आए, लेकिन आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे से 3 स्टूडेंट्स को आईडेंटिफाई किया गया है. सुरक्षा में लगाए गए गार्ड ने भी इन्हें पहचाना है. ऐसे में जिन तीन स्टूडेंट के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं अन्य के खिलाफ अभी जांच जारी है.