कोटा. चंबल हादसे से पूर्व (Kota Chambal accident) चौथ का बरवाड़ा निवासी अविनाश वाल्मीकि की शनिवार देर रात निकासी निकली. इसके बाद उसके दोस्त घर पर ही काफी देर तक नाचते रहे और रात को 2:00 बजे यह सभी कार में सवार होकर बारात में शामिल होने के लिए निकले थे, लेकिन हादसे का शिकार हो गए. उनकी कार अनियंत्रित होकर कोटा की चंबल नदी में गिर गई. गाड़ी में दूल्हा, उसका भाई और जीजा के अलावा 6 दोस्त सवार थे. सभी की डूबने से मौत हो गई. इससे शादी की खुशियां मातम में बदल गई.
कोटा शहर के नयापुरा थाना इलाके में चंबल नदी की रियासत कालीन पुलिया से एक कार आज सुबह अनियंत्रित होकर चंबल नदी में गिर गई. गाड़ी में सवार सभी लोग शादी में जा रहे थे. कार में दूल्हा अविनाश, उसका भाई केशव, जीजा शुभम समेत कुल नौ लोग की मौत हो गई है. यह परिवार सवाई माधोपुर जिले के चौथ के बरवाड़ा निवासी था. हालांकि मृतकों में छह लोग जयपुर के थे. इनमें से एक दूल्हे का जीजा और पांच उसके दोस्त थे.
कोटा जिला प्रशासन ने तुरंत इन सभी के शवों का पोस्टमार्टम एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में कराया और एक के बाद एक शवों को एंबुलेंस में रखवाया. इनमें से 6 एंबुलेंस जयपुर और दो एंबुलेंस चौथ का बरवाड़ा भेजी गई है. इस दौरान एंबुलेंस में सवार दूल्हे के पिता किशन लाल और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. बस में सवार दूल्हे के एक मित्र रोशन ने बताया कि देर रात अविनाश खुद सभी दोस्तों के साथ घर पर डांस कर रहा था. वह शादी को लेकर काफी खुश था लेकिन सुबह ऐसा कुछ हो जाएगा यह कोई सोच भी नहीं सकता था. इस कार में सवार सभी 9 जनें देर रात तक निकासी में नाच रहे थे.
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दुल्हन लेने निकली बारात, 9 शव लेकर वापस लौटी
बस के ड्राइवर नाथूलाल का कहना है कि देर रात 2:00 बजे चौथ का बरवाड़ा से उज्जैन के लिए निकल गए थे. केशोरायपाटन के नजदीक उन्होंने सुबह चाय पी. इस दौरान बरात में शामिल दूल्हे की कार भी वहीं मौजूद थी. इसके बाद हम लोग निकल गए. अनंतपुरा के पास बस का टायर पंक्चर हो गया. उस दौरान भी हमने कार में सवार अन्य लोगों को फोन किया, लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया. यहां तक कि अधिकांश मोबाइल स्विच ऑफ थे. ऐसे में हम लोग और आगे निकल गए. तभी किसी अन्य व्यक्ति के पास में इस हादसे की जानकारी आई जिसके बाद हम वापस मंडाना टोल नाके से वापस कोटा की तरफ आए और फिर अस्पताल पहुंचे.
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समय से पता लगता तो बस सकती थी जान
हादसा सुबह 5:00 से 6:00 के बीच हुआ है जबकि राहगीर सुबह चंबल नदी में मछलियों को आटा डालने 8:00 बजे वहां पर पहुंचा. तब उसने इस कार को नदी में गिरा हुआ देखा. तब ही हादसे का पता चला और उसके बाद ही रेस्क्यू अभियान करीब 8:15 से शुरू किया गया. हालांकि 2 घंटे से ज्यादा समय तक डूबे रहने और सांस न ले पाने के कारण ही कार में सवार सभी 9 जनों की मौत हुई है.
कार में सवार कुछ लोगों ने निकलने की कोशिश भी की थी. ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति कार से बाहर निकल गए थे, लेकिन कार में बीच और पीछे की सीट पर बैठे छह जन बाहर नहीं मिला. कार में आगे की सीट पर बैठे दूल्हा भी बाहन नहीं निकल सका. आशंका जताई जा रही है कि यह लोग कार के पलटकर नदी में गिरने से चोटिल भी हुए थे जिस कारण बाहर नहीं निकल सके. हालांकि पुलिस और प्रशासन के लोगों का कहना है कि अगर कोई राहगीर तुरंत सूचना दे देता और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो जाता तो शायद कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती है.