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फर्जी लाइसेंस से दिया था करोड़ों का ठेका...7 साल बाद ACB का एक्शन, सरस डेयरी के पूर्व एमडी-लेखाकार गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा ग्रामीण की टीम ने 7 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने फर्जी लाइसेंस के जरिए संवेदक को ठेका दिया था. इस मामले में एसीबी ने कोटा डेयरी के पूर्व चेयरमैन श्याम बाबू वर्मा और लेखाकार अखिलेश सक्सेना को गिरफ्तार किया है.

सरस डेयरी के पूर्व एमडी, लेखाकार गिरफ्तार
सरस डेयरी के पूर्व एमडी, लेखाकार गिरफ्तार
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Published : Sep 3, 2021, 2:31 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 2:54 PM IST

कोटा. कोटा ग्रामीण एसीबी की टीम ने 7 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने फर्जी लाइसेंस के जरिए संवेदक को ठेका दे दिया था.

इसमें एसीबी ने कोटा डेयरी के पूर्व चेयरमैन श्याम बाबू वर्मा और लेखाकार अखिलेश सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं इस मामले में ठेका फर्म के संजय माथुर की गिरफ्तारी अभी बाकी है.

दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने न्यायालय में भी पेश किया है. मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि कोटा सरस डेयरी में वर्ष 2014 में एमडी के तौर पर श्याम बाबू तैनात थे. साथ ही उन्होंने चित्रांशु बहुउद्देशीय प्रमुख को फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए मैन पावर का ठेका दे दिया था. जिसका टर्नओवर करीब 1 करोड़ रुपए था.

पढ़ें- नकदी, जेवरात और शादी के दस्तावेज लेकर फरार हुई लुटेरी दुल्हन...सामने आए चौंकाने वाले खुलासे

गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों का काम फर्म के एक-एक डॉक्यूमेंट की जांच करना था. लेकिन आरोपियों ने फर्जी लाइसेंस को भी सही करार दिया. हालांकि फर्जी सर्टिफिकेट का खुलासा होने के बाद फर्म की ओर से झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज ठेके को निरस्त कर ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था, लेकिन कोटा सरस डेयरी में फर्म को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया और इसका कांट्रेक्ट भी बढ़ाते रहे.

इस मामले में कोटा एसीबी को एक परिवाद मिला था. जिसकी जांच के बाद वर्ष 2018 दिसंबर में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस संबंध में अभियोजन स्वीकृति मिलते ही कोटा एसीबी की ग्रामीण टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों पर पद के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी श्याम बाबू वर्मा और अखिलेश सक्सेना रिटायर हो चुके हैं. श्याम बाबू रिटायरमेंट के बाद संविदा पर काम कर रहे थे.

कोटा. कोटा ग्रामीण एसीबी की टीम ने 7 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने फर्जी लाइसेंस के जरिए संवेदक को ठेका दे दिया था.

इसमें एसीबी ने कोटा डेयरी के पूर्व चेयरमैन श्याम बाबू वर्मा और लेखाकार अखिलेश सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं इस मामले में ठेका फर्म के संजय माथुर की गिरफ्तारी अभी बाकी है.

दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने न्यायालय में भी पेश किया है. मामले की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत ने बताया कि कोटा सरस डेयरी में वर्ष 2014 में एमडी के तौर पर श्याम बाबू तैनात थे. साथ ही उन्होंने चित्रांशु बहुउद्देशीय प्रमुख को फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए मैन पावर का ठेका दे दिया था. जिसका टर्नओवर करीब 1 करोड़ रुपए था.

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गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों का काम फर्म के एक-एक डॉक्यूमेंट की जांच करना था. लेकिन आरोपियों ने फर्जी लाइसेंस को भी सही करार दिया. हालांकि फर्जी सर्टिफिकेट का खुलासा होने के बाद फर्म की ओर से झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज ठेके को निरस्त कर ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था, लेकिन कोटा सरस डेयरी में फर्म को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया और इसका कांट्रेक्ट भी बढ़ाते रहे.

इस मामले में कोटा एसीबी को एक परिवाद मिला था. जिसकी जांच के बाद वर्ष 2018 दिसंबर में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस संबंध में अभियोजन स्वीकृति मिलते ही कोटा एसीबी की ग्रामीण टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों पर पद के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. गिरफ्तार हुए दोनों आरोपी श्याम बाबू वर्मा और अखिलेश सक्सेना रिटायर हो चुके हैं. श्याम बाबू रिटायरमेंट के बाद संविदा पर काम कर रहे थे.

Last Updated : Sep 3, 2021, 2:54 PM IST
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