कोटा. आईआईटी और एनआईटी संस्थानों के ब्रांच स्पेसिफिकेशन में काफी फर्क (Difference between Branch of IIT and NIT) है. जिसे स्टूडेंट्स को इसे समझना होगा. सबसे अधिक दुविधा 'इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच' को लेकर है. एनआईटी संस्थानों में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन हैं. जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन भी है. वहीं आईआईटी में 'मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग भी अहम ब्रांच है. जिसका स्तर 'कंप्यूटर-साइंस' के बराबर है. एनआईटी सिस्टम में ऐसा नहीं है. विद्यार्थियों को यहां चयन में सावधानी बरतनी होगी.
ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) काउंसलिंग के तय कार्यक्रम के अनुसार 18 सितंबर को सुबह 11:30 बजे मॉक सीट एलॉटमेंट- 1 का परिणाम जारी कर होगा. यह केवल इंडिकेटिव है, यानी कि विद्यार्थी को आवंटित हो सकने वाली इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर सीट की सिर्फ संभावना को जताएगा. सीट अलॉटमेंट के दो मॉक राउंड होंगे. इन राउंड में इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर सीट आवंटित नहीं होने पर विद्यार्थी निराश नहीं हों. क्योंकि विशेषज्ञों की राय लेकर चॉइस फिलिंग के प्रायरिटी ऑर्डर में बदलाव करें. इसके बाद 20 सितंबर को मॉक सीट अलॉटमेंट 2 का इंतजार करें.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि मॉक सीट अलॉटमेंट 2 के आधार पर फिर से चॉइस फिलिंग के प्रायरिटी ऑर्डर में बदलाव करें. इसके लिए 21 सितंबर तक का समय JoSAA ने दिया हैं. शेड्यूल के आधार पर चॉइस फिलिंग और आटो लाकिंग भी 21 सितंबर को होगी. देव शर्मा ने बताया कि आईआईटी संस्थानों की 'मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग (4 वर्षीय बीटेक) भी अहम ब्रांच है. जिसका स्तर 'कंप्यूटर-साइंस' के बराबर है. एनआईटी सिस्टम में ऐसा नहीं है. विद्यार्थियों को यहां चयन में सावधानी बरतनी होगी. आईआईटी संस्थानों में 'मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग' ब्रांच की 271 सीटें हैं. जिनमें दिल्ली 89, हैदराबाद 20, रोपड़ 31, गुवाहाटी 72, गोवा 29 और धारवाड में 30 सीटें है. जबकि एनआईटी हमीरपुर में 50 सीटें मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग की है, लेकिन एक्सपर्ट की राय है कि विद्यार्थी एनआईटी सिस्टम की 'मैथमेटिक्स और कंप्यूटिंग' ब्रांच को प्राथमिकता नहीं दें. क्योंकि इस ब्रांच की स्थिति एनआईटी सिस्टम में आईआईटी जैसी नहीं है. बता दें कि JoSAA काउंसलिंग के आधार पर ही देश के विभिन्न इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर संस्थानों आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी और गवर्नमेंट फंडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स (जीएफटीआई) के अंडर ग्रेजुएट, डुएल- डिग्री इंटीग्रेटेड कोर्स में प्रवेश दिया जाता है.
ब्रांचेज के नाम एक जैसे, लेकिन कोर्स में अंतर: देव शर्मा ने बताया कि देश के 31 एनआईटी संस्थानों में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (4-वर्षीय,बीटेक) की 3207 सीटें हैं. जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन (4-वर्षीय,बीटेक) की महज 245 सीटें हैं. विद्यार्थियों को चॉइस फिलिंग के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि एनआईटी सिस्टम में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन भी अहम ब्रांच है. विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन को प्राथमिकता दें और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन ब्रांच को प्राथमिकता नहीं दें. इसी तरह से देश के 23 आईआईटी संस्थानों की बात की जाए तो यहां इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (4-वर्षीय बीटेक) की आईआईटी भुवनेश्वर, रुड़की, धनबाद और गुवाहाटी में 389 सीटें हैं. इसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन (4 वर्षीय बीटेक) की 90 सीटें आईआईटी खड़गपुर में हैं. इन दोनों ही ब्रांचेज का अपना महत्व है. विद्यार्थी अपने भविष्य की आवश्यकताओं और रूचि के अनुसार इनका चयन करें.