कोटा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में पैसे लेकर संविदा पर कार्मिकों को लगाने का मामला सामने आया है. इस मामले में एक ऑडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें आवाज सीएमएचओ ऑफिस में तैनात एक मेल नर्स सेकंड की बताई जा रही है. आरोप पर है कि इसी मेल नर्स ने पैसे लेकर कार्मिकों ने लगाए हैं. कार्मिकों ने पैसे नहीं देने पर नौकरी से हटा दिया गया है. यह वह कार्मिक है, जिनको कोविड-19 की सैंपलिंग के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कंसलटेंट एजेंसी के मार्फत लगाया था, लेकिन इन कार्मिकों ने आरोप लगाया है कि उन से अवैध रूप से 25 से 30 हजार रुपए मांगे गए. जिन लोगों ने यह पैसे दे दिए, उन्हें तो दोबारा एक्सटेंशन दे दिया गया, लेकिन जिन्होंने पैसे नहीं दिए उनको नौकरी से हटा दिया गया है.
इन लोगों ने इस संबंध में एक नोटिस भी वकील के जरिए भेजा था, जिसका जवाब अभी तक के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नहीं दिया है. हालांकि, ईटीवी भारत इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. आरोप लगाने वाले पूर्व संविदा कार्मिकों का कहना है कि उनसे मेल नर्स सेकंड ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नाम लेकर पैसे मांगे हैं. यह बात वीडियो ऑडियो में भी सामने आ रही है, जो कि उन्होंने बातचीत के दौरान ही कमरे में रिकॉर्ड किया था. इन पीड़ितों का कहना है कि उन्हें संवेदक की तरफ से दी जाने वाली सैलरी भी कम थी. उन्हें यहां पर भुगतान 7000 रुपए से ज्यादा के आसपास मिला था. उसमें से 1300 रुपए संवेदक की ओर से वापस ले लिए जाते हैं.
इस पूरे प्रकरण पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि इस मामले में उनका कोई लेना देना नहीं है, यह जो ऑडियो क्लिप है. इसमें आवाज किसकी है, इसकी जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा. उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा गया कि उनका नाम लेकर पैसा मांगा जा रहा है, तब उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में इस तरह का कोई मामला नहीं आया है. कंसलटेंट अगर कम पैसे देता है, तो इस संबंध में उस पर भी कार्रवाई की जाएगी, जो श्रम विभाग के नियम है. उनके अनुसार ही उसे पैसा कार्मिकों को देना होता है.