कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन के तीसरे चरण का देशव्यापी आयोजन आज 20 जुलाई से होगा. तीसरे चरण के लिए रजिस्टर्ड विद्यार्थियों की संख्या फरवरी में आयोजित पहले चरण से करीब 50 हजार ज्यादा है.
इसी तरह मार्च में आयोजित दूसरे चरण से यह संख्या 1 लाख अधिक है. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि फरवरी में आयोजित प्रथम चरण के लिए 6 लाख 52 हजार और मार्च में आयोजित दूसरे चरण के लिए 6 लाख 19 हजार विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया था. जबकि आज 20 जुलाई से आयोजित तीसरे चरण के लिए 7 लाख 9 हजार विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
देव शर्मा ने बताया कि तीसरे चरण के लिए विद्यार्थियों की बढ़ी हुई संख्या से साफ है कि कोविड-19 महामारी की खतरनाक दूसरी लहर भी विद्यार्थियों के उत्साह को कम नहीं कर पाई है. आपात परिस्थितियों के चलते हुए भी 7 लाख 9 हजार विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. जेईई मेन के तीसरे सेशन में देश-विदेश के 334 परीक्षा शहरों में आयोजित होगा. यह परीक्षा आठ शिफ्टों में प्रत्येक दिन सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 3 से 6 बजे तक होगी.
तीसरे सेशन की परीक्षा में 7 लाख से ज्यादा विद्यार्थी परीक्षा देंगे. इसमें शिवज्योति इंटरनेशनल स्कूल, परीक्षा डेस्क और वायबल सोल्युशन्स शामिल हैं. स्टूडेंट्स को पेपर देने जाते समय सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म ले जाना होगा, जिसमें खुद के द्वारा ही सत्यापित करना होगा कि वह कोविड-19 नेगेटिव है.
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जेईई मेन 2020 व 2021 के फरवरी एवं मार्च अटेम्प्ट का अनुभव यह बताता है कि ऑनलाइन परीक्षा के दौरान तकनीकी व्यवधान होते हैं. देव शर्मा ने बताया कि जेईई मेन परीक्षा के दौरान कंप्यूटर व उससे संबंधित उपकरणों में तकनीकी खराबी आने पर विद्यार्थियों को घबराना नहीं है, धैर्य रखना है. एग्जामिनेशन हॉल इनविजीलेटर व सेंटर सुपरीटेंडेंट को सूचित करने के बाद तकनीकी खराबी दूर होने का इंतजार करना है. तकनीकी खामी को दूर करने में लगे समय का विद्यार्थी पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि परीक्षा के नियमानुसार विद्यार्थी को 3 घंटे का समय दिया जाएगा. कंप्यूटर सिस्टम पर कार्यरत 'डिजिटल-क्लॉक' यह नियंत्रित करती है कि विद्यार्थी को किसी भी परिस्थिति में प्रश्न पत्र हल करने के लिए 3 घंटे का समय मिले.
देव शर्मा ने बताया कि यदि विद्यार्थी को किसी "रीजनल लैंग्वेज" या फिर "इंग्लिश" में कोई क्वेश्चन स्पष्ट नहीं है, तो वह क्वेश्चन पेपर का मीडियम परिवर्तित कर सकता है. मीडियम परिवर्तन की यह प्रक्रिया कितनी भी बार अपनाई जा सकती है. देव शर्मा ने बताया कि "आंर्सड एंड मार्कड फॉर रिव्यू" क्वेश्चंस जरूर इवेलुएट किए जाएंगे. इसलिए यदि इस प्रकार के क्वेश्चन पर विद्यार्थी को किसी भी प्रकार का डाउट है, तो वह उसे दुबारा जांच कर प्रश्न 'अटेम्प्ट' करने या 'ड्रॉप' करने का निर्णय ले, ताकि नेगेटिव-मार्किंग से बचा जा सके.
देव शर्मा ने बताया कि विशेष योग्यजन विद्यार्थियों के लिए जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में विशेष व्यवस्था की गई है. विशेष योग्यजन विद्यार्थियों को एग्जामिनेशन पेपर हल करने के लिए 1 घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाएगा. चाहे वे इसके लिए स्क्राइब की से सेवाएं लें या नहीं लें. देव शर्मा ने बताया कि यदि कोई विशेष योग्यजन विद्यार्थी 'स्क्राइब' की सेवा लेना चाहता है तो 'स्क्राइब' का कोविड नेगेटिव होना आवश्यक है. विशेष-योग्यजन विद्यार्थियों को वैलिड डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट व स्क्राइब संबंधी सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म परीक्षा केंद्र पर ले जाना अनिवार्य है.