कोटा. फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल का दर्शाया गया गलत चरित्र चित्रण अब पूरे देश भर में विवाद का कारण बन चुका है. कई सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन तक रोक दिया गया है. इसी तरह से मंगलवार को कोटा में भी हाड़ौती जाट समाज ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया. समाज के संभागीय अध्यक्ष सत्यनारायण चौधरी के नेतृत्व में फिल्म के निर्माता-निर्देशकों का पुतला जलाते हुए साफ चेतावनी दी है कि अगर फिल्म को राजस्थान या कहीं भी दिखाया गया तो जाट समाज पूरी तरह से आंदोलन करेगा और फिल्म निर्माता-निर्देशकों को सबक सिखाएगा.
बता दें कि सैकड़ों की संख्या में जाट समाज के लोग कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए. जहां पर उन्होंने फिल्म निर्माता-निर्देशक आशुतोष गोवारिकर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने कहा कि महाराजा सूरजमल को गलत तरीके से फिल्म में पेश किया गया है. इस विषय में जाट समाज ने अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा है. जिसमें साफ तौर पर कहा है कि फिल्म राजस्थान की किसी भी सिनेमाघर में नहीं चलने दी जाएगी. इस फिल्म पर रोक लगाई जाए. अगर फिर भी फिल्म प्रदर्शित की जाती है तो वह सीधे सिनेमाघरों पर कार्रवाई करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.
बाड़मेर में भी फिल्म पानीपत का जमकर हो रहा विरोध
वहीं, बाड़मेर में भी फिल्म पानीपत का जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. दरअसल शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म पानीपत को राजस्थान के कई हिस्सों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में बाड़मेर में सर्व समाज के लोगों ने एडवोकेट डालूराम चौधरी के नेतृत्व में जिला कलेक्टर अंशदीप को ज्ञापन सौंपकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इस पर एडवोकेट डालूराम चौधरी ने कहा कि फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के चरित्र को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है. साथ ही इतिहास के तथ्यों को भी गलत तरीके से पेश किया गया है. जिसके चलते उन्होंने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.