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पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, इनवेस्टरों का पैसा वापस दिलाने की मांग - पर्ल्स कंपनी के विरोध में प्रदर्शन

पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों के साथ पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कोटा जिला कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि सेबी (SEBI) को निर्देश देकर पर्ल्स कंपनी की संपत्ति को बेचकर निवेशकों का पैसा दिलाया जाए.

Protest of investors of Pearls company, Pearls company fraud
पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
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Published : Jan 8, 2021, 5:06 PM IST

कोटा. निवेशकों का पैसा हड़पने के बाद बंद हुई कंपनी पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों के साथ पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी सर्किट हाउस के बाहर इकट्ठा हुए और यहां से पैदल बारिश में भीगते हुए नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने इन सभी को संबोधित किया.

पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि केंद्र सरकार को सेबी को निर्देश देकर एजेंटों और निवेशकों के पैसे दिलाने चाहिए. क्योंकि यह लोग एक-दो नहीं करोड़ों लोग हैं. उन्होंने मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को सेबी को निर्देश दे कि तुरंत पल्स ग्रीन की संपत्ति को बेचे और इन सभी निवेशकों और एजेंटों का पैसा लौटाया जाए. सरकार ऐसा नहीं करती है तो वह आर-पार की लड़ाई इसके लिए लड़ेंगे.

पढ़ें- Exclusive: गहलोत के राज में ठगे गए अन्न दाता और युवा, ये failure सरकार है: अजमेर सांसद

इस दौरान प्रदर्शनकारी एजेंट और निवेशकों ने जमकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही सेबी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी अपने निशाने पर लिया है. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को इसके लिए ज्ञापन भी दिया है.

एजेंट बोले हमारी तो नौकरी चली गई, लेकिन निवेशकों के पैसा दे सरकार

प्रदर्शन में शामिल एजेंट का कहना है कि पीएसीएल बंद होने के बाद सेबी ने उसे अधिग्रहित कर लिया है. जिसकी करोड़ों की प्रॉपर्टी पूरे देश भर में है. इस सभी प्रॉपर्टी को नीलाम कर उनका पैसा सरकार ले और निवेशकों को उसका भुगतान किया जाए. इन लोगों का कहना है कि हमें निवेशक रोज तंग करते हैं.

देश भर में करीब 70 लाख एजेंट हैं, जबकि जो निवेशक हैं भी 7 करोड़ से ज्यादा हैं. ऐसे में जिन निवेशकों का पैसा डूबा है, वह रोज हमारे पास आकर इस पैसे की मांग करते हैं. हम सभी एजेंट की नौकरी भी नहीं रही है, लेकिन स्थिति हमारी भी खराब है. साथ ही जिन निवेशकों का पैसा है, वह हमें जीने भी नहीं देते हैं.

कोटा. निवेशकों का पैसा हड़पने के बाद बंद हुई कंपनी पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों के साथ पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी सर्किट हाउस के बाहर इकट्ठा हुए और यहां से पैदल बारिश में भीगते हुए नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने इन सभी को संबोधित किया.

पर्ल्स कंपनी के निवेशकों और एजेंटों ने किया कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि केंद्र सरकार को सेबी को निर्देश देकर एजेंटों और निवेशकों के पैसे दिलाने चाहिए. क्योंकि यह लोग एक-दो नहीं करोड़ों लोग हैं. उन्होंने मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को सेबी को निर्देश दे कि तुरंत पल्स ग्रीन की संपत्ति को बेचे और इन सभी निवेशकों और एजेंटों का पैसा लौटाया जाए. सरकार ऐसा नहीं करती है तो वह आर-पार की लड़ाई इसके लिए लड़ेंगे.

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इस दौरान प्रदर्शनकारी एजेंट और निवेशकों ने जमकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही सेबी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी अपने निशाने पर लिया है. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को इसके लिए ज्ञापन भी दिया है.

एजेंट बोले हमारी तो नौकरी चली गई, लेकिन निवेशकों के पैसा दे सरकार

प्रदर्शन में शामिल एजेंट का कहना है कि पीएसीएल बंद होने के बाद सेबी ने उसे अधिग्रहित कर लिया है. जिसकी करोड़ों की प्रॉपर्टी पूरे देश भर में है. इस सभी प्रॉपर्टी को नीलाम कर उनका पैसा सरकार ले और निवेशकों को उसका भुगतान किया जाए. इन लोगों का कहना है कि हमें निवेशक रोज तंग करते हैं.

देश भर में करीब 70 लाख एजेंट हैं, जबकि जो निवेशक हैं भी 7 करोड़ से ज्यादा हैं. ऐसे में जिन निवेशकों का पैसा डूबा है, वह रोज हमारे पास आकर इस पैसे की मांग करते हैं. हम सभी एजेंट की नौकरी भी नहीं रही है, लेकिन स्थिति हमारी भी खराब है. साथ ही जिन निवेशकों का पैसा है, वह हमें जीने भी नहीं देते हैं.

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