कोटा. जिले के ग्रामीण इलाके इटावा के नजदीक चंबल नदी में दीपावली के समय चद्दर से बंधी हुई एक महिला का शव मिला था. इस मामले में पुलिस ने दो महीने बाद महिला के पति को गिरफ्तार किया है. महिला का पति सवाई माधोपुर में उसकी हत्या कर दी थी और एक बैग में शव को लेकर चंबल नदी पहुंचा और फेंक दिया. इसके बाद उस बैग को भी घटनास्थल से दूर ले गया.
मामला सामने आने के बाद कोटा ग्रामीण पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. इसके बाद महिला की शिनाख्त नहीं होने के कारण कोटा ग्रामीण पुलिस इसका खुलासा नहीं कर पा रही थी. सवाई माधोपुर में गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल की. मामले में पति से पूछताछ की गई तो उसने पूरी बात स्वीकार कर ली. इसके बाद खुलासा हुआ कि कोटा चंबल नदी में मिली शव मौसमी मीणा की थी.
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आरोपी पति नरेश मीणा ने बताया कि सवाई माधोपुर के श्याम नगर स्थित मकान में उसने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके बाद शव को चंबल नदी में फेंक दिया. गिरफ्तार होने के बाद पति नरेश मीणा ने बताया कि उसकी पत्नी मौसमी पर उसे शक था कि उसके अवैध संबंध किसी के साथ है, ऐसे में उसने हत्या कर दी.
इस मामले में दर्ज हुए थे 3 मुकदमे
मृतका मौसमी मीणा के मामले में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं. कोटा ग्रामीण पुलिस ने 17 नवंबर को शव मिलते ही इटावा थाने में मुकदमा दर्ज किया. इसके बाद 24 दिसंबर को मौसमी के लापता होने के बाद उसके पिता ने सवाई माधोपुर कोतवाली थाने में दर्ज करवाया गया. वहीं, मृतका के पति नरेश मीणा ने भी सवाई माधोपुर के कोतवाली थाना में 5 जनवरी को मुकदमा दर्ज करवाया था.
नरेश मीणा ने रिपोर्ट दर्ज करवाया कि उसकी पत्नी किसी परिचित के साथ फरार हो गई. रिपोर्ट में पति नरेश मीणा ने यह भी लिखा है कि वह घर से 20 हजार रुपए भी ले गई है. हालांकि, 24 दिसंबर को पिता की रिपोर्ट के बाद पति की रिपोर्ट दर्ज करना भी संदेह के घेरे में था.
पति को छोड़कर अपने भाई के साथ ही पति की तरह रहने लगी
मृतका मौसमी और हत्यारा नरेश मामा-बुआ के भाई बहन हैं. उसकी शादी वर्ष 2011 में ही टोंक के नगरफोर्ट में हुई थी. उसके पहले पति से एक बच्ची भी थी, जिसको छोड़कर वह 2014 में अपने भाई नरेश के साथ पति-पत्नी की तरह रहने लगी. वह अपनी 3 साल की बेटी को भी लेकर आई थी. इसके बाद नरेश से भी उसकी एक बेटी हो गई. पहले जयपुर रहे और उसके बाद में सवाई माधोपुर शहर में ही आकर रहने लग गए.