कोटा. भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में माफियाओं और हिस्ट्रीशीटर के मकान तोड़ना अब आम हो गया है. पुलिस कार्रवाई के साथ अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी भी काम करती है और वे उनके मकानों और अवैध निर्माणों को तोड़ देती है.
ऐसा ही अब कांग्रेस सरकार भी करने जा रही है और राजस्थान का संभवत पहला मामला कोटा में ही हुआ है. जहां पर हिस्ट्रीशीटर आरोपी के मकान को भी निशाना बनाकर तोड़ा गया, जिसकी कार्रवाई कोटा में हुई. आरोपी असलम शेर खान उर्फ चिंटू फायरिंग सहित न्यायालय में लंबित 4 प्रकरणों में फरार चल रहा है. इसके अलावा वह गुमानपुरा थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है. उसके गिरफ्तार नहीं होने पर पुलिस के साथ-साथ नगरीय विकास न्यास कोटा भी कार्रवाई कर रही है.
रात से ही तैयार थी फोर्स
यूआईटी और पुलिस ने असलम शेर खान उर्फ चिंटू के मकान को तोड़ने की पूरी तैयारी पहले ही कर ली थी. इसके लिए दिन भी निश्चित कर लिया था. जब वह 25 जनवरी को यूआईटी में उपस्थित नहीं हुआ. हालांकि असलम शेर खान उर्फ चिंटू की पत्नी निशा खान ने यूआईटी को नोटिस का जवाब दिया. जिसमें बताया कि यह मकान उसका है. असलम शेर खान उर्फ चिंटू ने उसके नाम रजिस्टर्ड कर दिया, लेकिन यूआईटी के रिकॉर्ड में सेल परमिशन लेने की बात सामने आई है. ऐसे में मकान का नाम ट्रांसफर नहीं हो सकता है.
वहीं, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस होने के चलते कार्रवाई 1 दिन टाल दी गई और 27 जनवरी को सुबह के लिए इसे निश्चित किया गया. जिसके लिए शहर पुलिस से भी पूरी फोर्स तैनात करवाई गई. पुलिस के आला अधिकारियों के साथ कमांडो से लेकर सामान्य और सादा वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए. यूआईटी के वरिष्ठ अधिकारी से लेकर अतिक्रमण निरोधक दस्ता और यूआईटी थाने का पूरा स्टाफ भी मौके पर पहुंचा.
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जिनके साथ जेसीबी, डंपर और अन्य संसाधन थे. जिन्होंने पीला पंजा असलम शेर खान उर्फ चिंटू के मकान पर चलाया और उसके घर को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी. हालांकि केवल छत पर ही दस्ता जाकर तोड़फोड़ कर रहा है. उपकरणों का उपयोग नहीं लिया जा रहा है. वह केवल खड़े हुए हैं और किसी भी व्यक्ति को पुलिस अंदर नहीं जाने दे रही है.
4 मंजिला बना रखा है मकानः
असलम शेर खान उर्फ चिंटू में 4 मंजिला मकान बना रखा है. साथ ही जो भूतल पर दुकानें भी बनाई हुई है. नीचे एक नोटिस भी चस्पा किया गया है कि असलम शेर खान चिंटू से मिलना है तो यहां सम्पर्क करें. जहां एक मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है. जिस पर ही संपर्क किया जाए. हालांकि अभी वह फरार है, तो किसी से मिल भी नहीं रहा है. यहां तक कि पुलिस को भी भनक नहीं लग पा रही है कि वह कहां है इसीलिए उसे यूआईटी के नोटिस के जरिए कोटा बुलाने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन उसके नहीं आने पर मकान को तोड़ दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे 21 दिन में हाईकोर्ट में पेश करने के आदेशः
सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात और एक लाख रुपए का इनामी अपराधी असलम शेर खान चिंटू को 21 दिन में गिरफ्तार कर राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद तो पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि चिंटू फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के सारे प्रयास कर रही है, लेकिन वह नहीं मिल पा रहा है. जिसके बाद से ही उसके घर के बाहर पुलिस ने पहरा लगा दिया था. सादा वर्दी में पुलिसकर्मी भी तैनात थे.
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इसके अलावा कमांडो और सामान्य पुलिस भी वहां मौजूद थी. 24 घंटे वहां पर निगरानी रखी जा रही थी. इसके बावजूद भी असलम शेर खान चिंटू नहीं आ रहा है. साथ ही पुलिस ने कई राज्यों में टीमें गठित करके भी भेजी है. यही नहीं उसके सभी करीबियों पर भी पुलिस निगरानी रखे हुए है. चिंटू के संभावित ठिकानों पर भी 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है.
25 जनवरी को उपस्थित होने के लिए निर्देशः
नगर विकास न्यास ने असलम शेर खान चिंटू के घर के बाहर जो नोटिस चस्पा किया था. उसमें 25 जनवरी दोपहर 3 बजे तक यूआईटी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया था.
यूआईटी ने बनाया था पूरा प्लानः
हाईकोर्ट से पुलिस को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने के निर्देश जारी हुए थे. जिसके बाद से पुलिस महकमा पूरी तरह से आरोपी असलम शेर खान चिंटू को पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है. हालांकि उसके सामने नहीं आने और पता नहीं लगने पर उन्होंने नगर विकास न्यास का भी सहारा लिया.
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इसी के तहत यूआईटी की तरफ से उसके घर का मौका निरीक्षण करवाया गया. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही राजस्थान नगर विकास अधिनियम 1951 की धारा 91ए और 91बी के जरिए नोटिस जारी किए गए थे. जिसमें 25 जनवरी तक यूआईटी में उपस्थित होने के लिए कहा था, लेकिन उपस्थित नहीं होने की स्थिति में जी प्लस 3 के निर्माण को तोड़ा जाएगा. इसका खर्चा भी मकान मालिक से ही लिया जाएगा.
डीजीपी ने घोषित किया था एक लाख का इनाम
फरार चल रहे असलम शेर खान चिंटू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने काफी प्रयास किए हैं. पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर के अनुमोदन पर असलम शेर खान चिंटू पर एक लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी. इसके लिए पुलिस ने जगह-जगह पोस्टर भी चस्पा किए हैं. जिन पर असलम शेर खान की सूचना देने वाले को एक लाख रुपए का इनाम देने की बात कही गई है.
बीजेपी से जुड़ा हुआ था असलम शेर खान
असलम शेर खान चिंटू जिसके मकान को तोड़ा गया है. वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हुआ था. यहां तक कि अल्पसंख्यक मोर्चे में भी बस सक्रिय रहा था. पार्टी के कई कार्यक्रमों में भी मौजूद रहता था. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने एक बार उसे पदाधिकारी भी बना दिया था, लेकिन हिस्ट्रीशीटर होने के चलते विरोध हुआ और इसके बाद उसे पद से हटाया गया था. इसके बाद असलम शेर खान चिंटू का नाम नाग नागिन मंदिर के पास हुई फायरिंग में आया था. इसका मुख्य आरोपी भी वहीं था. जिसके बाद से ही उसकी सक्रियता कम हो गई.