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बीजेपी प्रदेश की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने में जुटी, आरोप पत्र झूठ का पुलिंदा: परसादी लाल मीणा - State health minister targets BJP

बीजेपी के जारी किए गए आरोप पत्र को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने झूठ का पुलिंदा बताया. साथ ही कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. विकास के मुद्दे और महंगाई पर भी कतराती है. कानून व्यवस्था को खराब करने में बीजेपी जुटी हुई (State health minister targets BJP) है.

State health minister targets BJP
बीजेपी प्रदेश की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने में जुटी, आरोप पत्र झूठ का पुलिंदा: परसादी लाल मीणा
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Published : Apr 28, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Apr 28, 2022, 11:44 PM IST

कोटा. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा गुरुवार को एकदिवसीय कोटा दौरे पर (Health minister Parsadi Lal Meena in Kota) आए. यहां सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में उन्होंने अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने के मानदेय को बीजेपी की साजिश बताया. उन्होंने बीजेपी की ओर से जारी आरोप पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया (Health minister on charge sheet issued by BJP) है.

अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने की घटना पर मीणा ने कहा कि यहां बीजेपी का बोर्ड है. यह सब उन्हीं का किया कराया है. बीजेपी के नगर पालिका चेयरमैन ने यह जानबूझकर किया. उन्हें सजा मिलेगी. इस मामले में उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया है. कांग्रेस का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हम मंदिर का पुनर्निर्माण करवाएंगे. बीजेपी के जारी किए गए आरोप पत्र को मंत्री मीणा ने झूठ का पुलिंदा बताया. साथ ही कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी विधानसभा में कोई बात नहीं करती है. विकास के मुद्दे और महंगाई पर भी कतराती है. कानून व्यवस्था को खराब करने में बीजेपी जुटी हुई है. दौसा की डॉ अर्चना शर्मा का मुद्दा देशव्यापी मुद्दा बन गया. इस पर बीजेपी के नेता कोई जवाब नहीं देते हैं.

पढ़ें: गहलोत के इस्तीफे की मांग पर 5 मई को अलवर में भाजपा का बड़ा प्रदर्शन, जयपुर में जारी किया आरोप पत्र...

सरस्वती प्रतिमा हटाने का कोई आदेश नहीं: मीणा ने कहा कि अलवर के पीड़ितों को सरकार मुआवजा देगी. किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जाएगा. विधायक मदन दिलावर की कांग्रेस पार्टी पर की गई टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहूंगा. मदन दिलावर कुछ भी बोल सकते हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से उनके खिलाफ नहीं बोल सकता. स्कूलों में सरस्वती प्रतिमा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतिमा को हटाने का आदेश जारी नहीं हुआ है. ऐसे किसी आदेश की भी मुझे जानकारी नहीं है.

परसादी लाल मीणा ने बीजेपी के आरोप पत्र पर दिया यह बयान...

कोर्ट ने दोषी साबित नहीं किया दंगे के आरोपियों को: छबड़ा दंगों के आरोपी आसिफ हसाडी के सीएमओ में आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि उसे दोषी साबित नहीं किया गया है. ऐसा कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री और मुझसे भी मिल सकता है. कोर्ट जब तक आरोपी को दोषी साबित नहीं करती, उसे अपराधी नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तो जेल भी जा कर आए हैं, क्या वह अपराधी हैं? कोर्ट ने उन्हें पहले दोषी बताया. बाद में बरी कर दिया था. एफआईआर किसी भी के भी खिलाफ दर्ज कराई जा सकती है.

पढ़ें: CMR रोजा इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के आरोपी को लेकर पूनिया और राठौड़ ने साधा मुख्यमंत्री पर निशाना...

विपक्ष को दिशा भ्रम हो गया: राजेंद्र राठौड़ के गहलोत पीनल कोड के बयान पर मीणा ने कहा कि बीजेपी को तकलीफ ये है कि गहलोत सरकार अच्छे से चल रही है. भाजपा की सारी योजनाएं धराशाई हो गईं. वह छोटी-छोटी बातों को लेकर आंदोलन करते हैं. प्रदेश की सरकार विकास कर रही है और अच्छी योजनाएं लेकर आई हैं. इसीलिए विपक्ष अपना काम नहीं कर रहा है. केवल इधर—उधर की बातें कर रहा है. विपक्ष को दिशा भ्रम हो गया है. पेट्रोल-डीजल और महंगाई पर यह लोग कोई बात नहीं करते हैं.

बूस्टर डोज पर सीएम लेंगे जल्द फैसला: मीणा ने कहा कि कोरोना पर पूरी तरह से कंट्रोल है. वैक्सीनेशन के कारण तीसरी लहर में कोई असर नहीं हुआ. स्कूल से लेकर ट्रांसपोर्ट और बाजार सब कुछ खुले हुए हैं. इसलिए केस आने लगे हैं. विदेशों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया है. दिल्ली या अन्य राज्यों की अपेक्षा में राजस्थान की स्थिति कंट्रोल में है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि 6 से 12 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन जल्दी शुरू होगा. यहां पहली डोज का वैक्सीनेशन 98 व दूसरी 92 फीसदी लग चुकी है. बूस्टर डोज निजी अस्पतालों में सशुल्क लग रही है. इस पर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री जल्द कोई फैसला लेंगे.

पढ़ें: CHA ने CM गहलोत को भेजे खून से लिखे 1000 पोस्टल कार्ड, कहा- मांग पूरी नहीं तो चुनाव में हर्जाना भुगतेगी सरकार

धरना देने पहुंचे कोविड-19 सहायकों को पुलिस ने खदेड़ा: दूसरी तरफ, चिकित्सा मंत्री के कोटा दौरे को देखते हुए कोविड-19 सहायकों ने भी विरोध का रुख अपनाया था. प्रदर्शनकारी शहीद स्मारक घंटाघर चौराहे पर धरना देने पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस ने यहां आए कोविड-19 सहायकों को खदेड़ दिया. कोविड-19 सहायकों का कहना है कि हमने जब सेवाएं दी थी. तब कोई व्यक्ति हमसे पूछने नहीं आया था. साथ ही जयपुर में 1 महीने से धरना चल रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हम कोटा में भी धरना देना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं होने का हवाला दिया और हमें खदेड़ दिया. सरकार की इस मनमानी के चलते हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा, यह लंबा चलेगा.

कोटा. प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा गुरुवार को एकदिवसीय कोटा दौरे पर (Health minister Parsadi Lal Meena in Kota) आए. यहां सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में उन्होंने अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने के मानदेय को बीजेपी की साजिश बताया. उन्होंने बीजेपी की ओर से जारी आरोप पत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया (Health minister on charge sheet issued by BJP) है.

अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने की घटना पर मीणा ने कहा कि यहां बीजेपी का बोर्ड है. यह सब उन्हीं का किया कराया है. बीजेपी के नगर पालिका चेयरमैन ने यह जानबूझकर किया. उन्हें सजा मिलेगी. इस मामले में उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया है. कांग्रेस का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हम मंदिर का पुनर्निर्माण करवाएंगे. बीजेपी के जारी किए गए आरोप पत्र को मंत्री मीणा ने झूठ का पुलिंदा बताया. साथ ही कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. बीजेपी विधानसभा में कोई बात नहीं करती है. विकास के मुद्दे और महंगाई पर भी कतराती है. कानून व्यवस्था को खराब करने में बीजेपी जुटी हुई है. दौसा की डॉ अर्चना शर्मा का मुद्दा देशव्यापी मुद्दा बन गया. इस पर बीजेपी के नेता कोई जवाब नहीं देते हैं.

पढ़ें: गहलोत के इस्तीफे की मांग पर 5 मई को अलवर में भाजपा का बड़ा प्रदर्शन, जयपुर में जारी किया आरोप पत्र...

सरस्वती प्रतिमा हटाने का कोई आदेश नहीं: मीणा ने कहा कि अलवर के पीड़ितों को सरकार मुआवजा देगी. किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जाएगा. विधायक मदन दिलावर की कांग्रेस पार्टी पर की गई टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में कुछ भी नहीं कहूंगा. मदन दिलावर कुछ भी बोल सकते हैं. मैं व्यक्तिगत रूप से उनके खिलाफ नहीं बोल सकता. स्कूलों में सरस्वती प्रतिमा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतिमा को हटाने का आदेश जारी नहीं हुआ है. ऐसे किसी आदेश की भी मुझे जानकारी नहीं है.

परसादी लाल मीणा ने बीजेपी के आरोप पत्र पर दिया यह बयान...

कोर्ट ने दोषी साबित नहीं किया दंगे के आरोपियों को: छबड़ा दंगों के आरोपी आसिफ हसाडी के सीएमओ में आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि उसे दोषी साबित नहीं किया गया है. ऐसा कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री और मुझसे भी मिल सकता है. कोर्ट जब तक आरोपी को दोषी साबित नहीं करती, उसे अपराधी नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तो जेल भी जा कर आए हैं, क्या वह अपराधी हैं? कोर्ट ने उन्हें पहले दोषी बताया. बाद में बरी कर दिया था. एफआईआर किसी भी के भी खिलाफ दर्ज कराई जा सकती है.

पढ़ें: CMR रोजा इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के आरोपी को लेकर पूनिया और राठौड़ ने साधा मुख्यमंत्री पर निशाना...

विपक्ष को दिशा भ्रम हो गया: राजेंद्र राठौड़ के गहलोत पीनल कोड के बयान पर मीणा ने कहा कि बीजेपी को तकलीफ ये है कि गहलोत सरकार अच्छे से चल रही है. भाजपा की सारी योजनाएं धराशाई हो गईं. वह छोटी-छोटी बातों को लेकर आंदोलन करते हैं. प्रदेश की सरकार विकास कर रही है और अच्छी योजनाएं लेकर आई हैं. इसीलिए विपक्ष अपना काम नहीं कर रहा है. केवल इधर—उधर की बातें कर रहा है. विपक्ष को दिशा भ्रम हो गया है. पेट्रोल-डीजल और महंगाई पर यह लोग कोई बात नहीं करते हैं.

बूस्टर डोज पर सीएम लेंगे जल्द फैसला: मीणा ने कहा कि कोरोना पर पूरी तरह से कंट्रोल है. वैक्सीनेशन के कारण तीसरी लहर में कोई असर नहीं हुआ. स्कूल से लेकर ट्रांसपोर्ट और बाजार सब कुछ खुले हुए हैं. इसलिए केस आने लगे हैं. विदेशों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया है. दिल्ली या अन्य राज्यों की अपेक्षा में राजस्थान की स्थिति कंट्रोल में है. पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि 6 से 12 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन जल्दी शुरू होगा. यहां पहली डोज का वैक्सीनेशन 98 व दूसरी 92 फीसदी लग चुकी है. बूस्टर डोज निजी अस्पतालों में सशुल्क लग रही है. इस पर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री जल्द कोई फैसला लेंगे.

पढ़ें: CHA ने CM गहलोत को भेजे खून से लिखे 1000 पोस्टल कार्ड, कहा- मांग पूरी नहीं तो चुनाव में हर्जाना भुगतेगी सरकार

धरना देने पहुंचे कोविड-19 सहायकों को पुलिस ने खदेड़ा: दूसरी तरफ, चिकित्सा मंत्री के कोटा दौरे को देखते हुए कोविड-19 सहायकों ने भी विरोध का रुख अपनाया था. प्रदर्शनकारी शहीद स्मारक घंटाघर चौराहे पर धरना देने पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस ने यहां आए कोविड-19 सहायकों को खदेड़ दिया. कोविड-19 सहायकों का कहना है कि हमने जब सेवाएं दी थी. तब कोई व्यक्ति हमसे पूछने नहीं आया था. साथ ही जयपुर में 1 महीने से धरना चल रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हम कोटा में भी धरना देना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं होने का हवाला दिया और हमें खदेड़ दिया. सरकार की इस मनमानी के चलते हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा, यह लंबा चलेगा.

Last Updated : Apr 28, 2022, 11:44 PM IST
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