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हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत उर्फ गुड्डू का राजपासा कंफर्म, 14 साल की उम्र में बन गया अपराध का दूसरा नाम - police action

हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत उर्फ गुड्डू पर राजपासा के तहत पुलिस ने कार्रवाई की जिसे हाईकोर्ट ने कंफर्म कर दिया है. अब उसे एक साल जेल में ही रहना होगा.

हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत का राजपासा कंफर्म
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Published : Jul 28, 2021, 9:11 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 10:10 PM IST

कोटा. कुख्यात अपराधी और हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत उर्फ गुड्डू पर की गई राजपासा के तहत कार्रवाई को हाईकोर्ट ने कंफर्म किया है. आरोपी हजरत उर्फ गुड्डू ने वर्ष 1996 में 14 साल की उम्र में पहली वारदात को अंजाम दिया था जिसके बाद कई अपराध कर वह जरायम की दुनिया में बड़ा नाम बन गया.

कोटा के अलावा पूरे हाड़ौती में उसने कई वारदातों को अंजाम दिया. उसके खिलाफ हत्या, लूट, बलात्कार जैसे कई संगीन मुकदमे शामिल हैं. इस मामले में कोटा शहर पुलिस ने राजपासा की कार्रवाई शुरू की थी.

जिसको राजपासा में राजस्थान प्रदेश में हजरत गुड्डू का पहला मामला हैं जिसे हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने कंफर्म किया है. अब इस मामले में पूरे 1 साल आरोपी हजरत उर्फ गुड्डू को जेल में ही रहना होगा.

हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत का राजपासा कंफर्म

पढ़ें- अलवर के भर्तहरि धाम में साधु की हत्या करने वाले दो लोग चढ़े पुलिस के हत्थे

पुलिस और जेल कर्मियों पर भी की थी फायरिंग और हमला

हजरत उर्फ गुड्डू ने बारां जिले के मोठपुर में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कैशियर लक्ष्मण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं बैंक मैनेजर मोहनलाल त्यागी पर भी पिस्टल से कई गोलियां दागी थीं. आरोपी रुपयों से भरा सूटकेस और सोने की चेन लूट कर भाग गया था.

इसके बाद गुमानपुरा पुलिस जब इसको केशोरायपाटन में पकड़ने गई थी तो इसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी. जेल में बंद रहने के दौरान भी हजरत ने जेल कर्मियों से मारपीट की थी. उस मामले में भी हजरत को सजा हुई है.

यह वर्ष 2008 से 2014 तक 6 साल जेल में ही रहा है. इसके अलावा भी उसके खिलाफ हत्या के प्रयास के 8, बलात्कार के 2, लूट के 4, रंगदारी के 3, चोरी व नकबजनी के 9, डकैती की साजिश के 1, सरकारी जमीन पर कब्जे के 1, अवैध शराब कारोबार के 2 और धोखाधड़ी का 1 प्रकरण दर्ज किया जा चुका है.

पढ़ें- SOG की गिरफ्त में आई विदेशी महिलाओं का बड़े साइबर अपराध गिरोह से संबंध, इस DEVICE से करती थी ATM हैक

धमकाकर 19 मामलों में हो गया था बरी

आरोपी के खिलाफ कुल 43 संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे जिनमें से 42 प्रकरणों में अपराध प्रमाणित हो जाने पर चालान भी पेश किया. जबकि मुंबई में हाल ही में एक युवक का अपहरण कर धमकाकर उससे रुपए लेने के मामले में चालान पेश होना बाकी है. उसका इतना आतंक था कि 19 मामलों में गवाहों को धमकाकर और राजीनामा कर न्यायालय से बरी हो गया. जबकि 20 मामलों में इसे सजा हुई है. तीन मामलों में न्यायालय में ट्रायल चल रहा है और एक मामले में चालान पेश होना बाकी है.

राजपासा को हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने किया कंफर्म

मामले के अनुसार जिला कलेक्ट्रेट में कोटा शहर पुलिस ने राजपासा के लिए इस्तगासा पेश किया था जिस पर जिला कलेक्टर ने हजरत उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. जिसके बाद 1 जून को ही कोटा शहर पुलिस में हजरत उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद इस तरह से राज्य सरकार ने 12 दिन बाद अनुमोदन कर दिया और उसके बाद ही हाईकोर्ट के तीन सदस्यीय एडवाइजरी बोर्ड ने 12 जुलाई को इसे कंफर्म किया है जिसके लिए तीन बार सुनवाई हुई थी. इसके बाद राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने 26 जुलाई को इसके लिए आदेश भी पारित कर दिया, जिसके अनुसार अब 31 मई 2022 तक हजरत उर्फ गुड्डू को जेल में ही रखा जाएगा.

कोटा. कुख्यात अपराधी और हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत उर्फ गुड्डू पर की गई राजपासा के तहत कार्रवाई को हाईकोर्ट ने कंफर्म किया है. आरोपी हजरत उर्फ गुड्डू ने वर्ष 1996 में 14 साल की उम्र में पहली वारदात को अंजाम दिया था जिसके बाद कई अपराध कर वह जरायम की दुनिया में बड़ा नाम बन गया.

कोटा के अलावा पूरे हाड़ौती में उसने कई वारदातों को अंजाम दिया. उसके खिलाफ हत्या, लूट, बलात्कार जैसे कई संगीन मुकदमे शामिल हैं. इस मामले में कोटा शहर पुलिस ने राजपासा की कार्रवाई शुरू की थी.

जिसको राजपासा में राजस्थान प्रदेश में हजरत गुड्डू का पहला मामला हैं जिसे हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने कंफर्म किया है. अब इस मामले में पूरे 1 साल आरोपी हजरत उर्फ गुड्डू को जेल में ही रहना होगा.

हार्डकोर हिस्ट्रीशीटर हजरत का राजपासा कंफर्म

पढ़ें- अलवर के भर्तहरि धाम में साधु की हत्या करने वाले दो लोग चढ़े पुलिस के हत्थे

पुलिस और जेल कर्मियों पर भी की थी फायरिंग और हमला

हजरत उर्फ गुड्डू ने बारां जिले के मोठपुर में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कैशियर लक्ष्मण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वहीं बैंक मैनेजर मोहनलाल त्यागी पर भी पिस्टल से कई गोलियां दागी थीं. आरोपी रुपयों से भरा सूटकेस और सोने की चेन लूट कर भाग गया था.

इसके बाद गुमानपुरा पुलिस जब इसको केशोरायपाटन में पकड़ने गई थी तो इसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी. जेल में बंद रहने के दौरान भी हजरत ने जेल कर्मियों से मारपीट की थी. उस मामले में भी हजरत को सजा हुई है.

यह वर्ष 2008 से 2014 तक 6 साल जेल में ही रहा है. इसके अलावा भी उसके खिलाफ हत्या के प्रयास के 8, बलात्कार के 2, लूट के 4, रंगदारी के 3, चोरी व नकबजनी के 9, डकैती की साजिश के 1, सरकारी जमीन पर कब्जे के 1, अवैध शराब कारोबार के 2 और धोखाधड़ी का 1 प्रकरण दर्ज किया जा चुका है.

पढ़ें- SOG की गिरफ्त में आई विदेशी महिलाओं का बड़े साइबर अपराध गिरोह से संबंध, इस DEVICE से करती थी ATM हैक

धमकाकर 19 मामलों में हो गया था बरी

आरोपी के खिलाफ कुल 43 संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए थे जिनमें से 42 प्रकरणों में अपराध प्रमाणित हो जाने पर चालान भी पेश किया. जबकि मुंबई में हाल ही में एक युवक का अपहरण कर धमकाकर उससे रुपए लेने के मामले में चालान पेश होना बाकी है. उसका इतना आतंक था कि 19 मामलों में गवाहों को धमकाकर और राजीनामा कर न्यायालय से बरी हो गया. जबकि 20 मामलों में इसे सजा हुई है. तीन मामलों में न्यायालय में ट्रायल चल रहा है और एक मामले में चालान पेश होना बाकी है.

राजपासा को हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड ने किया कंफर्म

मामले के अनुसार जिला कलेक्ट्रेट में कोटा शहर पुलिस ने राजपासा के लिए इस्तगासा पेश किया था जिस पर जिला कलेक्टर ने हजरत उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. जिसके बाद 1 जून को ही कोटा शहर पुलिस में हजरत उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद इस तरह से राज्य सरकार ने 12 दिन बाद अनुमोदन कर दिया और उसके बाद ही हाईकोर्ट के तीन सदस्यीय एडवाइजरी बोर्ड ने 12 जुलाई को इसे कंफर्म किया है जिसके लिए तीन बार सुनवाई हुई थी. इसके बाद राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने 26 जुलाई को इसके लिए आदेश भी पारित कर दिया, जिसके अनुसार अब 31 मई 2022 तक हजरत उर्फ गुड्डू को जेल में ही रखा जाएगा.

Last Updated : Jul 28, 2021, 10:10 PM IST
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