कोटा. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकास कार्य जारी हैं. रिवर फ्रंट के प्रवेश द्वार और पार्किंग के लिए यूआईटी ने अधिग्रहित किए 12 मकानों को जमींदोज कर दिया.
यहां बड़ा पार्क भी बनाया जाएगा. इसी को लेकर यूआईटी का अतिक्रमण निरोधक दस्ता शनिवार दोपहर मौके पर पहुंचा और मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की. यूआईटी के अमले ने करीब 3 घंटे में सभी मकानों को हटा दिया. कार्रवाई के बाद मलबा हटाने के लिए बड़ी तादाद में मशीनरी लगाई गई.
कार्रवाई चंबल नदी की पुलिया के नीचे नदी से 300 मीटर तक की गई. यहां बने कई मकान 3-4 मंजिला थे जिनमें 100 से ज्यादा लोग रह रहे थे. हालांकि इन सभी लोगों को पहले ही शिफ्ट कर दिया गया था. संभावित विरोध के मद्देनजर कार्रवाई के दौरान पुलिस का जाप्ता भी मौजूद रहा.
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न्यास के दस्ते में तहसीलदार कैलाश मीणा, पुलिस निरीक्षक आशीष भार्गव, कानूनगो शिव प्रकाश टाटू, कपिल सोनी शैलेंद्र जायसवाल, रामधन मीणा व पटवारी हरीश प्रजापति मौजूद रहे.
पहले ही खाली करा लिए थे मकान
इन सभी 12 अधिग्रहित मकानों से लोगों को पुनर्वास कर शिफ्ट कर दिया गया था. साथ ही उनका सामान भी यहां से हटा दिया गया था. यूआईटी के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने पहले ही इन लोगों को उचित मुआवजा देकर सहमति से हटा दिया था. जिसमें इनको भूखंड और मकान के साथ-साथ राशि भी दी गई है. यूआईटी ने करीब 4 महीने पहले भी इसी तरह से कार्रवाई करते हुए करीब 30 से ज्यादा मकान इसी इलाके में हटाए थे.