कोटा. प्रदेश के किसी भी शहर में बना इस तरह का यह पहला निर्माण होगा, जिसमें रोटरी फ्लाईओवर बनेगा. यह फ्लाईओवर रोटरी के साथ ही नीचे उतरता हुआ आएगा. इसके साथ ही इस फ्लाईओवर के नीचे ही एक अंडरपास और रोटरी भी बनेगी, जिसके चारों ओर चक्कर लगाकर 4 तरफ से आ रहा ट्रैफिक मिल जाएगा. इस पूरे चौराहे की हर सड़क 7 मीटर चौड़ी होगी. यहां तक कि रोटरी के चारों तरफ बनने वाली सड़क दुगनी चौड़ाई की है.
खत्म हो जाएगा ट्रैफिक हर्डल...
कुन्हाड़ी चौराहे पर भी भारी यातायात का दबाव है. यह शहर के व्यस्ततम चौराहे में एक है. जयपुर की तरफ से आने वाले सभी वाहन इस चौराहे पर गुजरते हैं, जिन्हें कोटा शहर में आना है. इसके अलावा चंबल नदी की आने और जाने की दोनों पुलिया इस चौराहे के नजदीक ही उतरती और शुरू होती हैं. इसके चलते काफी ट्रैफिक हर्डल यहां पर होता है. इसी को देखते हुए पूरा समाधान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर कंसलटेंट अनूप भरतरिया ने निकाला है. इस कार्य के पहले चरण में अंडरपास का निर्माण 5 करोड़ की लागत से शुरू भी करवा दिया है, जबकि 27 करोड के टेंडर प्रक्रिया रोटरी फ्लाईओवर बनने के लिए शुरू कर दिए हैं.
एक साथ होगा पांच निर्माण, देखने आएंगे लोग...
निर्माण की पूरी जगह पर एक साथ 5 निर्माण बनेंगे. इनमें यू-टर्न, अंडर व ओवरब्रिज, रोटरी और स्लिप लेन शामिल हैं. महाराणा प्रताप की प्रतिमा के चक्कर लगाते हुए फ्लाईओवर उतरेगा. इसके अलावा नीचे की तरफ एक पूरा रोटरी भी महाराणा प्रताप की प्रतिमा के साथ यहां पर बनाया जाएगा. नगर विकास न्यास के अधिकारियों का कहना है कि जब यह बनकर तैयार हो जाएगा, तो पूरा शहर ही नहीं आसपास के एरिया के लोग इस सर्किल को देखने के लिए आएंगे. क्योंकि यह अपने आप में अनूठा और अलग प्रयोग है.
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32 करोड़ का होगा खर्चा...
नगर विकास न्यास के अधिकारियों की बात मानी जाए तो इस पूरे प्रोजेक्ट में 32 करोड़ रुपये का खर्चा नगर विकास न्यास करेगा. इसमें 27 करोड़ रुपये महाराणा प्रताप की प्रतिमा के चक्कर लगाकर बनने वाले रोटरी फ्लाईओवर व सर्किल पर खर्च होंगे. इसके अलावा चंबल नदी की दोनों पुलियाओं को तोड़कर एक अंडरपास निकाला जा रहा है, जिससे कि बालिता की तरफ से आने वाले लोगों को सीधा रास्ता मिल सकेगा. चौराहे से दिन भर में करीब 30,000 वाहन गुजरते हैं.
इस तरह का होगा निर्माण और गुजरेंगे लोग...
- जयपुर की तरफ से आने वाले वाहन जिनको कोटा में प्रवेश करना है, वह रेलवे ओवरब्रिज से उतरते ही एक फ्लाईओवर पर चढ़ेंगे. यह फ्लाईओवर कुन्हाड़ी चौराहे पर जब पहुंचेगा, तब रोटरी की तरह टर्न होता हुआ चंबल नदी की कोटा की तरफ आने वाली पुलिया के पहले खत्म हो जाएगा. यह फ्लाईओवर महाराणा प्रताप की प्रतिमा के चक्कर लगाते हुए रोटरी के साथ ही नीचे उतरेगा. इसके बाद यह वाहन चंबल नदी की नई पुलिया से कोटा शहर की तरफ चले जाएंगे.
- जयपुर के तरफ से आने वाले वाहन जो कि बालिता की तरफ जा रहे हैं, उन्हें रेलवे और ब्रिज उतरने के बाद किसी भी फ्लाईओवर पर नहीं चढ़ना है. यह सीधा रास्ता स्लिप लेन से होता हुआ बालिता की तरफ चला जाएग.
- जयपुर के तरफ से जो लोग आ रहे हैं और उन्हें कुल्हाड़ी की तरफ जाना है. ऐसे लोग पहले फ्लाईओवर पर चलेंगे और फ्लाईओवर के नीचे उतरते ही उन्हें रोटरी के रास्ते से कुन्हाड़ी की तरफ जाने का मार्ग.
- चंबल नदी के दोनों पुलिया के अंतिम छोर के पहले ही अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है. इसके जरिए कुन्हाड़ी की तरफ से आने वाले वाहन सीधे बालिता की तरफ चले जाएंगे.
- कोटा शहर की तरफ से जयपुर जाने वाले लोगों के लिए महाराणा प्रताप प्रतिमा के चारों तरफ बनने वाली रोटरी के चक्कर लगाकर स्लिप लेन से निकल जाएंगे. यह लोग जैसे ही चंबल की पुलिया से उतरेंगे, तुरंत स्लिप लेन का उपयोग कर लेंगे.
- कुल्हाड़ी की तरफ से जो लोग बालिता की तरफ भी जाएंगे, उनके लिए रोटरी के साथ अभी जो वर्तमान में रास्ता चौराहे पर होकर गुजर रहा है, उसका उपयोग भी कर सकेंगे.
- बालिता से कोटा शहर की तरफ आने वाले लोग जैसे ही महाराणा प्रताप चौराहे पर पहुंचेंगे, उन्हें कोटा जाने के लिए पुलिया के कोने से रास्ता दिया गया है. इसके अलावा अगर उन्हें कुन्हाड़ी जाना है, तो वे रोटरी के चक्कर लगाकर जा सकते हैं और साथ ही अंडरपास का उपयोग भी कर सकते हैं.