कोटा. जिले के बहुचर्चित जिला परिषद के रिश्वत कांड में सोमवार को जिला प्रमुख और कांग्रेस नेता सुरेंद्र गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर ली है. अब इस मामले में जल्द ही जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर की गिरफ्तारी भी हो सकती है.
वहीं, मामले के अनुसार जिला परिषद में जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर के निजी सहायक चंद्र प्रकाश गुप्ता 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए थे. इस मामले में दूसरा आरोपी जिला परिषद में कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव है, जो फरार चल रहा था. लेकिन पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि जयपुर मुख्यालय ने एफआईआर नंबर 374 में जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर, जिला प्रमुख के पीए चंद्र प्रकाश गुप्ता और जिला परिषद के निर्माण शाखा के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव को आरोपी बनाया है.
पढ़ेंः कोटा में बेटी पैदा होने पर पति ने पत्नी को जलाया, हालत गंभीर
एसीबी के पास जिला प्रमुख के खिलाफ पुख्ता सबूत
एसीबी के पास पुख्ता सबूत है कि इस मामले में जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर की भूमिका है. जिसके चलते ही उन्होंने इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर के लिए जो सिफारिश की थी. उसमें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुए चंद्र प्रकाश गुप्ता, इस मामले में दूसरे आरोपी कमल कांत वैष्णव और जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर शामिल है.
पहले भूमिगत, फिर सामने आए और अब फिर भूमिगत
घटना के बाद से ही जिला प्रमुख सुरेंद्र गुर्जर भूमिगत हो गए थे, उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ था. हालांकि, रविवार को वे कोटा के सिविल लाइन स्थित अपने सरकारी निवास पर मौजूद थे. वहीं, सोमवार को भी वे जिला परिषद में अपने कार्यालय में पहुंचे.
लेकिन सोमवार को जब ईटीवी भारत ने उनसे बात कर मिलने के लिए कहा तो उन्होंने पहले तो घर पर होने की बात कही, बाद में ऑफिस, फिर वापस घर पर होने की बात कही. इसके बाद उन्होंने कह दिया कि वह जयपुर जा रहे हैं. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की भनक लगते ही वह वापस भूमिगत हो गए हैं. उन्हें डर सता रहा है कि कहीं एसीबी उन्हें गिरफ्तार न कर ले.