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कोटा: भारत बंद में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, थम गए ट्रकों के चक्के...बंद का मिलाजुला असर - Rajasthan News

कृषि कानूनों के विरोध में आज संयुक्त किसान मोर्चा ने भी कोटा बंद रखा है. कांग्रेस सहित कई संगठनों ने इसका समर्थन किया है. हालांकि, कोटा में बंद का मिलाजुला असर ही नजर आ रहा है.

Effect of Bharat Bandh in Kota, Rajasthan News
भारत बंद में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली
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Published : Sep 27, 2021, 11:51 AM IST

Updated : Sep 27, 2021, 2:18 PM IST

कोटा. कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया था. इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने भी कोटा बंद रखा है. इसको कांग्रेस सहित कई संगठनों ने समर्थन दिया है. हालांकि बंद का मिलाजुला असर कोटा में नजर आ रहा है. कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता रैली निकाल रहे हैं और व्यापारियों से बंद रखने की अपील कर रहे हैं, लेकिन इसका असर ज्यादा नजर नहीं आ रहा है.

पढ़ें- Bharat Bandh : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का 'भारत बंद', दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर लगा 'महाजाम'

संयुक्त किसान मोर्चा भी शहर में अलग-अलग जगह रैली निकाल रहा है. स्टेशन से लेकर घटोत्कच चौराहा केशवपुरा, तलवंडी, जवाहर नगर, दादाबाड़ी, छावनी कई जगह पर रैली निकाली जा रही है. इसके साथ ही कोटा में किसानों ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली. सर्वोदय किसान मंडल की यह रैली हमीरपुर के नेतृत्व में निकली. इसके साथ ही इंटक और अन्य कई संगठनों ने भी बोरखेड़ा, छावनी, गुमानपुरा व सब्जी मंडी इलाके को बंद करवाया है, लेकिन असर ज्यादा जगह पर नजर नहीं आया. सुबह से ही बाजार खुले हुए थे.

भारत बंद में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी का कहना है कि वे शांतिपूर्वक तरीके से रैली निकालकर आम जनता से अपील कर रहे हैं कि दुकानों को बंद कर लें. उनकी रैली छावनी चौराहे से शुरू होती हुई गुमानपुरा मुख्य बाजार रामपुरा इलाके तक जाएगी. साथ ही जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने यह भी कहा कि बीते 1 साल से आंदोलन चल रहा है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. त्यागी ने कहा कि 700 से ज्यादा किसान अब तक दम तोड़ चुके हैं. साथ ही सैकड़ों बार जगह-जगह आंदोलन हो चुका है.

1500 ट्रकों के भी नहीं चले चक्के

ट्रांसपोर्ट कंपनीज एसोसिएशन ने भी भारत बंद में सहयोग किया है. इसके तहत ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन के 560 से ज्यादा ट्रांसपोर्ट अपने अपने विकल्प को नहीं चलाने का निर्णय लिया है. इसके तहत 1500 से ज्यादा ट्रकों के पहिए थम गए हैं, जिससे कि करोड़ों रुपए का माल सप्लाई नहीं हो पाएगा. साथ ही लाखों रुपए का नुकसान ट्रांसपोर्टर्स को भी होगा. इन ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं, जिससे कि उन्हें नुकसान हो रहा है.

कोटा. कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया था. इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने भी कोटा बंद रखा है. इसको कांग्रेस सहित कई संगठनों ने समर्थन दिया है. हालांकि बंद का मिलाजुला असर कोटा में नजर आ रहा है. कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता रैली निकाल रहे हैं और व्यापारियों से बंद रखने की अपील कर रहे हैं, लेकिन इसका असर ज्यादा नजर नहीं आ रहा है.

पढ़ें- Bharat Bandh : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का 'भारत बंद', दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर लगा 'महाजाम'

संयुक्त किसान मोर्चा भी शहर में अलग-अलग जगह रैली निकाल रहा है. स्टेशन से लेकर घटोत्कच चौराहा केशवपुरा, तलवंडी, जवाहर नगर, दादाबाड़ी, छावनी कई जगह पर रैली निकाली जा रही है. इसके साथ ही कोटा में किसानों ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली. सर्वोदय किसान मंडल की यह रैली हमीरपुर के नेतृत्व में निकली. इसके साथ ही इंटक और अन्य कई संगठनों ने भी बोरखेड़ा, छावनी, गुमानपुरा व सब्जी मंडी इलाके को बंद करवाया है, लेकिन असर ज्यादा जगह पर नजर नहीं आया. सुबह से ही बाजार खुले हुए थे.

भारत बंद में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी का कहना है कि वे शांतिपूर्वक तरीके से रैली निकालकर आम जनता से अपील कर रहे हैं कि दुकानों को बंद कर लें. उनकी रैली छावनी चौराहे से शुरू होती हुई गुमानपुरा मुख्य बाजार रामपुरा इलाके तक जाएगी. साथ ही जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने यह भी कहा कि बीते 1 साल से आंदोलन चल रहा है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. त्यागी ने कहा कि 700 से ज्यादा किसान अब तक दम तोड़ चुके हैं. साथ ही सैकड़ों बार जगह-जगह आंदोलन हो चुका है.

1500 ट्रकों के भी नहीं चले चक्के

ट्रांसपोर्ट कंपनीज एसोसिएशन ने भी भारत बंद में सहयोग किया है. इसके तहत ट्रांसपोर्ट कंपनी एसोसिएशन के 560 से ज्यादा ट्रांसपोर्ट अपने अपने विकल्प को नहीं चलाने का निर्णय लिया है. इसके तहत 1500 से ज्यादा ट्रकों के पहिए थम गए हैं, जिससे कि करोड़ों रुपए का माल सप्लाई नहीं हो पाएगा. साथ ही लाखों रुपए का नुकसान ट्रांसपोर्टर्स को भी होगा. इन ट्रांसपोर्टर्स की मांग है कि केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ा दिए हैं, जिससे कि उन्हें नुकसान हो रहा है.

Last Updated : Sep 27, 2021, 2:18 PM IST
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