ETV Bharat / city

कोटा: गिरदावरी नहीं होने से औने-पौने दामों पर गेहूं बेचने को मजबूर किसान

कोटा की भामाशाह मंडी में प्रतिदिन 60 से 75 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है. लेकिन किसानों को गेहूं की फसल का एमएसपी 1975 रुपये नहीं मिल रहा है. क्योंकि पटवारियों की हड़ताल के चलते इस बार गिरदावरी नहीं हुई और सरकारी कांटे पर बिना गिरदावरी के फसल नहीं बिकती है. वहीं निजी व्यापारी किसानों से 250 से 300 रुपये सस्ते में गेहूं खरीद रहे हैं.

author img

By

Published : Apr 6, 2021, 5:17 PM IST

wheat price in rajasthan,  crop girdawari in rajasthan
कोटा में औने-पौने दामों पर गेहूं बेचने को मजबूर किसान

कोटा. एशिया की सबसे बड़ी कोटा जिले की भामाशाह मंडी में इन दिनों गेहूं की बंपर आवक हो रही है. रोजाना 60 से 75 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है. मंडी में लगे सरकारी कांटे खाली पड़े हुए हैं. गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल है. लेकिन किसानों को गिरदावरी नहीं मिलने के चलते सस्ते दामों में अपना गेहूं बेचना पड़ रहा है. किसानों को प्रति क्विंटल लगभग 250 से 300 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढे़ं: Exclusive: वायरल फोन टेप ऑडियो मामले में जोगेश्वर गर्ग ने कहा- मुझसे गलती हुई...भावावेश में निकले ऐसे बोल

किसानों ने कहा कि पटवारियों की हड़ताल के चलते नई गिरदावरी बनी नहीं है और सरकारी कांटों पर एमएसपी पर फसल बेचने के लिए गिरदावरी जरूरी होती है. ऐसे में उनको समर्थन मूल्य से कम पैसों में गेहूं की फसल बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि घरों में इतना गेहूं रखने की जगह नहीं है. बरसात में फसल के खराब होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में मजबूर होकर वो कम पैसों में फसल बेच रहे हैं.

किसानों पर गिरदावरी की मार

किसानों ने बताया कि भामाशाह मंडी में मंगलवार को 1671 रुपये प्रति क्विंटल में गेहूं बेचा है. गेहूं का भाव 1671 से 1950 रुपये रहा. समय पर गिरदावरी नहीं बनने के चलते किसानों को कम दामों में गेहूं बेचने पढ़ रहे हैं.

गिरदावरी क्या होती है

पटवारी फसल की गिरदावरी करता है कि किस किसान ने कितने बीघा में कौनसी फसल बोई है. यह रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेजों में भी दर्ज होता है. और किसान को एक टोकन दिया जाता है. किसान यहीं गिरदावरी का टोकन दिखाकर सरकारी कांटे पर एमएसपी पर फसल बेच सकता है. लेकिन पिछले कई दिनों से पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिसके चलते गिरदावरी नहीं हो पाई.

कोटा. एशिया की सबसे बड़ी कोटा जिले की भामाशाह मंडी में इन दिनों गेहूं की बंपर आवक हो रही है. रोजाना 60 से 75 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो रही है. मंडी में लगे सरकारी कांटे खाली पड़े हुए हैं. गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल है. लेकिन किसानों को गिरदावरी नहीं मिलने के चलते सस्ते दामों में अपना गेहूं बेचना पड़ रहा है. किसानों को प्रति क्विंटल लगभग 250 से 300 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पढे़ं: Exclusive: वायरल फोन टेप ऑडियो मामले में जोगेश्वर गर्ग ने कहा- मुझसे गलती हुई...भावावेश में निकले ऐसे बोल

किसानों ने कहा कि पटवारियों की हड़ताल के चलते नई गिरदावरी बनी नहीं है और सरकारी कांटों पर एमएसपी पर फसल बेचने के लिए गिरदावरी जरूरी होती है. ऐसे में उनको समर्थन मूल्य से कम पैसों में गेहूं की फसल बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि घरों में इतना गेहूं रखने की जगह नहीं है. बरसात में फसल के खराब होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में मजबूर होकर वो कम पैसों में फसल बेच रहे हैं.

किसानों पर गिरदावरी की मार

किसानों ने बताया कि भामाशाह मंडी में मंगलवार को 1671 रुपये प्रति क्विंटल में गेहूं बेचा है. गेहूं का भाव 1671 से 1950 रुपये रहा. समय पर गिरदावरी नहीं बनने के चलते किसानों को कम दामों में गेहूं बेचने पढ़ रहे हैं.

गिरदावरी क्या होती है

पटवारी फसल की गिरदावरी करता है कि किस किसान ने कितने बीघा में कौनसी फसल बोई है. यह रिकॉर्ड सरकारी दस्तावेजों में भी दर्ज होता है. और किसान को एक टोकन दिया जाता है. किसान यहीं गिरदावरी का टोकन दिखाकर सरकारी कांटे पर एमएसपी पर फसल बेच सकता है. लेकिन पिछले कई दिनों से पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिसके चलते गिरदावरी नहीं हो पाई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.