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कोटा: किसानों ने अपनी मांगों को लेकर निकाला पैदल मार्च, कलेक्ट्रेट पर धरना देकर सौंपा ज्ञापन

कोटा में मंगलवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला. इसके बाद कलेक्ट्रेट पर धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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Published : Aug 18, 2020, 9:37 PM IST

Farmers protest, कोटा न्यूज़
कोटा में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

कोटा. भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान पूरे प्रदेश में अपनी विभन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कोटा में मंगलवार को किसान सर्किट हाउस में एकत्रित हुए और वहां से पैदल मार्च करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. इसके बाद कलेक्ट्रेट पर धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

कोटा में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

पढ़ें: बीकानेर: खेजड़ी के पेड़ों को काटने पर ग्रामीणों में रोष, डीएम को सौंपा ज्ञापन

किसानों का कहना है कि वो बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, टिड्डी दलों के हमले और पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से जूझ रहे हैं. साथ ही विद्युत विभाग की ओर से विद्युत बिलों में मिलने वाला 833 रुपये मासिक का अनुदान रोक कर और विद्युत बिलों में पेनल्टी शुरू होने से किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम हो रहा है.

किसानों ने कहा कि इसी बीच कोरोना महामारी के चलते से जल्दी खराब होने वाली सब्जी, फल और फूलों की फसलों में भी बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा रहा है. वहीं, कृषि जिंसों के भाव में आई भारी गिरावट से किसानों को आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है, जिससे किसान का विद्युत बिल जमा करवाने में समर्थ नहीं है. ऐसे में कृषि विद्युत बिलों का बहिष्कार का निर्णय लेने को मजबूर हो गए हैं.

पढ़ें: भीलवाड़ा SP ने किया नवाचार, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए शहर की मंडियों में लगवाई बैरिकेडिंग

किसान अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में विद्युत बिलों का बहिष्कार कर प्रदेशव्यापी आंदोलन कर रहे हैं. लगातार धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन के बावजूद मांग नहीं माने जाने पर किसानों ने 21 अगस्त को कृषि मंडी, फल मंडी, दूध और सब्जी का कारोबार बंद करने की चेतावनी दी है.

कोटा. भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान पूरे प्रदेश में अपनी विभन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कोटा में मंगलवार को किसान सर्किट हाउस में एकत्रित हुए और वहां से पैदल मार्च करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे. इसके बाद कलेक्ट्रेट पर धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

कोटा में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

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किसानों का कहना है कि वो बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, टिड्डी दलों के हमले और पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से जूझ रहे हैं. साथ ही विद्युत विभाग की ओर से विद्युत बिलों में मिलने वाला 833 रुपये मासिक का अनुदान रोक कर और विद्युत बिलों में पेनल्टी शुरू होने से किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम हो रहा है.

किसानों ने कहा कि इसी बीच कोरोना महामारी के चलते से जल्दी खराब होने वाली सब्जी, फल और फूलों की फसलों में भी बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा रहा है. वहीं, कृषि जिंसों के भाव में आई भारी गिरावट से किसानों को आर्थिक स्थिति बदतर हो गई है, जिससे किसान का विद्युत बिल जमा करवाने में समर्थ नहीं है. ऐसे में कृषि विद्युत बिलों का बहिष्कार का निर्णय लेने को मजबूर हो गए हैं.

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किसान अपनी मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में विद्युत बिलों का बहिष्कार कर प्रदेशव्यापी आंदोलन कर रहे हैं. लगातार धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन के बावजूद मांग नहीं माने जाने पर किसानों ने 21 अगस्त को कृषि मंडी, फल मंडी, दूध और सब्जी का कारोबार बंद करने की चेतावनी दी है.

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