कोटा. दिल्ली में तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा है. इसे लेकर महारष्ट्र से भी हजारों की तादाद में किसान दिल्ली जा रहे हैं. ऐसे में गुरुवार को कोटा पहुंचने पर यहां किसान नेताओं ने उनका स्वागत किया और उनके साथ काफी संख्या में दिल्ली के लिए भी रवाना हुए.
किसान नेताओं ने बताया कि तीनों कृषि कानून को लेकर राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन चल रहा है. जिसको लेकर कोटा में भी कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चित कालीन धरना दिया जा रहा है. जिसमें महाराष्ट्र से आए किसानों के जत्थे के साथ कोटा से भी 50 किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए.
उन्होंने कहा कि अगर क्रेंद सरकार ने किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिया तो हाड़ौती के गावों के किसान सड़कों पर उतर जाएंगे. महाराष्ट्र से आए किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली में लाखों की तादाद में किसान आंदोलन कर रहे हैं. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों के साथ अन्य राज्यों से भी किसान वहां बैठे हुए हैं. जिन्होंने दिल्ली के पांचों हाईवे पर जाम लगा रखा है.
किसान नेता ने कहा कि दिल्ली से डेढ़ हजार किलोमीटर की दूरी तय करके करीब एक हजार किसान महाराष्ट्र से दिल्ली जा रहे हैं. वहां पहुंच कर हम ये साबित कर देंगे कि ये आंदोलन कुछ राज्यों का नहीं है बल्कि पूरे देश का है.
किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले दमन का इस्तेमाल किया है. किसानों पर वाटर कैनन और लाठियों का इस्तेमाल कर चुकी है. जब किसान वहां से नहीं हटे तो उन्होंने किसान को आतंकवादी तक बता दिया. ये सारे इल्जाम देश के अन्न दाताओं को बदनाम करने की साजिश है.
उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून रद्द करना चाहिए, बिजली का बढ़ा हुआ कानून माफ करना चाहिए. वहीं, लागत के बड़े हुए दाम तुरन्त लागू करना चाहिए. इन्हीं मांगों को लेकर हम महाराष्ट्र के किसान देश के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ेंगे.