रामगंजमंडी (कोटा). लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, सरकार लगातार उनकी मदद करने की कोशिश कर रही है, लेकिन ऐसी विकट परिस्थित में भी कुछ लोग सरकारी सहायता का फायदा उठाने से नहीं बाज आ रहे.
जहां कोटा में जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार पंचायत समिति खैराबाद की 37 ग्राम पंचायतों से पंचायत समिति विकास अधिकारी द्वारा असहाय परिवारों की सूची मांगी गई थी. यह सूची 1 हजार रुपये अनुग्रहित राशि गरीब परिवार के सदस्यों की आर्थिक भोजन व्यवस्था हेतु मांगी गई. लेकिन, लिस्ट तैयार करने वाले इसमें फायदा उठाने से नहीं चूक रहे और अपने ही सदस्यों का नाम लिखकर गरीब का हक अपने हिस्से में लेने की कोशिश की.
वार्ड पंचों को मिली थी लिस्ट बनाने की जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों ने श्रमिक बाहुल्य परिवारों की सूची का जिम्मा वार्ड पंचों को दिया, उन्होंने लिस्ट तैयार कर ग्राम विकास अधिकारी को दी. इस तरह ग्राम पंचायतों ने खेराबाद पंचायत समिति में कुल 37 ग्राम पंचायतों में 537 गरीब असहाय परिवारों के नाम की सूची दी गई.
अपने परिवार के जोड़े नाम
लेकिन, इस लिस्ट में जो नाम थे वो पढ़कर सब हैरान रह गए. क्योंकि इनमें कुछ नाम तो सातलखेड़ी ग्राम पंचायत में जनप्रतिनिधियों के परिवार वालो के ही थे. यही नहीं लिस्ट में उप-सरपंच ने अपना नाम तक जोड़ दिया. जबकि उप-सरपंच की पत्नी सरकारी अध्यापिका है. वहीं सरपंच अपने भाई का नाम जोड़ने से बाज नहीं आया.
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लिस्ट वायरल होने के बाद खुला राज
यह पूरा मामला सामने जब आया कि लिस्ट पंचायत समिति से वायरल हो गई. इसके बाद सभी अपने-अपने नाम को कटवाने के लिये इधर-उधर भागने लगे. ईटीवी भारत की टीम ने पूरे मामले की पड़ताल की तो अधिकारियों ने इस लिस्ट पर जारी होने वाले अनुग्रहित राशि को डालने पर रोक लगा दी है.
अनुग्रहित राशि पर लगी रोक
वहीं वार्ड सदस्य भरत कुमार ने बताया कि पंचायत ने हमसे गरीब और असहाय लोगों की सूची मांगी थी, जिसमें हमारे द्वारा सूची बनाकर दी लेकिन, ग्राम पंचायत ने सरकारी कर्मचारी के परिवार और सरपंच के परिवार वालो के नाम अनुग्रहीत राशि मे आगे भेजे थे. यह गलत है गरीबों को उनका हक मिलना चाहिए.
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वहीं पंचायत समिति विकास अधिकारी गौत्तम गायकवाड़ ने बताया कि कोरोना महामारी में गरीब परिवारों के लिये बैंक खातों अनुग्रहित राशि डालने के लिये ग्राम पंचायत से परिवारों की सूची मांगी थी. लेकिन, सरकारी कर्मचारी के परिवार से झूठी जानकारी दी गई है तो उन पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे लोगों के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
वहीं अब मामला सामने आने के बाद इस लिस्ट को ग्राम पंचायत स्तर पर ही अनुग्रहित राशि गरीबों के खाते में डालने के लिये ग्राम पंचायत को ही जिम्मेदार दी जाएगी.
वहीं मामले में उपजिलाधिकारी चिमनलाल मीणा ने बताया कि कोरोना महामारी में गरीब असहाय परिवारों को अनुग्रहित राशि में सक्षम परिवार ने अपना नाम लिस्ट में जुड़वाया है तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल यह राशि खातों में डालने से रोक दी गई है.