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कोटा: डूबने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत, पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने घंटों करवाया इंतजार

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Published : Sep 2, 2020, 4:49 PM IST

कोटा में एक दर्दनाक हादसे में 2 बच्चों की डूबकर मौत हो गई है. उनके पिता कलीम बिहार में कर्जा होने पर बिहार से कोटा आकर मजदूरी कर रहे थे. इस दौरान वो पहले लॉकडाउन में परेशान रहे और उसके बाद अब दो बच्चों की एक साथ मौत हो गई. दोनों बच्चों की इस तरह से अचानक मौत हो जाने से पूरा परिवार सन्न है.

बच्चों की डूबकर मौत, Kota News
कोटा में 2 बच्चों की डूबकर हुई मौत

कोटा. जिले के आरकेपुरम थाना इलाके के टैगोर नगर निवासी कलीम पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है. एक दर्दनाक हादसे में उसके 2 बच्चों की डूबकर मौत हो गई है. बच्चे खाली प्लॉट में भरे पानी में खेल रहे थे. इसी दौरान वो डूब गए. दोनों सगे भाइयों की उम्र 8 साल और 6 साल है.

कोटा में बच्चों के बाद सन्न है परिवार

बता दें कि बिहार में कर्जा होने पर कलीम ने कोटा आकर मजदूरी करने लगा था. इस दौरान वो पहले लॉकडाउन में परेशान रहा और उसके बाद अब दो बच्चों की एक साथ डूबने से मौत हो गई. अब कलीम की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. दोनों बच्चों की इस तरह से अचानक मौत हो जाने से पूरा परिवार सन्न है. पड़ोसी भी दुखी हैं.

बच्चों की डूबकर मौत, Kota News
कोटा में 2 बच्चों की डूबकर हुई मौत

पढ़ें: भरतपुर : लाइनमैन की संदिग्ध हालत में मौत, जेब से पर्स भी गायब

कलीम के साथ काम करने वालों का कहना है कि 6 महीने पहले ही वो बिहार से आया था. आते ही यहां कुछ दिन मजदूरी की. इसके बाद लॉकडाउन होने पर उसे ठेकेदार ने पैसा दिया. उसने पत्नी और दोनों बच्चों का जीवन चलाया. लॉकडाउन खुलने के बाद ही उसे दोबारा मजदूरी मिलने लगी. वो निर्माण कार्य में मजदूरी करने लगा. मंगलवार को भी और दिनों की तरह ही मजदूरी पर गया हुआ था और जब वापस आया तो घर पर दोनों बच्चे 5 वर्षीय असलम और 8 वर्षीय अफरोज नहीं थे. पत्नी से पूछने पर उसने कहा बाहर खेल रहे हैं, लेकिन 8 बजे तक जब नहीं आए तो तलाश की. इस दौरान दोनों बच्चों की लाश एक प्लॉट के गड्ढे में तैरती हुई मिली.

पढ़ें: जलदाय विभाग के आदेश में खामी, PHED विभाग के चक्कर काटने को मजबूर प्लंबर

कलीम का कहना है कि बिहार में बच्चे पढ़ रहे थे. यहां आकर उनका स्कूल में दाखिला कराने की तैयारी में ही था, लेकिन अब बच्चे ही उन्हें छोड़ कर चले गए हैं. दूसरी तरफ पुलिस ने भी दोनों मृतक बच्चों के शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया और शव परिजनों को सौंप दिए. असलम का कहना है कि वो मजदूरी कर बच्चों का जीवन यापन करने यहां आया था, लेकिन अब उसके पास कुछ नहीं बचा है.

दूर-दूर तक नहीं है कोई बस्ती

टैगोर नगर में कलीम का परिवार किराए पर रहता था और घटना उसके घर से 300 मीटर दूर चाणक्यपुरी की है. यहां के अधिकांश प्लॉट खाली पड़े हैं. ये हादसा नजदीक के एक पार्क है, जो कि बंजर पड़ा हुआ है. इन प्लॉटों में गहरे गड्ढे हुए हैं और बारिश का पानी भरा हुआ है. ऐसे में जिस गड्ढे में इन दोनों बच्चों की डूबकर मौत हुई है. वो करीब 8 फीट का है.

सुबह से दोपहर तक करते रहे पुलिस का इंतजार

बच्चों के डूब कर मरने की घटना मंगलवार देर रात को ही हो गई थी. परिजनों को पुलिस ने सुबह 7 बजे मोर्चरी पहुंचने का समय दिया था, लेकिन खुद नहीं पहुंची. परिजन 7 बजे से ही पुलिस का इंतजार करते रहे, जिससे पोस्टमॉर्टम के बाद उन्हें शव मिल जाए, लेकिन पुलिसकर्मी नहीं पहुंचे. बार-बार परिजन आरकेपुरम थाने पर संपर्क करते रहे, उन्हें यही जवाब मिलता रहा बैठे रहो आ जाएंगे. मीडिया ने इस मुद्दे को पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंचाया. इसके बाद ही आरके पुरम थाना पुलिस की नींद खुली और मौके पर पुलिसकर्मियों को भेजा गया, जो 5 घंटे बाद दोपहर 12 बजे पहुंची.

कोटा. जिले के आरकेपुरम थाना इलाके के टैगोर नगर निवासी कलीम पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है. एक दर्दनाक हादसे में उसके 2 बच्चों की डूबकर मौत हो गई है. बच्चे खाली प्लॉट में भरे पानी में खेल रहे थे. इसी दौरान वो डूब गए. दोनों सगे भाइयों की उम्र 8 साल और 6 साल है.

कोटा में बच्चों के बाद सन्न है परिवार

बता दें कि बिहार में कर्जा होने पर कलीम ने कोटा आकर मजदूरी करने लगा था. इस दौरान वो पहले लॉकडाउन में परेशान रहा और उसके बाद अब दो बच्चों की एक साथ डूबने से मौत हो गई. अब कलीम की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. दोनों बच्चों की इस तरह से अचानक मौत हो जाने से पूरा परिवार सन्न है. पड़ोसी भी दुखी हैं.

बच्चों की डूबकर मौत, Kota News
कोटा में 2 बच्चों की डूबकर हुई मौत

पढ़ें: भरतपुर : लाइनमैन की संदिग्ध हालत में मौत, जेब से पर्स भी गायब

कलीम के साथ काम करने वालों का कहना है कि 6 महीने पहले ही वो बिहार से आया था. आते ही यहां कुछ दिन मजदूरी की. इसके बाद लॉकडाउन होने पर उसे ठेकेदार ने पैसा दिया. उसने पत्नी और दोनों बच्चों का जीवन चलाया. लॉकडाउन खुलने के बाद ही उसे दोबारा मजदूरी मिलने लगी. वो निर्माण कार्य में मजदूरी करने लगा. मंगलवार को भी और दिनों की तरह ही मजदूरी पर गया हुआ था और जब वापस आया तो घर पर दोनों बच्चे 5 वर्षीय असलम और 8 वर्षीय अफरोज नहीं थे. पत्नी से पूछने पर उसने कहा बाहर खेल रहे हैं, लेकिन 8 बजे तक जब नहीं आए तो तलाश की. इस दौरान दोनों बच्चों की लाश एक प्लॉट के गड्ढे में तैरती हुई मिली.

पढ़ें: जलदाय विभाग के आदेश में खामी, PHED विभाग के चक्कर काटने को मजबूर प्लंबर

कलीम का कहना है कि बिहार में बच्चे पढ़ रहे थे. यहां आकर उनका स्कूल में दाखिला कराने की तैयारी में ही था, लेकिन अब बच्चे ही उन्हें छोड़ कर चले गए हैं. दूसरी तरफ पुलिस ने भी दोनों मृतक बच्चों के शव का पोस्टमॉर्टम करवा दिया और शव परिजनों को सौंप दिए. असलम का कहना है कि वो मजदूरी कर बच्चों का जीवन यापन करने यहां आया था, लेकिन अब उसके पास कुछ नहीं बचा है.

दूर-दूर तक नहीं है कोई बस्ती

टैगोर नगर में कलीम का परिवार किराए पर रहता था और घटना उसके घर से 300 मीटर दूर चाणक्यपुरी की है. यहां के अधिकांश प्लॉट खाली पड़े हैं. ये हादसा नजदीक के एक पार्क है, जो कि बंजर पड़ा हुआ है. इन प्लॉटों में गहरे गड्ढे हुए हैं और बारिश का पानी भरा हुआ है. ऐसे में जिस गड्ढे में इन दोनों बच्चों की डूबकर मौत हुई है. वो करीब 8 फीट का है.

सुबह से दोपहर तक करते रहे पुलिस का इंतजार

बच्चों के डूब कर मरने की घटना मंगलवार देर रात को ही हो गई थी. परिजनों को पुलिस ने सुबह 7 बजे मोर्चरी पहुंचने का समय दिया था, लेकिन खुद नहीं पहुंची. परिजन 7 बजे से ही पुलिस का इंतजार करते रहे, जिससे पोस्टमॉर्टम के बाद उन्हें शव मिल जाए, लेकिन पुलिसकर्मी नहीं पहुंचे. बार-बार परिजन आरकेपुरम थाने पर संपर्क करते रहे, उन्हें यही जवाब मिलता रहा बैठे रहो आ जाएंगे. मीडिया ने इस मुद्दे को पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंचाया. इसके बाद ही आरके पुरम थाना पुलिस की नींद खुली और मौके पर पुलिसकर्मियों को भेजा गया, जो 5 घंटे बाद दोपहर 12 बजे पहुंची.

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