कोटा. नगर निगम कोटा ने अपनी सफाई की व्यवस्था को बदलते हुए अब इंजीनियरों को मॉनिटरिंग के लिए लगा दिया है. अब इंजीनियर ही सफाई कर्मचारियों और सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग करेंगे. नगर निगम के कनिष्ठ और सहायक अभियंता निर्माण कार्यों के साथ-साथ सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग रखनी होगी. किस एरिया में ज्यादा गंदगी है. इसका ध्यान भी उन्हें ही देना होगा.
बता दें कि नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत ने कोटा नगर निगम के 40 अभियंताओं को वार्डों का प्रभारी बना दिया है. हालांकि नगर निगम के इंजीनियरों ने सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन दबे स्वर में नगर निगम आयुक्त के इस आदेश का विरोध शुरू कर दिया है.
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नगर निगम के आयुक्त और प्रशासक वासुदेव मालावत ने कहा कि नगर निगम के पास वार्ड स्तर पर अलग से कोई स्पेशल प्रशासनिक तंत्र नहीं है, जो भी तंत्र है नगर निगम का पुराना तंत्र है. हमारे पास सबसे श्रेष्ठ और प्रशिक्षित लोग कनिष्ठ और सहायक अभियंता ही हैं. हमने उनका मूल दायित्व सड़क, निर्माण और विकास कार्य के साथ-साथ सफाई करवाने का दायित्व भी सौंप दिया है जिससे वे एक-एक वार्ड के प्रभारी रहेंगे. वहीं, वार्ड में एक सहायक और सफाईकर्मी के साथ साथ जो भी कर्मचारी आते हैं यह सभी उनको लीडरशिप और मोटिवेट करेंगे. ये प्रयास करेंगे कि सफाई व्यवस्था ज्यादा अच्छी तरह से हो.
किसी को एक तो किसी को दो वार्ड की जिम्मेदारी
अब तक वार्ड में कोई लीडरशिप नहीं थी, कोई डेडीकेटेड लीडरशिप नहीं होने के चलते गैप था. इस गैप को कम करने के लिए अभियंताओं को वार्ड का प्रभारी बनाया है. उनको लगातार मीटिंग लेनी है. उनके फीडबैक के आधार पर हम कार्रवाई करेंगे. हमने 40 अभियंताओं को यह जिम्मेदारी दी है. जिनमें कुछ को दो और कुछ को एक वार्ड की जिम्मेदारी सौंपी है. किसी गली या सड़क या कचरा पॉइंट पर जरूरत से ज्यादा कचरा तो नहीं ठहर रहा है.
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जन जागरण अभियान चला रहे हैं
शहर की सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए नगर निगम ने वार्ड स्तर पर कर्मचारी लगाए हैं. उनके जरिए जन जागरण अभियान चलवा रहे हैं. इसके अलावा स्वच्छता सर्वेक्षण को देखते हुए सेग्रिगेशन और ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ अवेयरनेस की कार्रवाई हम कर रहे हैं. इसके अलावा भी हम प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के संदर्भ में जन जागरण अभियान कर रहे हैं. कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा अच्छी तरह से शहर में सफाई हो.