कोटा. जेके लोन अस्पताल में शनिवार को उस समय हलचल मच गई, जब वहां पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की पुत्रवधु एकता धारीवाल अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंची. जेके लोन की अव्यवस्थाओं पर एकता धारीवाल का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने अधीक्षक डॉ. सुरेश दुलारा को जमकर खरी-खोटी सुनाई. धारीवाल ने कहा कि काम नहीं होता तो अस्पताल के गेट पर ताला लगा दो. गेट के बाहर लिख दो जितनी भी डिलीवरी होगी, एकता धारीवाल आएंगी करने. मैं महिलाओं के लिए काम करती हूं और करूंगी कोई नहीं रोक सकता मुझे.
उन्होंने अस्पताल अधीक्षक को चेतावनी देते हुए कहा कि 15 दिन में व्यवस्था नहीं सुधारी तो अबकी बार आचार संहिता की वजह से कम संख्या में आई हूं. दोबारा ऐसा मौका मत देना कि हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी कर अस्पताल का घेराव करना पड़े. फिर मंत्री धारीवाल अथवा कोई भी नेता या मंत्री कुछ नहीं कर पाएगा.
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दरअसल, एकता धारीवाल का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती महिला की सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद टाको में से पानी और खून निकलने को लेकर डॉक्टर ने दोबारा सात दिन बाद ऑपरेशन करने के लिए कहा. ऐसे में जब अस्पताल के शौचालय को देखा तो वहां भी हालत खराब थे. दुलारा एकटक खरी-खोटी सुनते रहे. कारण यह था कि वह मंत्री की पुत्रवधू हैं.
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धारीवाल ने अधीक्षक को इतना तक कहा कि डिलीवरी होने के तुरंत बाद ही बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बन जाना चाहिए. इस पर अधीक्षक दुलारा कहते रहे यह काम नगर निगम का है. इस पर उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं जानते, यह व्यवस्था आप करें. आखिर मंत्री जी की पुत्रवधु को यह तक पता नहीं है कि बच्चे का जन्मप्रमाण पत्र नगर निगम बनाता है. वहीं बीजेपी नेताओं ने इस तरह से दौरा करने पर आपत्ति भी जताई है. उन्होंने आपत्ति जताई है कि मंत्री की पुत्रवधू किस हैसियत से दौरा कर रही हैं.