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Special: कोरोना की पुजारियों पर भी मार, मंदिरों के कपाट लगे तो दान-दक्षिणा हुई बंद

लॉकडाउन के कारण मंदिर बंद है. वहीं सारे धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, मांगलिक कार्य भी बंद हैं. ऐसे में मंदिर के पुजारियों को दान-दक्षिणा नहीं मिल रही है. जिससे कोटा के पुजारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

lockdown in Kota, कोविड-19
लॉकडाउन में पुजारी परेशान
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Published : May 11, 2020, 6:28 PM IST

कोटा. कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन को 50 दिन से ज्यादा समय हो गया है. इसके चलते छोटे से लेकर बड़े मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों और उनके परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि उनका सब कुछ दान-दक्षिणा के भरोसे ही चल रहा था. कोरोना महामारी ने भगवान के पट भी बंद करवा दिए हैं. ऐसे में जो मंदिरों में चढ़ावा आता था, वह भी बंद हो गया.

लॉकडाउन में पुजारी परेशान

कोरोना वायरस का संक्रमण इतना गहराया है कि अब पंडितों वह पुजारियों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कोटा शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 5000 मंदिर है. जहां पर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु आकर दान-दक्षिणा और चढ़ावा चढ़ाते थे, अब इन मंदिरों में सन्नाटा है. पुजारी भोग से लेकर प्रसाद और सारी धार्मिक गतिविधियां खुद संचालित कर रहे हैं. कई मंदिर तो ऐसे है, जहां पर अकेले एक पुजारी ही सब कुछ संभाल रहे हैं. ऐसे में इन मंदिरों पर भी पुजारी की जेब से ही बीते 50 दिनों से खर्चा हो रहा है. वहीं छोटे मंदिरों के पुजारियों को भी किसी तरह की दान-दक्षिणा नहीं मिल पा रही हैं.

मंगल कार्य बंद, दक्षिणा हुई बंद

नया गांव की स्थिति खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश गौतम ने बताया कि कोरोना महामारी ने भगवान के दरबार के भी पट बंद करवा दिए हैं. ऐसे में जो मंदिरों में चढ़ावा आता था, वह भी बंद हो गया. पंडित ओम प्रकाश ने बताया कि शादी विवाह, भूमि पूजन और गृह प्रवेश जैसे मंगलकार्य भी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में पंडितों को मिलने वाली दान-दक्षिणा भी बंद हो गई हैं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल: राजस्थान के सबसे बड़े मंदिर श्रीनाथजी जी के भंडार पर 'लॉक', 8 करोड़ से ज्यादा की आय प्रभावित

वहीं शिवपुरा स्थित शिव मंदिर के पुजारी पुरुषोत्तम व्यास का कहना है कि बड़े मंदिरों को देवस्थान विभाग ने अधिग्रहण कर रखा हैं. जिनके पुजारियों को तो देवस्थान विभाग तनख्वाह दे रहा है, लेकिन छोटे मंदिरों में पुजारियों को दान-दक्षिणा पर ही निर्भर रहना पड़ता था, जो अब मिल नहीं पा रही है. ऐसे में छोटे मंदिरों के पुजारी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

शादी 5 दिन की जगह 1 घंटे में सिमट गई

लॉकडाउन के बीच में शादियों का सबसे बड़ा त्योहार आखातीज निकला है. उसमें रिकॉर्ड तोड़ शादियां होती थी. जिनमें लंबे समय तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. जिसमें पंडितों की भागीदारी हर रस्म पर होती थी. इसमें मिलने वाले चढ़ावे से ही वह अपना साल भर का गुजारा करते थे.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: यहां पक्षियों के लिए बनाई गई है 9 मंजिला इमारत, 'फ्लैट' में रहते हैं 900 से ज्यादा परिंदे

लॉकडाउन में ऐसे आयोजन भी नहीं हुए. वहीं अधिकांश विवाह समारोह टाल दिए गए हैं और जो कुछ हुए भी हैं, वह भी 5 दिन के समारोह की जगह 1 घंटे में सिमट गए. साथ ही आगे भी बड़े आयोजन बंद ही रहेंगे.

सरकार पहल करके आर्थिक मदद करें

सर्व ब्राह्मण समाज के युवा विंग के कोटा जिला अध्यक्ष ईश्वर शर्मा का कहना है कि पुजारी समाज के ऊपर भी आर्थिक संकट गहरा गया है. ऐसे में सरकार को पहल कर आगे आना चाहिए. इन लोगों तक आर्थिक सहायता और राशि पहुंचानी चाहिए. शर्मा ने कहा कि हम समाज के लोग भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं और पुजारियों की मदद का हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.

कोटा. कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन को 50 दिन से ज्यादा समय हो गया है. इसके चलते छोटे से लेकर बड़े मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों और उनके परिवारों के सामने संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि उनका सब कुछ दान-दक्षिणा के भरोसे ही चल रहा था. कोरोना महामारी ने भगवान के पट भी बंद करवा दिए हैं. ऐसे में जो मंदिरों में चढ़ावा आता था, वह भी बंद हो गया.

लॉकडाउन में पुजारी परेशान

कोरोना वायरस का संक्रमण इतना गहराया है कि अब पंडितों वह पुजारियों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कोटा शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 5000 मंदिर है. जहां पर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु आकर दान-दक्षिणा और चढ़ावा चढ़ाते थे, अब इन मंदिरों में सन्नाटा है. पुजारी भोग से लेकर प्रसाद और सारी धार्मिक गतिविधियां खुद संचालित कर रहे हैं. कई मंदिर तो ऐसे है, जहां पर अकेले एक पुजारी ही सब कुछ संभाल रहे हैं. ऐसे में इन मंदिरों पर भी पुजारी की जेब से ही बीते 50 दिनों से खर्चा हो रहा है. वहीं छोटे मंदिरों के पुजारियों को भी किसी तरह की दान-दक्षिणा नहीं मिल पा रही हैं.

मंगल कार्य बंद, दक्षिणा हुई बंद

नया गांव की स्थिति खेड़ापति हनुमान मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश गौतम ने बताया कि कोरोना महामारी ने भगवान के दरबार के भी पट बंद करवा दिए हैं. ऐसे में जो मंदिरों में चढ़ावा आता था, वह भी बंद हो गया. पंडित ओम प्रकाश ने बताया कि शादी विवाह, भूमि पूजन और गृह प्रवेश जैसे मंगलकार्य भी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में पंडितों को मिलने वाली दान-दक्षिणा भी बंद हो गई हैं.

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वहीं शिवपुरा स्थित शिव मंदिर के पुजारी पुरुषोत्तम व्यास का कहना है कि बड़े मंदिरों को देवस्थान विभाग ने अधिग्रहण कर रखा हैं. जिनके पुजारियों को तो देवस्थान विभाग तनख्वाह दे रहा है, लेकिन छोटे मंदिरों में पुजारियों को दान-दक्षिणा पर ही निर्भर रहना पड़ता था, जो अब मिल नहीं पा रही है. ऐसे में छोटे मंदिरों के पुजारी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

शादी 5 दिन की जगह 1 घंटे में सिमट गई

लॉकडाउन के बीच में शादियों का सबसे बड़ा त्योहार आखातीज निकला है. उसमें रिकॉर्ड तोड़ शादियां होती थी. जिनमें लंबे समय तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. जिसमें पंडितों की भागीदारी हर रस्म पर होती थी. इसमें मिलने वाले चढ़ावे से ही वह अपना साल भर का गुजारा करते थे.

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लॉकडाउन में ऐसे आयोजन भी नहीं हुए. वहीं अधिकांश विवाह समारोह टाल दिए गए हैं और जो कुछ हुए भी हैं, वह भी 5 दिन के समारोह की जगह 1 घंटे में सिमट गए. साथ ही आगे भी बड़े आयोजन बंद ही रहेंगे.

सरकार पहल करके आर्थिक मदद करें

सर्व ब्राह्मण समाज के युवा विंग के कोटा जिला अध्यक्ष ईश्वर शर्मा का कहना है कि पुजारी समाज के ऊपर भी आर्थिक संकट गहरा गया है. ऐसे में सरकार को पहल कर आगे आना चाहिए. इन लोगों तक आर्थिक सहायता और राशि पहुंचानी चाहिए. शर्मा ने कहा कि हम समाज के लोग भी इसके लिए प्रयास कर रहे हैं और पुजारियों की मदद का हरसंभव कोशिश कर रहे हैं.

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