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कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, योग गुरु रामदेव को गिरफ्तार करने की मांग - Rajasthan Serving Doctors Association

देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सा सुरक्षा कानून (National medical security law) बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा हैं. जहां कोटा में चिकित्सकों (Physicians) ने भी प्रदर्शन (Protest) किया. इस दौरान उन्होंने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की गिरफ्तारी की मांग भी रखी.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन
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Published : Jun 18, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 2:17 PM IST

कोटा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) और राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (Rajasthan Serving Doctors Association) के आह्वान पर शुक्रवार को देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सा सुरक्षा कानून (National medical security law) बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन (protest) किया गया. यहीं नहीं कोटा के चिकित्सकों ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की गिरफ्तारी की मांग भी रखी है.

जहां सभी निजी अस्पतालों या प्राइवेट क्लीनिक पर चिकित्सकों ने 2 घंटे ओपीडी (OPD) का बहिष्कार रखा है. केवल इमरजेंसी सेवाओं (Emergency services) को ही चालू रखा गया है, जबकि सरकारी चिकित्सालय में काली पट्टी बांधकर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन

पढ़ें- राजस्थान : बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग मामले में VHP नेता कमल किशोर शर्मा गिरफ्तार

ईएसआई अस्पताल (ESI Hospital) में राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (Rajasthan Serving Doctors Association) के प्रदेश महासचिव और आईएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने पूरी तरह से काले कपड़े और हेलमेट पहनकर मरीजों को देखा और विरोध जताया. उन्होंने मांग की है कि तुरंत केंद्र सरकार चिकित्सकों के सुरक्षा के लिए कानून बनाएं, क्योंकि मरीज तो इलाज करवाने ही आता है, लेकिन उसके साथ आने वाले परिजन आक्रोशित होकर हंगामा कर देते हैं. यहां तक कि चिकित्सकों से मारपीट तक भी हो जाती है.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
चिकित्सकों ने काले कपड़े पहनकर मरीजों को देखा

परेशान हो गए हैं काली पट्टी बांधकर

डॉक्टर सैनी ने कहा कि बार-बार हम काली पट्टी बांधकर परेशान हो गए हैं. लड़ाई आर-पार तक जाए, इसलिए पूरे काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया है. डॉक्टर मरीज की सेवा कर रहे हैं. कोविड-19 में भी करीब दो हजार से ज्यादा चिकित्सकों की जान देश भर में चली गई. फिर भी देश भर में अलग-अलग राज्यों में रोजाना कहीं न कहीं घटनाएं हो रही है. बिस्तर पर पड़ा हुआ मरीज तो डॉक्टरों को मार नहीं सकता, लेकिन उसके साथ आने वाले परिजन मारपीट करते हैं.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
काले कपड़े में प्रदर्शन

मरीज के परिजनों करते हैं डॉक्टर्स पर हमला

हम किसी एक मरीज को नहीं बचा पाते तो उसके परिजन हंगामा कर हमला कर देते हैं. यहां तक कि छूटभैये नेता अस्पताल में घुसकर अपनी राजनीति को चमकाते हैं और इस तरह की घटनाओं को कार्य करवाते हैं. इन सबके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का कानून बने. देश भर में राज्य सरकार ने भी इस तरह के कानून बनाएं.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
राष्ट्रीय चिकित्सा सुरक्षा कानून बनाने की मांग

चिकित्सा परिचर्या कानून लागू

डॉ. सैनी ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2008 में राजस्थान चिकित्सा परिचर्या कानून (medical care law enforced) लागू हुआ था, लेकिन ज्यादातर थानों को इस बारे में जानकारी अभी भी नहीं है. कोटा के एक अस्पताल में मरीज के परिजन वेंटिलेटर तोड़ गए थे, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकती थी. लोगों से भी अपील है कि ऐसी घटनाओं से बचें.

पढ़ें- आसाराम की मनमानी : यूरिन इंफेक्शन बढ़ा लेकिन जांच करवाने में आनाकानी, भक्त भी नहीं रुक रहे

डॉक्टर्स में आक्रोश

चिकित्सक मरीजों को बचाने के लिए ही काम करते हैं. साथ ही इन लोगों ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी की मांग भी कर दी. उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रम में डाल दिया था कि इस भ्रम के बाद चिकित्सकों के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ गया और मारपीट की घटनाएं बढ़ी है. चिकित्सकों के प्रति अविश्वास बढ़ा है. डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने कहा कि कोटा में करीब आईएमए के 1000, अरसीदा के 400 और रेजिडेंट डॉक्टर 300 इसमें शामिल है. इसके अलावा प्रदेश में 25 हजार और देशभर में 4 लाख चिकित्सक प्रदर्शन कर रहे हैं.

चिकित्सकों ने काला मास्क बांधकर किया प्रदर्शन

देश में लगातार बढ़ रहे चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों के साथ मारपीट और हिंसा के विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर संपूर्ण देश में डॉक्टर की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे हैं. जहां सीकर में भी कल्याण अस्पताल के डॉक्टर्स और चिकित्सा कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर और काला मास्क लगाकर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया गया. इस दौरान उन्होंने 2 घंटे की ओपीडी का भी बहिष्कार किया.

चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors
चिकित्सकों ने काला मास्क बांधकर किया प्रदर्शन

पढ़ें- संविदाकर्मी भर्ती घोटाला : गुजराती कंपनी ने राजस्थान में बिछाया था ऐसा जाल, नोटों की चमक में चलता रहा भर्तियों का सिलसिला

चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रदर्शन

चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors
चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रदर्शन

श्रीमाधोपुर कस्बे में भी शुक्रवार को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल के चिकित्सक ने गांधीवादी तरीके से हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. चिकित्सकों ने बताया कि आए दिन चिकित्सकों पर हो रहे हमले और बाबा रामदेव के की ओर से की जा रही टिप्पणियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसी को लेकर आज गांधीवादी नीति से हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है. चिकित्सकों के लिए इस तरह से की गई गलत टिप्पणियों को चिकित्सक किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे. ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.

कोटा. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) और राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (Rajasthan Serving Doctors Association) के आह्वान पर शुक्रवार को देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सा सुरक्षा कानून (National medical security law) बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन (protest) किया गया. यहीं नहीं कोटा के चिकित्सकों ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की गिरफ्तारी की मांग भी रखी है.

जहां सभी निजी अस्पतालों या प्राइवेट क्लीनिक पर चिकित्सकों ने 2 घंटे ओपीडी (OPD) का बहिष्कार रखा है. केवल इमरजेंसी सेवाओं (Emergency services) को ही चालू रखा गया है, जबकि सरकारी चिकित्सालय में काली पट्टी बांधकर डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन

पढ़ें- राजस्थान : बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग मामले में VHP नेता कमल किशोर शर्मा गिरफ्तार

ईएसआई अस्पताल (ESI Hospital) में राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (Rajasthan Serving Doctors Association) के प्रदेश महासचिव और आईएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने पूरी तरह से काले कपड़े और हेलमेट पहनकर मरीजों को देखा और विरोध जताया. उन्होंने मांग की है कि तुरंत केंद्र सरकार चिकित्सकों के सुरक्षा के लिए कानून बनाएं, क्योंकि मरीज तो इलाज करवाने ही आता है, लेकिन उसके साथ आने वाले परिजन आक्रोशित होकर हंगामा कर देते हैं. यहां तक कि चिकित्सकों से मारपीट तक भी हो जाती है.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
चिकित्सकों ने काले कपड़े पहनकर मरीजों को देखा

परेशान हो गए हैं काली पट्टी बांधकर

डॉक्टर सैनी ने कहा कि बार-बार हम काली पट्टी बांधकर परेशान हो गए हैं. लड़ाई आर-पार तक जाए, इसलिए पूरे काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया है. डॉक्टर मरीज की सेवा कर रहे हैं. कोविड-19 में भी करीब दो हजार से ज्यादा चिकित्सकों की जान देश भर में चली गई. फिर भी देश भर में अलग-अलग राज्यों में रोजाना कहीं न कहीं घटनाएं हो रही है. बिस्तर पर पड़ा हुआ मरीज तो डॉक्टरों को मार नहीं सकता, लेकिन उसके साथ आने वाले परिजन मारपीट करते हैं.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
काले कपड़े में प्रदर्शन

मरीज के परिजनों करते हैं डॉक्टर्स पर हमला

हम किसी एक मरीज को नहीं बचा पाते तो उसके परिजन हंगामा कर हमला कर देते हैं. यहां तक कि छूटभैये नेता अस्पताल में घुसकर अपनी राजनीति को चमकाते हैं और इस तरह की घटनाओं को कार्य करवाते हैं. इन सबके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का कानून बने. देश भर में राज्य सरकार ने भी इस तरह के कानून बनाएं.

कोटा में चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors in Kota
राष्ट्रीय चिकित्सा सुरक्षा कानून बनाने की मांग

चिकित्सा परिचर्या कानून लागू

डॉ. सैनी ने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2008 में राजस्थान चिकित्सा परिचर्या कानून (medical care law enforced) लागू हुआ था, लेकिन ज्यादातर थानों को इस बारे में जानकारी अभी भी नहीं है. कोटा के एक अस्पताल में मरीज के परिजन वेंटिलेटर तोड़ गए थे, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकती थी. लोगों से भी अपील है कि ऐसी घटनाओं से बचें.

पढ़ें- आसाराम की मनमानी : यूरिन इंफेक्शन बढ़ा लेकिन जांच करवाने में आनाकानी, भक्त भी नहीं रुक रहे

डॉक्टर्स में आक्रोश

चिकित्सक मरीजों को बचाने के लिए ही काम करते हैं. साथ ही इन लोगों ने बाबा रामदेव की गिरफ्तारी की मांग भी कर दी. उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रम में डाल दिया था कि इस भ्रम के बाद चिकित्सकों के खिलाफ लोगों में आक्रोश बढ़ गया और मारपीट की घटनाएं बढ़ी है. चिकित्सकों के प्रति अविश्वास बढ़ा है. डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने कहा कि कोटा में करीब आईएमए के 1000, अरसीदा के 400 और रेजिडेंट डॉक्टर 300 इसमें शामिल है. इसके अलावा प्रदेश में 25 हजार और देशभर में 4 लाख चिकित्सक प्रदर्शन कर रहे हैं.

चिकित्सकों ने काला मास्क बांधकर किया प्रदर्शन

देश में लगातार बढ़ रहे चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों के साथ मारपीट और हिंसा के विरोध में शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर संपूर्ण देश में डॉक्टर की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे हैं. जहां सीकर में भी कल्याण अस्पताल के डॉक्टर्स और चिकित्सा कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर और काला मास्क लगाकर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया गया. इस दौरान उन्होंने 2 घंटे की ओपीडी का भी बहिष्कार किया.

चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors
चिकित्सकों ने काला मास्क बांधकर किया प्रदर्शन

पढ़ें- संविदाकर्मी भर्ती घोटाला : गुजराती कंपनी ने राजस्थान में बिछाया था ऐसा जाल, नोटों की चमक में चलता रहा भर्तियों का सिलसिला

चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रदर्शन

चिकित्सकों का प्रदर्शन, protest of doctors
चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रदर्शन

श्रीमाधोपुर कस्बे में भी शुक्रवार को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल के चिकित्सक ने गांधीवादी तरीके से हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. चिकित्सकों ने बताया कि आए दिन चिकित्सकों पर हो रहे हमले और बाबा रामदेव के की ओर से की जा रही टिप्पणियों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसी को लेकर आज गांधीवादी नीति से हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया है. चिकित्सकों के लिए इस तरह से की गई गलत टिप्पणियों को चिकित्सक किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे. ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए.

Last Updated : Jun 18, 2021, 2:17 PM IST
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