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कोटा : बजट मिलने के बावजूद अब तक नहीं हुआ ड्रग कंट्रोल कार्यालय का निर्माण, जानें वजह

औषधि नियंत्रण संगठन को कोटा में कार्यालय निर्माण के लिए बजट मिले डेढ़ साल हो गया है, बावजूद इसके जमीन का टोटा होने के चलते न तो भवन निर्माण हो पाया है न ही किसी तरह की कोई प्रक्रिया शुरू हुई है. इसके लिए केवल कागजों में ही पत्र व्यवहार अभी तक चल रहा है, जबकि कोटा के अतिरिक्त जोधपुर, बूंदी और जयपुर में भवन निर्माण लगभग पूरे हो गए हैं.

कोटा में ड्रग कंट्रोल कार्यालय का निर्माण नहीं, No construction of drug control office in Kota
कोटा में ड्रग कंट्रोल कार्यालय का निर्माण नहीं
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Published : Jun 30, 2021, 7:53 AM IST

कोटा. औषधि नियंत्रण संगठन को डेढ़ साल पहले राज्य सरकार ने बजट जारी कर भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी. इसके लिए 27 लाख 27 हजार रुपए जारी कर दिए थे. ऐसा ही अन्य जगह भी हुआ था, लेकिन सभी जगह भवन बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन कोटा में औषधि नियंत्रण संगठन अब तक जमीन का ही इंतजार है.

जमीन का टोटा होने के चलते न तो भवन निर्माण हो पाया है न ही किसी तरह की कोई प्रक्रिया उसकी शुरू हुई है. इसके लिए केवल कागजों में ही पत्र व्यवहार अभी तक चल रहा है, जबकि कोटा के अतिरिक्त जोधपुर, बूंदी और जयपुर में भवन निर्माण लगभग या तो पूरे हो गए हैं, या अंतिम चरण में उनका काम चल रहा है. इधर, कोटा में ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों के बैठने के लिए वैसे तो जगह नेहरू गार्डन के नजदीक ऑफिस है, लेकिन वहां पर सभी कार्मिक एक साथ नहीं बैठ सकते हैं.

कोटा में ड्रग कंट्रोल कार्यालय का निर्माण नहीं

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश: पोकरण में सोलर प्लांट के लिए अडानी ग्रुप को आवंटित 6115.6 बीघा में से 1500 बीघा जमीन का आवंटन निरस्त

ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन में करीब 17 कार्मिक तैनात हैं. इनमें से एक सहायक औषधि नियंत्रक, पांच ड्रग कंट्रोल ऑफिसर, एक वरिष्ठ लिपिक, एक कनिष्ठ लिपिक, अन्य कंप्यूटर ऑपरेटर और स्टाफ है, लेकिन एक जगह पर इनका बैठना संभव नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य भवन में भी इन्हें जगह दी गई है. हालांकि जब एक जगह ऑफिस हो जाएगा, तो कार्य में भी सुविधा होगी, अभी दो अलग-अलग जगह ऑफिस संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा इनके पास दबाव को सीज करने के लिए स्टोर भी नहीं है. ऐसे में दवाओं को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन नहीं जब्त दिखाया जाता है.

यूआईटी से जमीन ली तो पूरा पैसा चला जाएगा

ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन अगर नगर विकास न्यास से भूमि का आवंटन करवाती है, तो उन्हें इसकी राशि देनी पड़ेगी. अगर इस जारी किए गए बजट में से यह लोग राशि जमीन के आवंटन के लिए दे देते हैं, तो फिर भवन निर्माण के लिए ही बजट नहीं बचेगा. ऐसे में इन्होंने जिला कलेक्टर से आग्रह कर भूमि निशुल्क आवंटन के लिए लिखा था, जिस पर जिला कलेक्टर ने जमीन को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन लाडपुरा तहसील से यह कार्य अभी तक नहीं हो पाया है.

पढ़ें- राजाराम गुर्जर की गिरफ्तारी पर बोले महेश जोशी- कितना ही बड़ा आदमी क्यों ना हो हम कार्रवाई करने में नहीं झिझकेंगे

दो जगह पर ऑफिस संचालित होने से समस्या

सहायक औषधि नियंत्रक प्रहलाद मीणा का कहना है कि भवन निर्माण का बजट दिसंबर 2019 में जारी हुआ था. उसके बाद से ही जमीन के लिए प्रयास कर रहे हैं, तहसील में जाने पर पटवारियों की हड़ताल की बात सामने आती है, लेकिन अभी दोबारा आग्रह किया है कि जमीन चिन्हित कर दे दी जाए. ताकि उनके ऑफिस बने और स्टोर से लेकर सभी सुविधा एक ही जगह मिल जाए. अभी दो जगह पर काम चलता है, ऐसे में समस्या आती है.

लाडपुरा तहसीलदार शिक्षा पवन का कहना है कि कोविड-19 के चलते कामकाज अभी प्रभावित था और इसके पहले अतिरिक्त हलकों का काम पटवारी नहीं कर रहे हैं. वे हड़ताल पर हैं, इसके चलते जमीन को चिन्हित नहीं करवा पाए हैं. अब थोड़ा सा कोविड-19 असर कम हुआ है. ऐसे में जल्द ही भूमि को चिन्हित करवाएंगे, औषधि नियंत्रण संगठन के अधिकारियों को भी साथ लेकर यह काम करेंगे.

कोटा. औषधि नियंत्रण संगठन को डेढ़ साल पहले राज्य सरकार ने बजट जारी कर भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी. इसके लिए 27 लाख 27 हजार रुपए जारी कर दिए थे. ऐसा ही अन्य जगह भी हुआ था, लेकिन सभी जगह भवन बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन कोटा में औषधि नियंत्रण संगठन अब तक जमीन का ही इंतजार है.

जमीन का टोटा होने के चलते न तो भवन निर्माण हो पाया है न ही किसी तरह की कोई प्रक्रिया उसकी शुरू हुई है. इसके लिए केवल कागजों में ही पत्र व्यवहार अभी तक चल रहा है, जबकि कोटा के अतिरिक्त जोधपुर, बूंदी और जयपुर में भवन निर्माण लगभग या तो पूरे हो गए हैं, या अंतिम चरण में उनका काम चल रहा है. इधर, कोटा में ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के अधिकारियों के बैठने के लिए वैसे तो जगह नेहरू गार्डन के नजदीक ऑफिस है, लेकिन वहां पर सभी कार्मिक एक साथ नहीं बैठ सकते हैं.

कोटा में ड्रग कंट्रोल कार्यालय का निर्माण नहीं

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ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन में करीब 17 कार्मिक तैनात हैं. इनमें से एक सहायक औषधि नियंत्रक, पांच ड्रग कंट्रोल ऑफिसर, एक वरिष्ठ लिपिक, एक कनिष्ठ लिपिक, अन्य कंप्यूटर ऑपरेटर और स्टाफ है, लेकिन एक जगह पर इनका बैठना संभव नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य भवन में भी इन्हें जगह दी गई है. हालांकि जब एक जगह ऑफिस हो जाएगा, तो कार्य में भी सुविधा होगी, अभी दो अलग-अलग जगह ऑफिस संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा इनके पास दबाव को सीज करने के लिए स्टोर भी नहीं है. ऐसे में दवाओं को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन नहीं जब्त दिखाया जाता है.

यूआईटी से जमीन ली तो पूरा पैसा चला जाएगा

ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन अगर नगर विकास न्यास से भूमि का आवंटन करवाती है, तो उन्हें इसकी राशि देनी पड़ेगी. अगर इस जारी किए गए बजट में से यह लोग राशि जमीन के आवंटन के लिए दे देते हैं, तो फिर भवन निर्माण के लिए ही बजट नहीं बचेगा. ऐसे में इन्होंने जिला कलेक्टर से आग्रह कर भूमि निशुल्क आवंटन के लिए लिखा था, जिस पर जिला कलेक्टर ने जमीन को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन लाडपुरा तहसील से यह कार्य अभी तक नहीं हो पाया है.

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दो जगह पर ऑफिस संचालित होने से समस्या

सहायक औषधि नियंत्रक प्रहलाद मीणा का कहना है कि भवन निर्माण का बजट दिसंबर 2019 में जारी हुआ था. उसके बाद से ही जमीन के लिए प्रयास कर रहे हैं, तहसील में जाने पर पटवारियों की हड़ताल की बात सामने आती है, लेकिन अभी दोबारा आग्रह किया है कि जमीन चिन्हित कर दे दी जाए. ताकि उनके ऑफिस बने और स्टोर से लेकर सभी सुविधा एक ही जगह मिल जाए. अभी दो जगह पर काम चलता है, ऐसे में समस्या आती है.

लाडपुरा तहसीलदार शिक्षा पवन का कहना है कि कोविड-19 के चलते कामकाज अभी प्रभावित था और इसके पहले अतिरिक्त हलकों का काम पटवारी नहीं कर रहे हैं. वे हड़ताल पर हैं, इसके चलते जमीन को चिन्हित नहीं करवा पाए हैं. अब थोड़ा सा कोविड-19 असर कम हुआ है. ऐसे में जल्द ही भूमि को चिन्हित करवाएंगे, औषधि नियंत्रण संगठन के अधिकारियों को भी साथ लेकर यह काम करेंगे.

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