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पुरुष आयोग बनाने की उठी मांग, मेंस राइट फाउंडेशन ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया ज्ञापन

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर 'मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसायटी' ने पुरुष आयोग बनाने की मांग की है. सोसायटी के प्रदेश सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता मयंक दुबे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने दिए ज्ञापन में बताया कि भारत में बच्चों, महिलाओं के साथ-साथ पशुओं के लिए कई प्रकार के आयोग बने हुए हैं, लेकिन पुरुषों की समस्याओं को जो सुने, ऐसा कोई आयोग नहीं है.

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Published : Jul 2, 2020, 3:48 PM IST

मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसायटी, mens right foundation, demand to create a male commission
पुरुष आयोग बनाने की मांग उठी

कोटा. मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है. जिसमें पुरुष आयोग बनाने की मांग की गई है. सोसायटी के प्रदेश सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता मयंक दुबे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने दिए ज्ञापन में बताया कि भारत में बच्चों, महिलाओं के साथ-साथ पशुओं के लिए कई प्रकार के आयोग बने हुए हैं, लेकिन देश की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी जिसके कंधे पर देश के विकास का दायित्व है और अर्थव्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी है. उनके लिए ऐसा कोई आयोग नहीं है.

मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसाइटी के लोगों ने दावा किया है कि भरण पोषण और घरेलू हिंसा के कई बार झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जाते हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा की रिपोर्ट संरक्षण अधिकारी के द्वारा तैयार किया जाए, तो उनको महिला के सुसराल पक्ष के बयान भी दर्ज किए जाएं. घटनास्थल के पड़ोसियों के बयान भी दर्ज किए जाएं, ताकि एक पक्षीय कार्रवाई बंद हो और झूठी रिपोर्ट की रोकथाम की कदम भी उठाए जाएं. इन लोगों ने मांग की है कि पुरुष को तलाक के बाद में महिला के साथ रह रही संतान से मिलने के लिए भी विजिटिंग राइट उपलब्ध हो.

यह भी पढ़ें : गश्त वाहन चेतक और सिग्मा जयपुर पुलिस बेड़े में शामिल, जानें क्या है इनकी खासियत

'लॉकडाउन में समाप्त हो भरण पोषण'

मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसायटी ने यह भी मांग की है कि लॉकडाउन के चलते पुरुषों की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है. ऐसे में भरण-पोषण की राशि को भी माफ किया जाए. जो महिलाएं शिक्षित है और नौकरी कर रही है उन्हें भरण पोषण देने का कानून भी समाप्त हो. ज्ञापन देने वालों में संभागीय अध्यक्ष संतोष सिंह सिद्धू के अलावा अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.

कोटा. मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है. जिसमें पुरुष आयोग बनाने की मांग की गई है. सोसायटी के प्रदेश सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता मयंक दुबे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने दिए ज्ञापन में बताया कि भारत में बच्चों, महिलाओं के साथ-साथ पशुओं के लिए कई प्रकार के आयोग बने हुए हैं, लेकिन देश की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी जिसके कंधे पर देश के विकास का दायित्व है और अर्थव्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी है. उनके लिए ऐसा कोई आयोग नहीं है.

मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसाइटी के लोगों ने दावा किया है कि भरण पोषण और घरेलू हिंसा के कई बार झूठे मुकदमे दर्ज करवाए जाते हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा की रिपोर्ट संरक्षण अधिकारी के द्वारा तैयार किया जाए, तो उनको महिला के सुसराल पक्ष के बयान भी दर्ज किए जाएं. घटनास्थल के पड़ोसियों के बयान भी दर्ज किए जाएं, ताकि एक पक्षीय कार्रवाई बंद हो और झूठी रिपोर्ट की रोकथाम की कदम भी उठाए जाएं. इन लोगों ने मांग की है कि पुरुष को तलाक के बाद में महिला के साथ रह रही संतान से मिलने के लिए भी विजिटिंग राइट उपलब्ध हो.

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'लॉकडाउन में समाप्त हो भरण पोषण'

मेंस राइट फाउंडेशन वेलफेयर सोसायटी ने यह भी मांग की है कि लॉकडाउन के चलते पुरुषों की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है. ऐसे में भरण-पोषण की राशि को भी माफ किया जाए. जो महिलाएं शिक्षित है और नौकरी कर रही है उन्हें भरण पोषण देने का कानून भी समाप्त हो. ज्ञापन देने वालों में संभागीय अध्यक्ष संतोष सिंह सिद्धू के अलावा अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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