कोटा. हाड़ौती संभाग में बारिश (Rain in KOta) का दौर थम गया है और जलभराव भी अब कम होने लगा है. अधिकांश जगहों से पानी उतर गया है, लेकिन बाढ़ के निशान अभी भी हैं. करोड़ों रुपए की सड़कें और पुलिया इस बारिश की भेंट चढ़ गई. कई सड़कें तो ऐसी थी जो कि हाल ही में पूरी हुई थी और जिनकी गारंटी भी खत्म नहीं हुई थी.
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कालीसिंध, चंबल, मेज और पार्वती नदी अभी भी उफान पर ही चल रही है. कोटा जिले को मध्य प्रदेश से सीधा जोड़ने वाली पार्वती नदी की पुलिया पर अभी भी 35 फीट पानी है. नदियों के उफान पर होने के कारण कई सड़क मार्गों और पुलिया के ऊपर पानी भरा हुआ है. अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई है. हालात ऐसे हैं कि कई पुलिया उखड़ कर दूर चली गई है.
वहीं, कोटा के इटावा इलाके का अभी भी संपर्क कटा हुआ है. यहां से न तो मध्यप्रदेश जाया जा सकता है और न भी अब तक सवाई माधोपुर का रास्ता खुला है. खातौली के नजदीक पानी होने के कारण राजस्थान का मध्य प्रदेश से संपर्क टूटा हुआ है. रास्ता बह जाने के कारण खातौली से कैथूदा-झरेर होते हुए सवाई माधोपुर जाने वाला रास्ता भी बंद है.
खातौली से 1 किलोमीटर दूर कैथूदा की तरफ जाने वाली पूरी सड़क धंस गई है. बता दें, इसका निर्माण कार्य पिछले साल ही पूरा हुआ था जो 18 करोड़ रुपए से बनी थी. बालुपा, कैथूदा, निमोला और बागली ग्राम पंचायत क्षेत्र के साथ ही 18 से ज्यादा गांवों का इटावा से संपर्क कट गया है. वहीं, बागली उदयपुरा और गुवाड़ी गांवों को खातौली से जोड़ने वाली पुलिया भी बह गई है.
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बता दें, खातौली से मदनपुरा-करवाड़ मार्ग की पुलिया भी पानी के बहाव के साथ बह गई है. इसके साथ ही बंबुलिया ग्राम पंचायत को जोड़ने वाली संपर्क सड़क भी पानी में बह गई है. स्थानीय सड़कों पर झाड़ और पत्थर रखकर लोगों को सूचित कर रहे हैं ताकि लोग अनजाने में इन खराब रास्तों पर नहीं चले जाएं.
गैंता-माखिदा पुलिया से भी आवागमन बंद
कोटा जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र को बूंदी जिले से जोड़ने वाली चंबल नदी पर बने राजस्थान की सबसे बड़ी गैंता-माखिदा पुलिया से वाहनों का आवागमन बंद करवा दिया गया है. इटावा पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर जवान तैनात कर दिए हैं. गैंता-माखिदा पुलिया से आवागमन बंद होने का कारण यह है कि एक तो पुलिया के शुरुआती हिस्से की कुछ मिट्टी धंस गई और माखिदा के पास एक नाला पूर्ण रूप से करीब 20 फीट चौड़े हिस्से में टूटकर बह गया.