ETV Bharat / city

डायरिया, नाखून काला या शरीर पर रेशेज तो हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन, कोटा में खतरा ज्यादा

कोचिंग हब होने की वजह से कोटा में बच्चों का आना शुरू हो गया है, ऐसे में कोविड-19 के नए स्ट्रेन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. नए स्ट्रेन में दूसरी तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. आंखों में लालपन हो जाता है और नाखून का कलर भी बदल जाता है.

coaching started in Kota, new strain of Corona in Kota
डायरिया, नाखून काला या शरीर पर रेशेज तो हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन
author img

By

Published : Feb 25, 2021, 7:00 PM IST

कोटा. कोविड-19 के लगातार मरीज कोटा में कम होते जा रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर कोविड 19 के नए स्ट्रेन ने चिंता बढ़ा दी है. यह चिंता कोटा में भी काफी हद तक परेशान करने वाली है, क्योंकि कोटा में भी देश भर से कोचिंग पढ़ने के लिए बच्चे आते हैं और आने शुरू भी हो गए हैं.

डायरिया, नाखून काला या शरीर पर रेशेज तो हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन

मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डॉ. मनोज सलूजा ने बताया कि जो स्ट्रेन पहले से भारत में है, उनमें यूके, साउथ एशियन और इसके अलावा एक दो स्ट्रेन हैं. अभी महाराष्ट्र के अलावा देश के अलग हिस्सों में कोविड-19 के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. साथ ही नए स्ट्रेन भी कम्युनिटी में एक्टिव हुए हैं. इसीलिए नए केसेज ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, कोटा में स्टूडेंट आने लग गए हैं. पढ़ाई भी जरूरी है और कोटा की इकोनॉमी के लिए कोचिंग भी जरूरी है. सब कुछ चलाना भी है और सब कुछ बचाना भी है.

नाखून का कलर बदल रहा, शरीर और रेशेज भी

पहले के स्ट्रेन में जुखाम, बुखार के अलावा सांस लेने में दिक्कत होती थी. इसके साथ ही सूंघने की शक्ति और जीभ स्वाद भी खत्म हो जाता था, अब जो नए स्ट्रेन नए लक्षण जुड़े हैं, इसमें आंखों में कंजंक्टिवाइटिस देखने को मिल रहा है. इन्फ्लेमेशन आंखों में होने से लालपन हो जाता है. गले में ज्यादा दर्द रहता है. सिर दर्द व बदन दर्द भी इस स्ट्रेन से पीड़ित व्यक्ति में अलग नजर आता है. साथ ही डायरिया की शिकायत भी हो रही है. शरीर में जगह जगह अलग-अलग निशान और रेशेज हो रहे हैं. वहीं नाखून का कलर भी बदल जाता है, काले या नीले हो जाते हैं.

पढ़ें- अजमेर: राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज भर्ती की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन

आसपास भी रखें नजर

नई स्ट्रेन से एसोसिएट सिम्टम्स में सांस की दिक्कत के अलावा भी बहुत अलग भी है। इसके लिए हमें पूरी तरह से सतर्क रहना पड़ेगा. हमें ऑफिस पड़ोस घर और अन्य कार्य स्थल हम पर भी ध्यान रखना होगा कि हमारे आसपास भी इस तरह के लक्षण वाला व्यक्ति तो नहीं है. अगर है, तो तुरंत नजदीकी मेडिकल टीम को इसके बारे में जानकारी दें और उपचार भी शुरू करवाएं. इसके नए लक्षण भी सामने आए हैं, जिनके जरिए नए स्ट्रेन के बारे में जल्दी पता लगाया जा सकता है.

नए स्ट्रेन से बढ़े कई राज्यों में केसेज, कोटा के लिए चिंता

लॉकडाउन के बाद अब जब इंटरनेशनल ट्रैवल खुल गई है. इंटरस्टेट ट्रैवल भी बिल्कुल फ्री हो गया है. कोटा कोचिंग का हब है और पूरे देश भर से बच्चे यहां पर पढ़ने को आते हैं. इसमें कोटा में इस तरह की चीजों का खतरा बढ़ जाता है. कोई भी नया स्ट्रेन लेकर यहां पर पहुंच सकता है और यह कम्युनिटी में सक्रिय भी हो सकता है. हमें भी नए कैसे देखने को मिल सकते हैं, लेकिन हम इससे आसानी से बच सकते हैं. इसके लिए हम मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अनावश्यक बाहर नहीं निकले, सख्ती से इसको फॉलो करें.

कोटा. कोविड-19 के लगातार मरीज कोटा में कम होते जा रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर कोविड 19 के नए स्ट्रेन ने चिंता बढ़ा दी है. यह चिंता कोटा में भी काफी हद तक परेशान करने वाली है, क्योंकि कोटा में भी देश भर से कोचिंग पढ़ने के लिए बच्चे आते हैं और आने शुरू भी हो गए हैं.

डायरिया, नाखून काला या शरीर पर रेशेज तो हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन

मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर डॉ. मनोज सलूजा ने बताया कि जो स्ट्रेन पहले से भारत में है, उनमें यूके, साउथ एशियन और इसके अलावा एक दो स्ट्रेन हैं. अभी महाराष्ट्र के अलावा देश के अलग हिस्सों में कोविड-19 के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. साथ ही नए स्ट्रेन भी कम्युनिटी में एक्टिव हुए हैं. इसीलिए नए केसेज ज्यादा देखने को मिल रहे हैं, कोटा में स्टूडेंट आने लग गए हैं. पढ़ाई भी जरूरी है और कोटा की इकोनॉमी के लिए कोचिंग भी जरूरी है. सब कुछ चलाना भी है और सब कुछ बचाना भी है.

नाखून का कलर बदल रहा, शरीर और रेशेज भी

पहले के स्ट्रेन में जुखाम, बुखार के अलावा सांस लेने में दिक्कत होती थी. इसके साथ ही सूंघने की शक्ति और जीभ स्वाद भी खत्म हो जाता था, अब जो नए स्ट्रेन नए लक्षण जुड़े हैं, इसमें आंखों में कंजंक्टिवाइटिस देखने को मिल रहा है. इन्फ्लेमेशन आंखों में होने से लालपन हो जाता है. गले में ज्यादा दर्द रहता है. सिर दर्द व बदन दर्द भी इस स्ट्रेन से पीड़ित व्यक्ति में अलग नजर आता है. साथ ही डायरिया की शिकायत भी हो रही है. शरीर में जगह जगह अलग-अलग निशान और रेशेज हो रहे हैं. वहीं नाखून का कलर भी बदल जाता है, काले या नीले हो जाते हैं.

पढ़ें- अजमेर: राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज भर्ती की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन

आसपास भी रखें नजर

नई स्ट्रेन से एसोसिएट सिम्टम्स में सांस की दिक्कत के अलावा भी बहुत अलग भी है। इसके लिए हमें पूरी तरह से सतर्क रहना पड़ेगा. हमें ऑफिस पड़ोस घर और अन्य कार्य स्थल हम पर भी ध्यान रखना होगा कि हमारे आसपास भी इस तरह के लक्षण वाला व्यक्ति तो नहीं है. अगर है, तो तुरंत नजदीकी मेडिकल टीम को इसके बारे में जानकारी दें और उपचार भी शुरू करवाएं. इसके नए लक्षण भी सामने आए हैं, जिनके जरिए नए स्ट्रेन के बारे में जल्दी पता लगाया जा सकता है.

नए स्ट्रेन से बढ़े कई राज्यों में केसेज, कोटा के लिए चिंता

लॉकडाउन के बाद अब जब इंटरनेशनल ट्रैवल खुल गई है. इंटरस्टेट ट्रैवल भी बिल्कुल फ्री हो गया है. कोटा कोचिंग का हब है और पूरे देश भर से बच्चे यहां पर पढ़ने को आते हैं. इसमें कोटा में इस तरह की चीजों का खतरा बढ़ जाता है. कोई भी नया स्ट्रेन लेकर यहां पर पहुंच सकता है और यह कम्युनिटी में सक्रिय भी हो सकता है. हमें भी नए कैसे देखने को मिल सकते हैं, लेकिन हम इससे आसानी से बच सकते हैं. इसके लिए हम मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अनावश्यक बाहर नहीं निकले, सख्ती से इसको फॉलो करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.