कोटा (रामगंजमण्डी). प्रदेश में आए दिन महिलाओं पर अत्याचार और अमानवीय घटनाओं के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में कोटा के रामगंजमण्डी उपखण्ड के सुकेत थाना सातलखेड़ी चौकी पर तैनात कांस्टेबल महावीर ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए रास्ता भटकी एक नन्ही बालिका को उसके माता पिता से मिलवाकर मिसाल पेश की है.
मामला सुकेत कस्बे का है जहां 7 साल की बालिका तन्वी अपनी मां से मिलने के लिए झालारापाटन जाने वाली बस की जगह कोटा जाने वाली बस में बैठ गई. उसी बस में सुकेत से कांस्टेबल महावीर भी किसी मामले में कोटा जा रहे थे, तभी कांस्टेबल ने बच्ची को बस में देखा और वह डरी सहमी सी नजर आई. कांस्टेबल ने बच्ची से पूछताछ की तो वह कुछ बता नहीं पाई. इस पर आसपास बैठे यात्रियों से पूछताछ की, लेकिन बच्ची के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका.
इस पर कांस्टेबल ने बच्ची को ढाबादेह में उतारा और (constable save girl child) लेकर सुकेत थाने आ गए. वहां बच्ची की जानकारी निकाली तो बच्ची सुकेत हाट चौक निवासी निकली. जब कांस्टेबल ने बच्ची के घर का पता लगाया तो घर पर कोई नहीं मिला. बच्ची के पिता मजदूरी करने गए हुए थे. आसपास में रहने वालों से बच्ची के पिता सलीम उर्फ राहुल का नम्बर लेकर सूचना दी और उसकी मां को भी बच्ची के बारे में जानकारी दी. उसके बाद बच्ची को उसके माता पिता के सुपुर्द किया गया.
जानकारी के अनुसार बालिका की माता बालिका और अपने पति को छोड़ झालारापाटन में रहती है. बालिका अपने पिता के पास सुकेत में रहती है. बच्ची अपने मां से मिलने झालरापाटन जाना चाहती थी, लेकिन गलत बस में सवार हो गई थी.