कोटा. वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई बुधवार को कोटा पहुंचे. सर्किट हाउस में सुखराम बिश्नोई ने विधायक भरत सिंह, रामनारायण मीणा और कई कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान काफी हंगामा हो गया. कई कांग्रेसी कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों पर अवैध खनन में शामिल होने का आरोप लगाया.
लाडपुरा इलाके के कांग्रेस नेता ने बूंदी जिले के डाबी एरिया में अवैध खनन का मुद्दा उठाया. कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि बीते ढाई साल से राजस्थान में हमारी सरकार है, लेकिन हमें यह लग नहीं लग रहा है कि सरकार हमारी है.
मंत्री के करीबी कर रहे अवैध खनन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंत्री के करीबी लोग और खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया के लोग वहां पर अवैध खनन कर रहे हैं. कोटा की पीपल्दा विधानसभा सीट से विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि बूंदी के डाबी एरिया में कार्रवाई करने जाने के पहले ही वन विभाग के कार्मिक ही माफिया को सूचना दे देते हैं. जिसके चलते मौके से माफिया फरार हो जाते हैं.
लगता है भाजपा का शासन चल रहा है
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि अभी भी हमें ऐसा ही लग रहा है कि भाजपा का शासन चल रहा है. हम वन भूमि पर होने वाले अतिक्रमण की शिकायत करने के लिए अधिकारियों के पास जाते हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं देते ना ही किसी तरह की कोई कार्रवाई होती है. हाल ही में जो डाबी एरिया में कार्रवाई की गई थी वह दिखावे की कार्रवाई थी. जहां अवैध खनन हो रहा होता है वहां अधिकारी कार्रवाई करने जाते ही नहीं हैं.
अधिकारी वन मंत्री के नाम पर मांगते हैं पैसे
ठेकेदारों का कहना है कि उन्हें लंबे समय से भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने करोड़ों रुपये के काम किए. लेकिन लाख रुपये का भी भुगतान उनका नहीं हुआ है. भुगतान मांगने पर घटिया निर्माण करवाने का आरोप लगाया जाता है. ठेकेदारों ने बताया कि उन्होंने वन विभाग के लिए दीवार बनाई और पौधे लगाने के लिए गड्ढे भी खोदे. लेकिन अब उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है.
सुखराम बिश्नोई ने जांच की बात कही
ठेकेदारों ने मंत्री सुखराम बिश्नोई से कहा कि अधिकारी आप के नाम से पैसे मांगते हैं. जब इसको लेकर मंत्री ने वहां मौजूद अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि इन ठेकेदारों ने घटिया निर्माण कार्य करवाया है. इसीलिए इन सबका पैसा काटा गया है. हंगामे के बाद मंत्री सुखराम बिश्नोई ने जल्द से जल्द इन सभी प्रकरणों की जांच स्वतंत्र एजेंसी पीडब्ल्यूडी या अन्य विभाग से करवाने की बात कही है.