कोटा. जेके लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद से ही मामले ने तूल पकड़ा और सरकार की किरकिरी इस मामले में हुई थी. एक ही दिन में 10 बच्चों की मौत जेके लोन अस्पताल में हो गई थी. इसके बाद में कई कमेटियों ने दौरे किए और अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार का दावा भी राज्य सरकार ने किया था, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के मुख्य पीठ में दायर याचिका पर अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश पर आज फिर एक टीम कोटा पहुंची.
टीम ने कोटा पहुंचने के बाद जेके लोन अस्पताल का दौरा किया. साथ ही उन्होंने नीकू-पीकू के अलावा जो नए वार्ड और रिनोवेशन का काम हो रहा है. उसका भी निरीक्षण किया है. अस्पताल के सभी शिशु रोग विभाग के वार्डों को देखा है. वहां पर परिजनों से बातचीत भी की है. इसके बाद कमेटी रविवार को भी अस्पताल का निरीक्षण सुबह से ही करेगी. इस कमेटी में महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर के उपाधीक्षक डॉ. अरुण पुरोहित, न्याय मित्र अधिवक्ता राजेंद्र सारस्वत व कुलदीप पुरोहित शामिल हैं.
बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेंद्र कछवाहा की खंडपीठ ने सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा की याचिका और स्वप्रेरणा से पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. जिस पर न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत और कुलदीप वैष्णव ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में रिकॉर्ड और दस्तावेज पेश किया था. साथ ही लगातार सर्दी के सीजन में 2 सालों से इस तरह से बच्चों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.
इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने एक कमेटी को निरीक्षण कर अगली सुनवाई पर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. ताकि उनके सुझाव से सुधार किया जा सके और प्रदेश के अस्पतालों की व्यवस्था को बेहतर किया जा सके.