कोटा. कमांड एरिया डेवलपमेंट की बैठक संभागीय आयुक्त और क्षेत्रीय विकास आयुक्त सीएडी कैलाश चंद मीणा की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कलक्ट्रेट स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र में आयोजित हुई. बैठक में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने निर्णय लिया कि बाईं मुख्य नहर में शनिवार और दाईं मुख्य नहर में 13 अक्टूबर से रबी सीजन में किसानों को सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा.
इसके लिए सीएडी के अधिकारी नहरों की सफाई और देखरेख का कार्य निरंतर क्षेत्र में रहकर करेंगे. जनप्रतिनिधियों ने नहरों में जल प्रवाह के दौरान सीएडी के अभियंताओं को क्षेत्र में निरंतर रहकर जल उपभोक्ता संगमों का सहयोग लेने और स्थानीय डाक बंगलों में ही अस्थाई निवास बनवाने का सुझाव दिया.
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संभागीय आयुक्त मीणा ने कहा कि किसानों को समय पर सिंचाई के लिए पानी अंतिम छोर पर मिले, इसके लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी. अतिरिक्त आयुक्त सुनीता डागा ने बताया कि इस परियोजना से प्रदेश के 757 गांवों की 2 लाख 29 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलती है. उन्होंने भूमि सुधार कार्यक्रम, कृषि अनुदान, अनुसंधान और निर्माण कार्यो की जानकारी दी.
जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
विधायक भरत सिंह ने नहरों की मरम्मत और विकास कार्य मार्च से अक्टूबर महीने के दौरान कराने का सुझाव दिया. साथ ही जहां भी कार्य हो वहां पर अधिशाषी व सहायक अभियंता, कार्यकारी एजेंसी का सूचनापट्ट लगा कार्य की जानकारी और नंबर प्रदर्शित किया जाए, ताकि स्थानीय लोग उनसे संपर्क कर सकें.
उन्होंने शहरी क्षेत्रों से होकर गुजर रही नहरों में कचरा जमा होने और अतिक्रमण के मामलों पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्वे कराकर उनकी सफाई हो और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए. विधायक रामनारायण ने कहा कि नहर मरम्मत के लिए स्वीकृत बजट का सदुपयोग हो.
विधायक चन्द्रकांता मेघवाल ने हर छह महीने में काडा की बैठक आयोजित करने और नहरों पर बनी हुई पुलियाओं की समय पर मरम्मत करवाने का सुझाव दिया. विधायक कल्पना देवी ने शहरी क्षेत्र में नहरों से होने वाले सीपेज पर कार्ययोजना बनाने, नहरों में दुर्घटना को रोकने के लिए दीवार निर्माण और कचरा डालने वालों के खिलाफ अभियान चलाने का सुझाव दिया. वहीं, सभापति सुनील गालव ने जल वितरण समितियों को सुदृढ़ करने का सुझाव दिया.