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80 एकड़ में बन रहा कोटा सिटी पार्क, लगेंगे 120 प्रजाति के 50 हजार पेड़ - राजस्थान की खबर

इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड के आवासीय परिसर की जमीन पर नगर विकास न्यास कोटा सिटी पार्क को बना कर रहा है. इस पार्क में 50,000 से ज्यादा पौधे 120 वैरायटी के लगाए जाएंगे. इंजीनियर ने दावा किया है कि यह है प्रदेश का सबसे अच्छा पार्क होगा.

कोटा सिटी पार्क, Kota City Park
80 एकड़ में बन रहा कोटा सिटी पार्क
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Published : Jul 3, 2021, 8:57 PM IST

कोटा. इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड के आवासीय परिसर की जमीन पर नगर विकास न्यास कोटा सिटी पार्क को बना कर रहा है. इसमें 100 करोड़ रुपए का खर्चा नगर विकास न्यास स्मार्ट सिटी के तहत कर रहा है. स्थानीय लोगों ने यहां पर ऑक्सीजोन बनाने की मांग की थी. ऐसा में इस पार्क में 50 हजार से ज्यादा पौधे 120 वैरायटी के लगाए जाएंगे.

पढ़ेंः Weather Update: प्रदेश में 10 जुलाई के बाद ही सक्रिय होगा मानसून, उत्तरी राजस्थान में हो सकती है हल्की बारिश

इस पूरे पार्क को बनाने वाले इंजीनियर ने दावा किया है कि यह प्रदेश का सबसे अच्छा पार्क होगा. साथ ही सेंट्रल पार्क जयपुर को भी काफी अच्छा बनाएगा. उन्होंने दावा कर दिया कि माउंट आबू से भी ज्यादा खूबसूरती इस जगह पर होगी. डेकोरेशन के लिए फ्लावर भी लगाए जाएंगे. कई तरह की फुलवारी यहां पर बनेगी. इसके लिए जयपुर सेंट्रल पार्क के सीनियर हॉर्टिकल्चरिस्ट मनोज कुमार तिवारी भी शनिवार को कोटा पहुंचे थे. साथ ही उन्होंने यहां पर किस तरह से हरियाली तैयार की जा सकती है यह भी देखा है.

72 फीसदी भूभाग पर रहेगी हरियाली

झालावाड़ रोड पर 80 एकड़ में बन रहे कोटा सिटी पार्क में 72 फीसदी भूभाग पर हरियाली रहेगी. इसके अलावा 12 फीसदी एरिया में इसमें स्ट्रक्चर खड़े किए गए हैं. जिनमें फाउंटेन और स्टेच्यू के साथ ही अलग-अलग तरीके के काइनेटिक टावर भी यहां पर लगाए जाएंगे. इन सब से कोटा में कोचिंग करने आने वाले बच्चों को भी काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा इस पूरे परिसर में 16 फीसदी एरिया में पानी रहेगा, इसके लिए आर्टिफिशियल कैनाल भी बनाई जा रही है.

फ्लावर और पेड़ों के अनुसार बनेगा जोन

नगर विकास न्यास कोटा के अधीक्षण अभियंता रवींद्र माथुर ने कहा कि 50 हजार के करीब पौधे इसमें लगाने की योजना बना ली है. सभी पौधे 120 से ज्यादा प्रजाति के होंगे. इसमें स्थानीय जाति के पेड़ पौधों को भी लगाया जाएगा. साथ ही पीपल, नीम, गुलमोहर और कचनार है. यहां पर स्पेशल फ्लावर भी लगाए जाएंगे. साथ ही मयूर पार्क के लिए अलग तरह की फ्लावर और प्लांटेशन होगा. एक में बॉटनिकल पौधे लगेंगे, दूसरे में कंचनार चंपा अलग-अलग है. नीम का भी एक जोन बनाया गया है. पानी का पूरा सिस्टम इसमें बनाया गया है. पीएचईडी की भी पाइपलाइन यहां पर है. बोरिंग से भी पानी लिया जा रहा है. साथ ही बन रहे एसटीपी का भी पानी ट्रीटमेंट कर उपयोग में लिया जाएग.

निर्माण कार्य में देरी पर तल्ख हुए यूडीएच मंत्री धारीवाल

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी विकास कार्यों के निरीक्षण के दौरान नाराजगी जताई. उन्होंने यूआईटी के सचिव राजेश जोशी को कहा कि अगर इंजीनियरों ने समय सीमा में कार्य नहीं करवाया है, तो इन सबका गंगानगर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की लिस्ट भी बना ली जाए, जो इस तरह की गलतियां लगातार कर रहे हैं.

पढ़ेंः Corona Update: राजस्थान में कोरोना के 90 नए मामले आए सामने, 4 मौत...कुल आंकड़ा 8934

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा सिटी पार्क के निरीक्षण के दौरान लेबर कम होने पर फटकार लगाई यहां तक कि जयपुर गोल्डन में बन रही पार्किंग की कार्य गति देरी होने पर भी अधिकारियों से कहा कि वे ठेकेदार की भाषा नहीं बोले. इस दौरान यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा, कलेक्टर उज्जवल राठौड़, नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी सहित कई लोग मौजूद थे.

कोटा. इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड के आवासीय परिसर की जमीन पर नगर विकास न्यास कोटा सिटी पार्क को बना कर रहा है. इसमें 100 करोड़ रुपए का खर्चा नगर विकास न्यास स्मार्ट सिटी के तहत कर रहा है. स्थानीय लोगों ने यहां पर ऑक्सीजोन बनाने की मांग की थी. ऐसा में इस पार्क में 50 हजार से ज्यादा पौधे 120 वैरायटी के लगाए जाएंगे.

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इस पूरे पार्क को बनाने वाले इंजीनियर ने दावा किया है कि यह प्रदेश का सबसे अच्छा पार्क होगा. साथ ही सेंट्रल पार्क जयपुर को भी काफी अच्छा बनाएगा. उन्होंने दावा कर दिया कि माउंट आबू से भी ज्यादा खूबसूरती इस जगह पर होगी. डेकोरेशन के लिए फ्लावर भी लगाए जाएंगे. कई तरह की फुलवारी यहां पर बनेगी. इसके लिए जयपुर सेंट्रल पार्क के सीनियर हॉर्टिकल्चरिस्ट मनोज कुमार तिवारी भी शनिवार को कोटा पहुंचे थे. साथ ही उन्होंने यहां पर किस तरह से हरियाली तैयार की जा सकती है यह भी देखा है.

72 फीसदी भूभाग पर रहेगी हरियाली

झालावाड़ रोड पर 80 एकड़ में बन रहे कोटा सिटी पार्क में 72 फीसदी भूभाग पर हरियाली रहेगी. इसके अलावा 12 फीसदी एरिया में इसमें स्ट्रक्चर खड़े किए गए हैं. जिनमें फाउंटेन और स्टेच्यू के साथ ही अलग-अलग तरीके के काइनेटिक टावर भी यहां पर लगाए जाएंगे. इन सब से कोटा में कोचिंग करने आने वाले बच्चों को भी काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा इस पूरे परिसर में 16 फीसदी एरिया में पानी रहेगा, इसके लिए आर्टिफिशियल कैनाल भी बनाई जा रही है.

फ्लावर और पेड़ों के अनुसार बनेगा जोन

नगर विकास न्यास कोटा के अधीक्षण अभियंता रवींद्र माथुर ने कहा कि 50 हजार के करीब पौधे इसमें लगाने की योजना बना ली है. सभी पौधे 120 से ज्यादा प्रजाति के होंगे. इसमें स्थानीय जाति के पेड़ पौधों को भी लगाया जाएगा. साथ ही पीपल, नीम, गुलमोहर और कचनार है. यहां पर स्पेशल फ्लावर भी लगाए जाएंगे. साथ ही मयूर पार्क के लिए अलग तरह की फ्लावर और प्लांटेशन होगा. एक में बॉटनिकल पौधे लगेंगे, दूसरे में कंचनार चंपा अलग-अलग है. नीम का भी एक जोन बनाया गया है. पानी का पूरा सिस्टम इसमें बनाया गया है. पीएचईडी की भी पाइपलाइन यहां पर है. बोरिंग से भी पानी लिया जा रहा है. साथ ही बन रहे एसटीपी का भी पानी ट्रीटमेंट कर उपयोग में लिया जाएग.

निर्माण कार्य में देरी पर तल्ख हुए यूडीएच मंत्री धारीवाल

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी विकास कार्यों के निरीक्षण के दौरान नाराजगी जताई. उन्होंने यूआईटी के सचिव राजेश जोशी को कहा कि अगर इंजीनियरों ने समय सीमा में कार्य नहीं करवाया है, तो इन सबका गंगानगर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की लिस्ट भी बना ली जाए, जो इस तरह की गलतियां लगातार कर रहे हैं.

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यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा सिटी पार्क के निरीक्षण के दौरान लेबर कम होने पर फटकार लगाई यहां तक कि जयपुर गोल्डन में बन रही पार्किंग की कार्य गति देरी होने पर भी अधिकारियों से कहा कि वे ठेकेदार की भाषा नहीं बोले. इस दौरान यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा, कलेक्टर उज्जवल राठौड़, नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी सहित कई लोग मौजूद थे.

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