कोटा. मध्यप्रदेश के देवास से एक 9 साल बच्चा भागकर कोटा पहुंच गया, जिसको रेलवे कार्मिक ने इंदौर-जोधपुर ट्रेन से दस्तयाब किया. उसके बाद इसे चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया. चाइल्ड लाइन की टीम ने इसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया है, जहां से बच्चे को रंगबाड़ी स्थित अस्थाई क्वॉरेंटाइन सेंटर में आश्रय दिलाया है.
मामले की जानकारी देते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्य विमल चंद जैन ने बताया, जोधपुर-इंदौर ट्रेन में लोको पायलट की नजर इस बच्चे पर चली गई थी. उन्होंने 1098 पर कॉल किया, जिसके बाद सूचना कोटा की चाइल्ड लाइन की टीम को मिली. इस पर को-ऑर्डिनेटर कल्पना प्रजापति और रेखा शाक्य मौके पर पहुंची. साथ ही बच्चे को अपने कब्जे में लिया, जिसको हमारे समक्ष पेश किया गया था. बच्चा यह नहीं बता पा रहा था कि वह कहां पर जाना चाह रहा था, बच्चे ने काउंसलिंग में बताया है कि उसके माता-पिता दोनों ही शराब पीते हैं और वह बच्चे से भिक्षावृत्ति करवाते थे, जिससे जो पैसा आता था उससे उनका घर चलता था.
यह भी पढ़ें: कोटा में चेन स्नेचिंग की वारदात CCTV में कैद, 2 सेकेंड में तोड़ी चेन और 5 सेकेंड में हो गए ओझल
भिक्षावृत्ति के काम पर नहीं जाने पर उसके साथ मारपीट भी की जाती रही है, वह काफी परेशान हो गया और इससे वह भागकर कोटा आ गया है. बाल कल्याण समिति के सदस्य आबिद अब्बासी ने बताया, बच्चा पहले भी घर से पलायन कर चुका है. इस संबंध में उससे बातचीत में बात सामने आ रही है. ऐसे में इसकी बाल कल्याण समिति देवास से सामाजिक रिपोर्ट मंगाई जाएगी।.
यह भी पढ़ें: अस्पतालों में असुविधाओं को लेकर रामगंजमंडी में 3 दिव्यांगों ने दिया धरना, CM के नाम सौंपा ज्ञापन
सीडब्ल्यूसी सदस्य विमलचंद जैन अगर बच्चा पहले भी इस तरह का पलायन करने की बात सामने आती है और उसके मां पिता के शराब पीने की पुष्टि हो जाती है, तो बच्चे को उसके माता पिता के सुपुर्द नहीं किया जाएगा. उसे आश्रय स्थल में रखकर ही आगे पढ़ाई की तरफ उसका ध्यान किया जाएगा. बच्चे को वर्तमान में रंगबाड़ी स्थित शेल्टर होम मधु स्मृति संस्थान के क्वॉरेंटाइन सेंटर में अस्थाई आश्रय दिलवाया है. यह क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद उसे इसी शेल्टर होम में रखा जाएगा.