कोटा. पाकिस्तान से करीब दो दशक पहले भारत आकर कोटा में बसे 10 लोगों को भारतीय नागरिकता मिली है. आज इन लोगों को जिला कलेक्ट्रेट में कलेक्टर हरिमोहन मीणा ने नागरिकता का सर्टिफिकेट प्रदान (Certificate of citizenship given to 10 Pak displaced Indians) किया. इस दौरान सभी नागरिकों और उनके परिजनों ने खुशी जताई. इन लोगों ने कलेक्ट्रेट परिसर में अधिकारियों और आमजन को मिठाई भी खिलाई.
परिजन नरेश का कहना है कि ये सभी लोग पाकिस्तान के सिंध प्रांत शखर में रहते थे. पाकिस्तान से 2001 में ही विस्थापित होकर भारत पर लॉन्ग टर्म वीजा पर आए थे. उन्होंने भारत में नागरिकता के लिए 10 साल रहने के बाद 2012 में आवेदन किया था. उसके भी 10 साल बाद अब नागरिकता मिली है. जिन लोगों को नागरिकता मिली है, उनमें करतार कुमार, मुस्कान, शनिकवल, पूजा, सुनील, संजय, जीवंती, भारती, अक्षय व शिल्पा शामिल हैं. ये सभी लोग सिंधी समाज से हैं. ये लोग कोटा के बजरंग नगर, दादाबाड़ी और आरकेपुरम में निवास करते हैं.
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हमने तो ठीक से नहीं देखा पाकिस्तान: नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों में शामिल कुछ बच्चे भी हैं. जब उनका पाकिस्तान से विस्थापन हुआ, तब वे 2 से 3 साल के थे. उनकी पढ़ाई भी यहां पर ही हुई है. इन लोगों का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान को तो ठीक से देखा भी नहीं है, लेकिन भारत के बारे में उन्हें पूरी जानकारी है. इनमें करतार, मुस्कान, जीवंती, अक्षय और शिल्पा शामिल हैं. उनका कहना है कि यहां पर वे सुरक्षित और अच्छा महसूस करते हैं. उनका कहना है कि उनके परिजन यहां पर व्यापार के मकसद से आए थे और अब अच्छे से सेटल हो गए हैं.
हर साल एलटीवी बढ़ाने की झंझट से मिली मुक्ति: कोटा में रह रहे करीब 30 नागरिकों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया हुआ है. ये सभी लोग लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर भारत में ठहरे हुए हैं. ये हर साल वीजा को बढ़ाते हैं. पाकिस्तान के सिंध से आए 10 लोगों को नागरिकता मिल गई है. ऐसे में अब इन लोगों को एलटीवी (लॉन्ग टर्म वीजा) बढ़ाने के झंझट से मुक्ति मिल गई है. अभी भी करीब 20 लोग नागरिकता के लिए कतार में हैं.