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CBI Raid: सीबीआई ने कोटा रेल मंडल में मारा छापा...40 करोड़ रुपए के घोटाले की आशंका!

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की टीम ने कोटा रेलवे मंडल में छापेमारी की है. इस दौरान टीम ने 40 करोड़ (CBI raid in Kota Railway Division) रुपए से ज्यादा के घोटाले की आशंका जताई है. यह घोटाला मार्बल पाउडर भेजने से जुड़ा हुआ है जिसे फिटकरी पाउडर बताते हुए भेजा गया है.

CBI raid in Kota Railway Division
सीबीआई का छापा
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Published : Jun 16, 2022, 10:14 PM IST

Updated : Jun 16, 2022, 11:06 PM IST

कोटा. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की टीम ने कोटा रेलवे मंडल में छापेमारी की है. इस दौरान 40 करोड़ रुपए से ज्यादा के (CBI raid in Kota Railway Division) घोटाले की आशंका जताई जा रही है. . यह घोटाला मार्बल पाउडर भेजने से जुड़ा हुआ है जिसे फिटकरी पाउडर बताते हुए भेजा गया है. बताया जा रहा है कि ऐसी करीब 100 मालगाड़ियां कोटा से गुवाहाटी आसाम भेजी गईं हैं.

जिन्हें कोटा रेल मंडल के भरतपुर, कोटा, रावठा रोड और मांडलगढ़ माल गोदाम से आसाम गुवाहाटी भेजा गया. यह पूरा काम एक फार्म को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. इन्होंने एक भी मालगाड़ी में एलम पाउडर नहीं भेजा है. इसकी जगह पर मार्बल पाउडर ही भेजा गया है. जबकि रेलवे में ऑनलाइन ही रैक बुक होने के बाद ही यह माल भरा जाता है. सीबीआई के राडार पर इसमें 100 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. इस पूरे गड़बड़झाले के चलते रेलवे को 40 करोड़ के नुकसान पहुंचने की आशंका है.

पढ़ें. Alwar Big Scam: पीएम किसान सम्मान निधि में करोड़ों का घोटाला, 30 हजार किसान...74 हजार को बांटे रुपये

इस तरह से हुआ 40 करोड़ के गड़बड़झाले की आशंका: सीबीआई के अनुसार इन मालगाड़ियों में फिटकरी के नाम पर मार्बल पाउडर भेजा गया है. जबकि फिटकरी भेजने का किराया 1200 रुपए प्रति टन है. मार्बल पाउडर का किराया 2800 से 2900 रुपए प्रति टन है. एक मालगाड़ी में 60 डिब्बे होते हैं और एक डिब्बे में 42 टन से ज्यादा माल आता है. इन मालगाड़ियों में मार्बल पाउडर भेजा गया है, जिसमें एक मालगाड़ी से किराया करीब 70 लाख 56 हजार रुपए होना था. जबकि पैसा फिटकरी पाउडर की दर से 30 लाख 24 हजार वसूला है. ऐसे में एक मालगाड़ी में करीब 40 लाख 32 हजार रुपए से ज्यादा का नुकसान रेलवे को होने की आशंका है.

अभी तक 100 माल गाड़ियों की पुष्टि, जांच जारीः सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अभी 1 साल के रिकॉर्ड की जांच की गई है और स्टाफ से भी पूछताछ कर मौके से पाउडर के सैंपल भी लिए हैं. इसमें अभी तक भेजे गए माल में करीब 100 गाड़ियों की पुष्टि हो गई है. लेकिन अभी भी जांच जारी है. यह मालगाड़ियां जांच में बढ़कर ज्यादा हो सकती हैं. यह काम बीते कई सालों जारी है. इस पूरे सिस्टम में नीचे के छोटे कर्मचारियों से लेकर ऊपर बड़े अधिकारियों तक पूरी चेन बनी हुई है. इसके जरिए केवल एक ही फर्म को फायदा हुआ है. सीबीआई के सूत्रों ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है.

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10 से 15 लोगों की टीम ने एक साथ मारा छापाः सीबीआई सूत्रों के अनुसार 10 से 15 सदस्यों की टीम ने एक साथ भरतपुर, कोटा और मांडलगढ़ में छापा मारा था. सीबीआई की टीमों ने मौके से कागजातों को जब्त कर लिया है. इसके बाद अब इन कागजातों के आधार पर ही आगे की जांच की जाएगी. दूसरी तरफ रेलवे में इस पूरी कार्रवाई की चर्चा जोर शोर से हो रही है. कोटा से लेकर पश्चिम-मध्य रेलवे के हेड क्वार्टर जबलपुर तक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले की मॉनिटरिंग में लगे हुए कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

विजिलेंस पर भी सीबीआई को शक, रेलवे ने पहले शिकायत पर लगाया था जुर्मानाः सीबीआई सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में रेलवे विजिलेंस और लेखा विभाग की भूमिका की भी जांच कर सकती है. सीबीआई जानना चाहती है कि लंबे समय से चल रहे इतने बड़े घोटाले की भनक आखिर विजिलेंस और चल लेखा विभाग को क्यों नहीं लगी?. रेलवे के लेखा और विजिलेंस ने अपनी जांच में किसकी गलती मानी थी. इस मामले में पहले शिकायत भी सामने आई थी जिस पर रेलवे पहले गड़बड़ी मान चुकी थी. इसमें संबंधित फर्म पर जुर्माना भी लगा दिया था. हालांकि संवेदक ने इस जुर्माने को जमा कराने की जगह रेलवे ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी.

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रेलवे अपने आपको बता रहा पाक साफः रेलवे के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय का कहना है कि यह एक नॉर्मल जांच थी. इसमें किसी तरह का कोई गड़बड़झाला सामने नहीं आया है. एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाकर कोटा की विजिलेंस और सीबीआई की टीम ने एक नॉर्मल इंक्वायरी की है. अभी तो कुछ उन्होंने रिकॉर्ड नहीं लिया है. वे अधिकारिक रूप से रिकॉर्ड मांगेंगे, तब देख लेंगे. अधिकारियों को पूछताछ के लिए जयपुर बुलाने के सवाल पर भी उन्होंने इनकार कर दिया है. इस पूरे मामले को एक रेगुलर चेकिंग उन्होंने बताया है. साथ ही मालवीय ने यह भी कहा कि अभी तो चेक किया है फिटकरी और मार्बल पाउडर के मामले में कुछ बोल नहीं सकते हैं, लेकिन पूरा चेक होगा और असलियत बाद में ही सामने आएगी.

कोटा. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की टीम ने कोटा रेलवे मंडल में छापेमारी की है. इस दौरान 40 करोड़ रुपए से ज्यादा के (CBI raid in Kota Railway Division) घोटाले की आशंका जताई जा रही है. . यह घोटाला मार्बल पाउडर भेजने से जुड़ा हुआ है जिसे फिटकरी पाउडर बताते हुए भेजा गया है. बताया जा रहा है कि ऐसी करीब 100 मालगाड़ियां कोटा से गुवाहाटी आसाम भेजी गईं हैं.

जिन्हें कोटा रेल मंडल के भरतपुर, कोटा, रावठा रोड और मांडलगढ़ माल गोदाम से आसाम गुवाहाटी भेजा गया. यह पूरा काम एक फार्म को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. इन्होंने एक भी मालगाड़ी में एलम पाउडर नहीं भेजा है. इसकी जगह पर मार्बल पाउडर ही भेजा गया है. जबकि रेलवे में ऑनलाइन ही रैक बुक होने के बाद ही यह माल भरा जाता है. सीबीआई के राडार पर इसमें 100 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. इस पूरे गड़बड़झाले के चलते रेलवे को 40 करोड़ के नुकसान पहुंचने की आशंका है.

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इस तरह से हुआ 40 करोड़ के गड़बड़झाले की आशंका: सीबीआई के अनुसार इन मालगाड़ियों में फिटकरी के नाम पर मार्बल पाउडर भेजा गया है. जबकि फिटकरी भेजने का किराया 1200 रुपए प्रति टन है. मार्बल पाउडर का किराया 2800 से 2900 रुपए प्रति टन है. एक मालगाड़ी में 60 डिब्बे होते हैं और एक डिब्बे में 42 टन से ज्यादा माल आता है. इन मालगाड़ियों में मार्बल पाउडर भेजा गया है, जिसमें एक मालगाड़ी से किराया करीब 70 लाख 56 हजार रुपए होना था. जबकि पैसा फिटकरी पाउडर की दर से 30 लाख 24 हजार वसूला है. ऐसे में एक मालगाड़ी में करीब 40 लाख 32 हजार रुपए से ज्यादा का नुकसान रेलवे को होने की आशंका है.

अभी तक 100 माल गाड़ियों की पुष्टि, जांच जारीः सीबीआई सूत्रों का कहना है कि अभी 1 साल के रिकॉर्ड की जांच की गई है और स्टाफ से भी पूछताछ कर मौके से पाउडर के सैंपल भी लिए हैं. इसमें अभी तक भेजे गए माल में करीब 100 गाड़ियों की पुष्टि हो गई है. लेकिन अभी भी जांच जारी है. यह मालगाड़ियां जांच में बढ़कर ज्यादा हो सकती हैं. यह काम बीते कई सालों जारी है. इस पूरे सिस्टम में नीचे के छोटे कर्मचारियों से लेकर ऊपर बड़े अधिकारियों तक पूरी चेन बनी हुई है. इसके जरिए केवल एक ही फर्म को फायदा हुआ है. सीबीआई के सूत्रों ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है.

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10 से 15 लोगों की टीम ने एक साथ मारा छापाः सीबीआई सूत्रों के अनुसार 10 से 15 सदस्यों की टीम ने एक साथ भरतपुर, कोटा और मांडलगढ़ में छापा मारा था. सीबीआई की टीमों ने मौके से कागजातों को जब्त कर लिया है. इसके बाद अब इन कागजातों के आधार पर ही आगे की जांच की जाएगी. दूसरी तरफ रेलवे में इस पूरी कार्रवाई की चर्चा जोर शोर से हो रही है. कोटा से लेकर पश्चिम-मध्य रेलवे के हेड क्वार्टर जबलपुर तक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले की मॉनिटरिंग में लगे हुए कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

विजिलेंस पर भी सीबीआई को शक, रेलवे ने पहले शिकायत पर लगाया था जुर्मानाः सीबीआई सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में रेलवे विजिलेंस और लेखा विभाग की भूमिका की भी जांच कर सकती है. सीबीआई जानना चाहती है कि लंबे समय से चल रहे इतने बड़े घोटाले की भनक आखिर विजिलेंस और चल लेखा विभाग को क्यों नहीं लगी?. रेलवे के लेखा और विजिलेंस ने अपनी जांच में किसकी गलती मानी थी. इस मामले में पहले शिकायत भी सामने आई थी जिस पर रेलवे पहले गड़बड़ी मान चुकी थी. इसमें संबंधित फर्म पर जुर्माना भी लगा दिया था. हालांकि संवेदक ने इस जुर्माने को जमा कराने की जगह रेलवे ट्रिब्यूनल में चुनौती दी थी.

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रेलवे अपने आपको बता रहा पाक साफः रेलवे के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय का कहना है कि यह एक नॉर्मल जांच थी. इसमें किसी तरह का कोई गड़बड़झाला सामने नहीं आया है. एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाकर कोटा की विजिलेंस और सीबीआई की टीम ने एक नॉर्मल इंक्वायरी की है. अभी तो कुछ उन्होंने रिकॉर्ड नहीं लिया है. वे अधिकारिक रूप से रिकॉर्ड मांगेंगे, तब देख लेंगे. अधिकारियों को पूछताछ के लिए जयपुर बुलाने के सवाल पर भी उन्होंने इनकार कर दिया है. इस पूरे मामले को एक रेगुलर चेकिंग उन्होंने बताया है. साथ ही मालवीय ने यह भी कहा कि अभी तो चेक किया है फिटकरी और मार्बल पाउडर के मामले में कुछ बोल नहीं सकते हैं, लेकिन पूरा चेक होगा और असलियत बाद में ही सामने आएगी.

Last Updated : Jun 16, 2022, 11:06 PM IST

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