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पानी का इंजेक्शन लगाने का मामला: पुलिस ने दर्ज किया गैर इरादतन हत्या का मुकदमा, मृतका का बेटा बोला- दोषियों को हो फांसी

कोटा के एक अस्पताल में कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जगह पानी के इंजेक्शन लगा देने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले में अस्पताल प्रबंधक और दो नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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Published : May 20, 2021, 6:07 PM IST

Kota latest news,  Case of water injection in Kota
पानी का इंजेक्शन लगाने का मामला

कोटा. शहर के कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल से कोरोना मरीजों के लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराकर उन्हें ग्लूकोज को चढ़ा देने के मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक और दो नर्सेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मृतका मरीज माया के बेटे पुनीत रोहिड़ा ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए एक परिवाद दिया था.

पानी का इंजेक्शन लगाने का मामला

पढ़ें- रेमडेसिविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने का मामला, निजी अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू

परिवाद पर जवाहर नगर थाना पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. परिजनों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन, दो नर्सिंग कर्मी और इलाज में जुटे डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. मृतका माया के बेटे का कहना है कि उसकी मां की हत्या अस्पताल में की गई है और दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए.

रिपोर्ट के अनुसार मृतका के बेटे पुनीत का कहना है कि उनकी मां के इलाज के लिए चिकित्सकों ने जो भी दवा लिखे ते वो लेकर आए, लेकिन नर्सिंगकर्मियों ने उन्हें दवाई नहीं लगाई. इलाज के दौरान उनकी मां की मौत हो गई. इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है. पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी है.

जवाहर नगर थाना पुलिस का कहना है कि जो दवा मृतका मरीज माया के परिजनों ने लाकर दी थी, वह पूरी नहीं लगाई और उसको बेच दिया गया. इस संबंध में पहले भी महावीर नगर थाने में कार्रवाई जारी है. गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और अस्पताल के खिलाफ जांच की जा रही है.

पढ़ें- कोटा में कोरोना मरीज की रेमडेसिविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने से मौत, CMHO ने मानी निजी अस्पताल की लापरवाही

बता दें कि कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल में भर्ती महिला मरीज माया और रतनलाल के इंजेक्शन वहां कार्यरत नर्सिंग कर्मी मनोज कुमार रेगर ने चुरा लिए थे और उन्हें ग्लूकोज के इंजेक्शन चढ़ा दिए. साथ ही इंजेक्शन की कालाबाजारी कर बेचने की फिराक में मनोज कुमार और उसका भाई राकेश घूम रहा था, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

साथ ही दोनों के खिलाफ महावीर नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद जब मामले की जांच की गई तो सामने आया कि मृतका मरीज माया की उपचार के दौरान मौत हो गई. वहीं, दूसरा मरीज रतनलाल अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती है और उसका आईसीयू में इलाज जारी है.

भाई भी स्थिति गंभीर

पुनीत रोहिड़ा का कहना है कि उसकी मां माया की मौत 14 मई को हो गई. वहीं उसका भाई भी गंभीर रूप से एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती है, जहां पर उसकी भी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है.

कोटा. शहर के कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल से कोरोना मरीजों के लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन चुराकर उन्हें ग्लूकोज को चढ़ा देने के मामले में जवाहर नगर थाना पुलिस ने अस्पताल प्रबंधक और दो नर्सेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मृतका मरीज माया के बेटे पुनीत रोहिड़ा ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए एक परिवाद दिया था.

पानी का इंजेक्शन लगाने का मामला

पढ़ें- रेमडेसिविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने का मामला, निजी अस्पताल के खिलाफ जांच शुरू

परिवाद पर जवाहर नगर थाना पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है. परिजनों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल प्रबंधन, दो नर्सिंग कर्मी और इलाज में जुटे डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. मृतका माया के बेटे का कहना है कि उसकी मां की हत्या अस्पताल में की गई है और दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए.

रिपोर्ट के अनुसार मृतका के बेटे पुनीत का कहना है कि उनकी मां के इलाज के लिए चिकित्सकों ने जो भी दवा लिखे ते वो लेकर आए, लेकिन नर्सिंगकर्मियों ने उन्हें दवाई नहीं लगाई. इलाज के दौरान उनकी मां की मौत हो गई. इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है. पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और गैर इरादतन हत्या की धारा जोड़ी है.

जवाहर नगर थाना पुलिस का कहना है कि जो दवा मृतका मरीज माया के परिजनों ने लाकर दी थी, वह पूरी नहीं लगाई और उसको बेच दिया गया. इस संबंध में पहले भी महावीर नगर थाने में कार्रवाई जारी है. गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और अस्पताल के खिलाफ जांच की जा रही है.

पढ़ें- कोटा में कोरोना मरीज की रेमडेसिविर की जगह पानी का इंजेक्शन लगाने से मौत, CMHO ने मानी निजी अस्पताल की लापरवाही

बता दें कि कोटा हार्ट इंस्टिट्यूट के श्रीजी अस्पताल में भर्ती महिला मरीज माया और रतनलाल के इंजेक्शन वहां कार्यरत नर्सिंग कर्मी मनोज कुमार रेगर ने चुरा लिए थे और उन्हें ग्लूकोज के इंजेक्शन चढ़ा दिए. साथ ही इंजेक्शन की कालाबाजारी कर बेचने की फिराक में मनोज कुमार और उसका भाई राकेश घूम रहा था, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

साथ ही दोनों के खिलाफ महावीर नगर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद जब मामले की जांच की गई तो सामने आया कि मृतका मरीज माया की उपचार के दौरान मौत हो गई. वहीं, दूसरा मरीज रतनलाल अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती है और उसका आईसीयू में इलाज जारी है.

भाई भी स्थिति गंभीर

पुनीत रोहिड़ा का कहना है कि उसकी मां माया की मौत 14 मई को हो गई. वहीं उसका भाई भी गंभीर रूप से एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती है, जहां पर उसकी भी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है.

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