मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है !
पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है !!
कोटा. ये पंक्तियां कोटा के इस भाई-बहन पर सटीक बैठती हैं, जिन्होंने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिससे आज के युवा कठिन से कठिन टॉपिक को आसानी से समझ सकते हैं.
ये कोटा के रहने वाले अर्णव और आशिता हैं. अर्णव कक्षा 10वीं के स्टूडेंट हैं. उन्होंने इंडियन नेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलिंपियाड में क्वालीफाई किया है. सीबीएसई की ओर से होने वाली आर्यभट्ट गणित के रेंज में भी कोटा से कुल चयनित 14 बच्चों में शामिल रहे हैं. तो वहीं, आशिता कक्षा 11वीं की स्टूडेंट हैं. उन्होंने इंडियन मैथमेटिकल ओलंपियाड, इंडियन नेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलिंपियाड, एनएमटीसी इंटर किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना स्टेज वन में क्वालीफाई किया है.
कठिन विषय के लिए कर रहे हैं नए इनोवेशन
कोटा के राजीव गांधी नगर निवासी भाई-बहन साइंस और मैथ्स जैसे कठिन विषय की पढ़ाई के लिए नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं. दोनों ने अब तक 250 से अधिक साइंस मॉडल्स तैयार किए हैं, जिनकी सहायता से कई मुश्किल से मुश्किल टॉपिक आसानी से समझा जा सकता है. इन दोनों ने इसके लिए एक स्टार्टअप भी लॉन्च किया है और 5 स्कूलों में साइंस लर्निंग लैब बना चुके हैं. दोनों ने तय किया है कि वे रोज एक साइंस का मॉडल तैयार करेंगे.
IIT मुंबई गए तो आईडिया आया
इनोवेशन में जुटी आशिता का कहना है, कि वह अपने पैरंट्स के साथ बचपन में आईआईटी मुंबई के एक टेकफेस्ट को देखने गए थे. टेकफेस्ट में आरसी कार, आरसी प्लेन, रोबोटिक्स और ड्रोन थे. उनका कहना है, कि वहां देख कर ऐस लगा कि ये हम भी कर सकते हैं.
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आशिता ने बताया, कि इसमें पिता से हमें सपोर्ट मिला और उन्होंने हमें रिसोर्स उपलब्ध करवाएं. इसके बाद माइक्रोकंट्रोलर्स के बारे में हमने सीखा. उसके बाद इनोवेशन जैसे शुरू हुआ तो हम टेक्नोलॉजी से कनेक्ट हो गए और उसमें ही आगे बढ़ते रहें. उन्होंने बताया, कि इसके बाद इनोवेशन पर इनोवेशन करते गए और अब खुद का स्टार्टअप तैयरा किया है.
पूरे घर में लगा रखे हैं मॉडल
आशिता और अर्णव ने अपने पूरे घर में खुद से बनाए विज्ञान और गणित के मॉडल लगा रखे हैं. वे जहां पर स्टडी करते हैं, उस पूरे रूम को भी साइंस और मैथ्स के मॉडल और डिजाइन से ही भरा हुआ है. उनके घर में भी कई तरह के मॉडल्स और पोस्टर्स रखे हुए हैं, जो साइंस और मैथ की जानकारी देते हैं.
इन मॉडल्स में फिजिक्स, मैथ्स, एसएसटी के फार्मूले के साथ पाइथागोरस, कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री, भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, कॉनिक सेक्शन, ऐलजेब्रा आईडेंटिटी की पढ़ाई की जा सकती है. दोनों का लक्ष्य है कि वह लगातार इस तरह के मॉडल बनाते रहे.
डेफ और डंप बच्चों के मदद के लिए भी बनाई डिवाइस
दोनों ने अपने स्टार्टअप के जरिए सोशल कॉज भी शुरू कर दिया है. जिसमें ब्लाइंड, डेफ और डंप बच्चों की पढ़ाई के लिए संसाधन बनाए हैं. उन्होंने ब्रेल और टॉकिंग पिरियोडिक टेबल भी बनाई है. इसके अलावा टॉकिंग पीरियोडिक टेबल के लिए एक मैग्नेटिक डिवाइस बनाई है. इसमें 118 तत्वों की 16 प्रकार की जानकारियां इंग्लिश और हिंदी में स्टोर की हुई है. डिवाइस को छूते ही संबंधित तत्व के बारे में जानकारियां बता देती है.