कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG 2022) में हुई गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने वाले कोटा के एलन कोचिंग संस्थान के निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने अब प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE ADVANCED 2022) का मुद्दा भी उठाया है. कोटा समेत देशभर के कई परीक्षा केंद्रों पर 28 अगस्त को आयोजित हुई JEE ADVANCED 2022 परीक्षा कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड पर हुई थी. जिसमें हजारों विद्यार्थियों को 300 प्रतिशत जूम पर प्रश्न पत्र मिला था.
ऐसे में विद्यार्थी उसे जूम आउट नहीं कर सके हैं. परीक्षा केंद्रों पर मौजूद इनविजीलेटर और स्टाफ से कई बार उन्होंने गुहार की, लेकिन इस तकनीकी समस्या को सेंटर की नहीं होकर आईआईटी स्तर से होना बताकर पल्ला झाड़ लिया था. ऐसे में विद्यार्थियों को 300 फीसदी जूम पर ही प्रश्नों को पढ़ना पड़ा. उनका काफी समय प्रश्नों को पढ़ने में चला गया. जिससे उनके पेपर बिगड़ गए थे. ये परीक्षा दो शिफ्ट में होती है. दोनों ही शिफ्ट में विद्यार्थियों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है. इस संबंध में शनिवार को बृजेश माहेश्वरी ने कई विद्यार्थियों के साथ मुलाकात की और नीट परीक्षा की तरह ही जेईई एडवांस में भी पट्टी बांधकर विरोध शुरू कर दिया है.
उन्होंने एक ज्ञापन भी तैयार किया है, जिसे कोटा जिला कलेक्टर के जरिए आईआईटी मुंबई को भेजा जाएगा. इस पत्र में उन्होंने जेईई एडवांस 2022 की परीक्षा में जिन विद्यार्थियों के साथ गड़बड़झाला हुआ है, उनकी दोबारा परीक्षा लेने की मांग की है. आपको बता दें कि आईआईटी बॉम्बे को भी इस संबंध में शिकायत कई विद्यार्थियों के पैरंट्स ने भी की है, लेकिन आईआईटी बॉम्बे से कोई जवाब नहीं मिला है.
प्रश्न पढ़ने में समय गया हमारे क्वेश्चन छूट गएः बृजेश माहेश्वरी से मुलाकात में विद्यार्थियों ने परीक्षा के दौरान (Brijesh Maheshwari demand JEE Advanced reexam) हुई समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. विद्यार्थियों ने उन्हें बताया कि कंप्यूटर में जूम में होने के चलते उनके कई प्रश्न छूट गए. एक विद्यार्थी का कहना है कि उसके पहली और दूसरी पारी में आठ-आठ प्रश्न छूट गए. जबकि वह उन प्रश्नों को हल कर सकता था. साथ ही उसका यह भी कहना है कि उसने जितने प्रश्न किए हैं, उसमें काफी अच्छे स्कोर आ रहे हैं, लेकिन 16 प्रश्न छूट जाने के चलते उसका सिलेक्शन कम रैंक वाले संस्थानों में होगा.
पहली पारी में पेपर देने के बाद बिगड़ गई थी तबीयतः एक पैरंट्स ने बृजेश महेश्वरी को बताया है कि उनकी बेटी का पहली पारी का पेपर 300 पर्सेंट जूम स्क्रीन होने के चलते बिगड़ गया था. उसके कई प्रश्न छूट गए. जिसके बाद वह रोती हुई सेंटर के बाहर आई. दूसरी पारी का पेपर देने से भी इनकार कर दिया था. हालांकि बाद में परिजनों ने जब दोबारा बेटी से बात की, तब वह घर एग्जाम देने के लिए तैयार हुई थी.
लास्ट अटेंप्ट था, अब सिलेक्शन गड़बड़ी के चलते नहीं होगाः बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि JEE ADVANCED परीक्षा (Demand of JEE Advanced reexam) के लिए दो अटेंप्ट ही विद्यार्थियों के पास रहते हैं. ऐसे में जिन विद्यार्थियों के साथ दूसरे अटेम्प्ट के दौरान इस तरह का गड़बड़झाला हुआ है. उन्हें काफी नुकसान हो गया है. बच्चा 2 साल तक लगातार इन परीक्षाओं की तैयारी करता है और बड़ी मुश्किल से JEE MAIN से टॉप ढाई लाख में आकर सिलेक्ट होता है. जिसके बाद ही जेईई एडवांस के लिए काबिल होता है. जब इस तरह की परीक्षा में गड़बड़झाला होगा, तब बच्चे का सब कुछ खत्म हो जाता है. इससे बच्चा हताश और निराश होता है. इसीलिए बच्चों की हर संभव मदद के लिए वे मैदान में उतरेंगे.
कोटा में हुआ था जमकर हंगामा: कोटा के रानपुर में शिव ज्योति इंटरनेशनल स्कूल में सेंटर आया (Ruckus at JEE Advanced Exam Center) था. इसके अलावा अन्य सेंटरों पर भी इस तरह की शिकायतें मिली थी. जहां पर सैकड़ों की संख्या में बच्चों के साथ इस तरह का गड़बड़झाला हुआ था. जिसको लेकर काफी हंगामा भी पेरेंट्स में किया था. उन्होंने लिखित में शिकायत स्कूल से लेना चाहा, लेकिन इस स्कूल ने लिखित में नहीं दिया था. इसके बाद पैरंट्स की शिकायतों पर ही स्कूल में अपने सील लगाकर उन्हें दी थी. कई पैरंट्स ने परीक्षा करवाने के लिए सेंटर पर मौजूद आईआईटी के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी. साथ ही परीक्षा करवाने के लिए सेंटर पर मौजूद टीसीएस के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी. सेंटर पर पेरेंट्स के हंगामे को देखते हुए खुद एडिशनल एसपी प्रवीण जैन भी मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने भी परिजनों से समझाइश की थी. कई पेरेंट्स के पास स्कूल को दी गई शिकायत की प्रति भी है.