कोटा. वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकान को ना तोड़ने की एवज में 30 हजार की रिश्वत लेने के मामले में 25 हजार की रिश्वत लेते हुए बंद कर रक्षक एमपी वर्मा और उसके दलाल वीरम और चाय की थड़ी चलाने वाले दूसरे दलाल विजय गुर्जर को कोटा एसीबी ग्रामीण की टीम ने शुक्रवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया. जहां से दोनों को 7 फरवरी तक जेल भेज दिया है.
गौरतलब है कि परिवादी घनश्याम गुर्जर ने कोटा एसीबी ग्रामीण को परिवाद देते हुए कहा था कि वनरक्षक उसके मकान को तोड़ने की एवज में लगातार रिश्वत के लिए धमका रहा है. जिस पर कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी प्रेरणा शेखावत की टीम ने गुरूवार को वर्मा और उसके दो दलाल वीरम और विजय गुर्जर को गिरफ्तार किया था. जहां से दोनों को आज कोर्ट में पेश किया गया था.
बता दें कि कोर्ट ने शुक्रवार को तीनों को जेल भेजने के आदेश सुनाए हैं. साथ ही एसीबी ने जब उसके घरों की तलाशी ली तो उसमें बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टी के कागजात एसीबी को मिले हैं. साथ ही उसके दो घर और दो हॉस्टल होने की जानकारी भी एसीबी को मिली है. ऐसे में यह संपत्ति करोड़ों रुपए की आंकी जा रही है. एसीबी को अंदेशा है कि वह प्रॉपर्टी का व्यवसाय भी करता है.
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आरोपी एमपी वर्मा का पांच मंजिला हॉस्टल बारां रोड पर नए कोचिंग संस्थान के सामने बन रहा है. वहीं, एक हॉस्टल 24 स्क्वायर फिट का रानपुर में मिला है. जहां पर 15 कमरे हैं. साथ ही 2 दुकानें भी है जो किराए पर दी हुई है. आरोपी वर्मा का मुख्य मकान खेडली फाटक में मिला है. जहां पर वह रहता है. इस मकान में एक अन्य मकान और प्रॉपर्टीज के डॉक्यूमेंट मिले हैं.