कोटा. भाजपा का कोटा दक्षिण विधानसभा में वर्चस्व हमेशा रहा है. यहां से लगातार पांचवी बार भाजपा का ही विधायक चुना गया है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने भाजपा को नगर निगम चुनाव में कड़ी चुनौती दी है. यहां पर मामला बराबरी पर आकर खड़ा हो गया है. कोटा दक्षिण में जो 8 निर्दलीय पार्षद हैं, उन्हीं के सहारे बोर्ड बनेगा.
कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा ने बताया कि हमारे पास 40 वार्ड पार्षद हैं और हम भाजपा का बोर्ड बनाने जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा का बोर्ड अच्छा काम भी करेगा. उन्होंने कहा कि 5 निर्दलीय जो भाजपा की विचारधारा के हैं, वह भी हमें समर्थन कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने बाड़ेबंदी के सवाल पर कहा कि यह एक नॉर्मल प्रक्रिया है. इसमें बाड़ेबंदी जैसा कुछ भी नहीं है, हमारे जीते हुए सभी पार्षद हैं. उनको एक जगह रखा गया है ताकि जो भी कार्रवाई हो वह तुरंत हो सके.
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संदीप शर्मा ने कहा कि स्थानीय चुनाव में कई छोटे मुद्दे भी रहते हैं. भाजपा के प्रत्याशी जीत के आए हैं, वहां अंतर काफी ज्यादा है. साथ ही जहां निर्दलीय जीते हैं, वहां पर दूसरे नंबर पर भाजपा का प्रत्याशी रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे वोट बैंक में कोई चेंज नहीं हुआ है, लेकिन कुछ समीकरणों की वजह से कहीं ना कहीं हमें थोड़ा सा नुकसान हुआ है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने मनमाकिफ और अनुकूल तरीके से वार्डों का परिसीमन कर उन्हें डिवाइड किया है.
बता दें, दक्षिण विधानसभा का पूरा एरिया दक्षिण नगर निगम में आता है. कुछ एरिया रामगंजमंडी और लाडपुरा विधानसभा का भी है, जिसमें से 80 वार्डों में कांग्रेस 36 उम्मीदवारों को जिताने में सफल रही है. इसी तरह से भाजपा के भी 36 उम्मीदवार जीते हैं. वहीं 8 वार्डों पर निर्दलीयों का कब्जा रहा है. पूरे दक्षिण विधानसभा की ही बात की जाए तो 56 में से 25 कांग्रेस और 25 बीजेपी के जीत के आए हैं. बाकी 6 पर निर्दलीय हैं.