कोटा. निर्दलीय और भारतीय जनता पार्टी के बागी पार्षदों ओम गुंजल कांग्रेस और भाजपा दोनों की बाड़ेबंदी में शामिल नहीं हुए थे. वे एकमात्र पार्षद थे, जो शहर में अकेले ही थे. अब वे मंगलवार को महापौर पद के लिए होने वाले मतदान में वोट करने पहुंचे हैं. जहां पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा के एक बड़े नेता के दबाव में मेरा टिकट काटा गया है.
BJP के बागी ओम गुंजल निर्दलीय पार्षद बने हैं. वह कांग्रेस और भाजपा दोनों की बाड़ेबंदी में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा के एक बड़े नेता के दबाव में मेरा टिकट काटा गया है. भाजपा का प्रदेश नेतृत्व और शीर्ष नेता मेरे से संपर्क कर रहे थे. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी मेरे से संपर्क किया है. रात 2:00 बजे तक मेरी उनसे बात हुई है लेकिन मत देना मेरा अधिकार है. मैं जिसको भी अपना वोट दूंगा, मेरी मर्जी से ही दूंगा. साथ ही उन्होंने काह कि मेरा वोट कोटा दक्षिण नगर निगम में महापौर पद के लिए होने वाले निर्वाचन में निर्णायक भी साबित होगा.
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ओम गुंजल ने कहा कि वह शहर के विकास के लिए ही वोट करेंगे. नगर निगम में जो व्यवस्थाएं हैं, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, सेल परमिशन और भवन निर्माण की स्वीकृतियां वे सभी काम समय पर हो, इसके लिए ही वे अपना मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले बोर्ड में भी वह पार्षद रहे थे और अच्छा काम उन्होंने किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े नेता के दबाव में उनका टिकट काट दिया गया है. हालांकि जनता ने उन्हें अच्छे मतों से जीता कर नगर निगम में दोबारा निर्दलीय ही निर्वाचित कर दिया है.