कोटा. भारतीय जनता पार्टी चंबल कार हादसे मामले (Bjp leaders statement on kota chambal accident) में आक्रामक हो गई. दुर्घटना के लिए कोटा में चल रहे विकास कार्यों को जिम्मेदार बताया है. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि चरणबद्ध तरीके से कोटा में विकास कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं. पेनल्टी कॉर्नर ठेकेदारों को दिखाया जाता है जिसके चलते वे सब जगह एक साथ खुदाई शुरू कर देते हैं. आनन-फानन में कार्य करवाया जा रहा है तो उससे काम की क्वालिटी में भी अंतर नजर आ रहा है और हादसे भी हो रहे हैं.
चंबल नदी में आज सुबह एक कार हादसा (kota chambal Accident) हो गया जिसमें दूल्हा और उसके सगे-संबंधियों सहित नौ जनों की मौत हो गई है. इस हादसे में भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई है. उन्होंने इस पूरे मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और कोटा में चल रहे विकास कार्यों को जिम्मेदार ठहराया है. इन लोगों का कहना है कि चरणबद्ध तरीके से कोटा में विकास कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं.
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि पूरे शहर को खोद कर रखा हुआ है. जगह-जगह डायवर्जन है और इन कामों को जल्द पूरा करने के लिए स्वायत्त शासन मंत्री लगातार ठेकेदारों पर लाखों-करोड़ों का जुर्माना लगा रहे हैं. इस जुर्माने से बचने की आपाधापी में ठेकेदार सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कर रहे हैं जिससे काम भी लो क्वालिटी का हो रहा है.
राजावत ने मांगा प्रति मृतक 20 लाख रुपए का मुआवजा
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रत्येक मृतक आश्रित को 20 लाख रुपए की सहायता दी जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चंबल नदी पर रिवरफ्रंट निर्माण के दौरान 15 दिन में 3 मौतें हो गईं हैं. शहर में चल रही सीवरेज लाइन के काम में गड्ढों में गिरकर भी चार मौतें हो गईं थीं. शहर भर में सैकड़ों विकास कार्यों में दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है. कांग्रेस सरकार का मुश्किल से डेढ़ साल बचा है और इस अवधि में शांति धारीवाल इन कामों के उद्घाटन करवा कर विकास का श्रेय लेना चाहते हैं. इसी के चलते चरणबद्ध तरीके से विकास कार्य नहीं करवा कर एक साथ करवाया जा रहा है.
हादसे की हो उच्चस्तरीय जांच
कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा भी हादसे की जानकारी पर मोर्चरी पहुंचे जहां परिजनों को सांत्वना दी. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने साफ तौर पर प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और विकास कार्यों को करवाने में जुटी एजेंसी और सरकार पर ही हमला बोला. संदीप शर्मा ने कहा कि इस पूरे हादसे की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही मेज नदी पर हुए हादसे के बाद भी चंबल की रियासत कालीन पुलिया पर मुंडेर बनाने का काम नहीं हुआ है.
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उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में लगे हुए ठेकेदारों पर लगातार पेनल्टी की बात कही जा रही है. उन्हें डरा धमका कर तुरंत आनन फानन में काम करवाए जा रहे हैं. इसके चलते शहर के सभी जगहों पर चौराहों और डायवर्जन के रास्तों को खोद दिया गया है. इसी के चलते यह हादसा हुआ है. डायवर्जन वाले रास्तों पर वाहन चालकों के लिए कोई सुविधा नहीं दी गई है. इसके पहले भी रिवर फ्रंट पर कई हादसे हो चुके हैं.
मंत्री धारीवाल बोले- सीएम ने जारी किए हैं आर्थिक सहायता के निर्देश
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी कोटा दौरे पर हैं. वह सुबह से ही शहर के विकास कार्यों का जायजा ले रहे हैं. मंत्री शांति धारीवाल ने भी चंबल नदी की छोटी पुलिया पर हुए कार हादसे पर शोक व्यक्त किया है. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं. प्रशासन को त्वरित राहत व बचाव कार्य के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने नियमों में शिथिलता देते हुए प्रत्येक मृतक आश्रित को 2 लाख व एक परिवार में दो व्यक्तियों की मृत्यु होने पर प्रत्येक परिवार को 5 लाख की सहायता देने के निर्देश दिए हैं.
सीएम ने जताया दुख, आर्थिक सहायता की घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा के नयापुरा पुलिया क्षेत्र में रविवार को बारातियों का वाहन चम्बल नदी में गिरने से हुए हादसे में 9 लोगों की मृत्यु को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. सीएम ने मृतक आश्रितों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की. पीएचईडी मंत्री महेश जोशी और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रफीक खान जयपुर में मृतकों के घर गए और परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने मृतकों के आश्रितों को सहायता राशि चेक भी वितरित किए. सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव एवं खण्डार विधायक अशोक बैरवा ने चौथ का बरवाड़ा जाकर मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाया और मृतक आश्रितों को सहायता राशि के चेक दिए.