कोटा. स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा को लेकर शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट में मीटिंग ली. इस दौरान उन्होंने अभय कमांड सेंटर के मुद्दे को लेकर पुलिस के अधिकारियों की जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि अभय कमांड सेंटर पुलिस का नहीं है. दूसरे विभाग भी इसको उपयोग में ले सकते हैं.
बात दें कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत कोटा में चल रहे काम और पूरे हो चुके कार्यों की समीक्षा करने के लिए स्वायत शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा कोटा आए. जहां पर उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट में स्मार्ट सिटी से जुड़े विभागों के नगर निगम, यूआईटी और पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन के साथ मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने अभय कमांड सेंटर के मुद्दे को लेकर पुलिस के अधिकारियों की जमकर खिंचाई की. उन्होंने साफ कहा कि अभय कमांड सेंटर पुलिस का नहीं है. उसको दूसरे विभाग भी उपयोग में ले सकते हैं.
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भवानी सिंह देथा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी की प्रोग्रेस अच्छी चल रही है. वर्क आर्डर काफी हद तक दे दिए गए हैं. कुछ जो बाकी है, वे 7 मार्च से पहले कर दिए जाएंगे. सेंट्रल गवर्नमेंट की जो भी दूसरी स्कीम में चल रही है, स्वच्छ भारत अभियान उनके बारे में बातचीत की है. पूरा काम रफ्तार पकड़ने लग गया. अभय कमांड सेंटर का पहले बना था, उसमें आज के हिसाब से स्वच्छता का सर्विलांस भी कर सकते हैं.
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साथ ही देथा ने कहा कि पुलिस का जो ट्रैफिक मैनेजमेंट है. हम होमवर्क कर रहे हैं कि सभी स्मार्ट सिटी में लगे हुए कैमरों को कैसे अभय कमांड के जरिए उपयोग लिया जाए. इसमें कुछ कैमरों का गैप कम करेंगे. कई जगह लाइनों को बेहतर कर सकते हैं, आम नागरिक को भी इसका एडवांटेज मिलना चाहिए. पुलिस को तो इसका एडवांटेज मिली रहा है. नागरिक का जीना बेहतर भी इससे कर सकते हैं.
दूसरी एजेंसी अभय कमांड का यूज करे, ऐसी कर रहे है प्लानिंग
देथा ने कहा कि नगर निगम भी इसका यूज ले और एजेंसी भी इसका उपयोग कर सकती है. अभय कमांड सेंटर केवल पुलिस का नहीं है, लॉ एंड ऑर्डर और शहर में किसी भी तरह की क्राइसिस हो तो इसकी पूरी कमेटी बनी हुई है. इसमें अभी कॉल आते हैं, इसलिए पुलिस इसका उपयोग करती है. इसके अलावा रिकॉर्डिंग भी होती है. जिसके आधार पर मल्टीपल यूज किया जा सकता है. केवल उपयोग करने वाला होना चाहिए. इस बैठक में जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत, यूआईटी सचिव भवानी सिंह पालावत, नगर निगम व यूआईटी के साथ स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे.