कोटा. शहर के कुन्हाड़ी थाना इलाके में हॉस्टल मालिक व महिला वार्डन के बीच हुए विवाद में महिला को घसीट कर हॉस्टल से बाहर निकालने के मामले में चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. इस मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने हस्तक्षेप किया था और सरकार की छवि को धूमिल करने वाला प्रकरण बताया. जिसके बाद शहर एसपी ने एसआई समेत चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें लाइन हाजिर कर दिया है.
साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक भगवंत सिंह हिंगड़ को जिम्मेदारी सौंपी है. जानकारी के मुताबिक कुन्हाड़ी हाउसिंग बोर्ड स्थित एक हॉस्टल को अप्रैल माह से मौखिक लीज पर मीनाक्षी मीणा संचालित कर रही थी. उसका हॉस्टल मालिक पीयूष जैन से राशि को लेकर कोई विवाद हो गया था. इस मामले में उसने कुन्हाड़ी थाने में परिवाद दिया था.
इस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और दो दिन पहले रात को पीयूष जैन पुलिस को लेकर हॉस्टल पहुंचा. उसे बाहर निकलने के लिए कहा, वहीं मना करने पर पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने महिला को घसीटते हुए हॉस्टल से बाहर ले गई. पुलिसकर्मियों द्वारा महिला को घसीटने की पूरी वारदात वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है.
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पीड़ित मीनाक्षी का कहना है कि वह गर्भवती है और लगातार गुहार लगाती रही कि उसे इस तरह नहीं घसीटा जाए, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी. इस मामले में पुलिस ने की बर्बरता को मीडिया ने उठाया, तब पुलिस की आंख खुली. यह पूरा मामला स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल तक पहुंचा. इसके बाद उन्होंने शहर एसपी दीपक भार्गव को फोन कर नाराजगी जाहिर की.
साथ ही इस मामले में पुलिस के अत्याचार से सरकार की बदनामी होने की बात कही. जिसके बाद शहर एसपी दीपक भार्गव ने इस पूरे मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक द्वितीय भगवंत सिंह हिंगड़ को सौंपी है. साथ ही जांच होने तक सब इंस्पेक्टर मोहनलाल, कांस्टेबल गीता, शारदा और भरतराज को लाइन हाजिर कर दिया है. वहीं आपकों यह भी बता दें कि अब इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद अब कुन्हाड़ी थाना पुलिस की मुश्किलें और बढ़ सकती है.